आज हम यहां कर्तृ वाच्य की परिभाषा एवं उदाहरण के बारे में बात करने वाले है। इससे पहले हमने आपको वाच्य के दोनों ही भेद यानी भाव वाच्य और कर्म वाच्य के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी थी। यदि आप अब तक कर्म वाच्य और भाव वाच्य किसे कहते हैं के बारे में नहीं जानते हैं, तो हमारे पिछले पोस्ट में जाकर आप पढ़ सकते हैं।
हम यहां कर्तृ वाच्य किसे कहते है, कर्तृ वाच्य का प्रयोग कहाँ होता है आदि के बारे में बात करेंगे, क्योंकि इस विषय से सबंधित प्रश्न अक्सर परीक्षाओं में पूछ लिए जाते हैं। तो चलिए फिर बिना देर किए इस लेख को शुरू करते है और जानते है कर्तृ वाच्य की परिभाषा क्या है –
Table of Contents
कर्तृ वाच्य किसे कहते हैं
हिंदी व्याकरण में, कर्तृ वाच्य वाक्य में क्रिया के कर्ता को दर्शाने वाले शब्दों को कहते हैं। यह शब्द क्रिया के कर्ता की पहचान कराते हैं और क्रिया के व्याप्ति को स्पष्ट करते हैं।
कर्तृ वाच्य शब्द को दो तरह से समझा जा सकता है, जैसे –
- प्रथम पुरुष
- तृतीय पुरुष
प्रथम पुरुष
कर्तृ वाच्य शब्दों का इस्तेमाल विशेषकर वाक्यों में अपनी स्वयं की क्रिया के कर्ता को दर्शाने के लिए किया जाता है।
जैसे कि –
मैं बाजार जाता हूँ
मैं पढ़ता हूँ
मैं गाना गाता हूँ
ऊपर दिए गए वाक्यों में ‘मैं’ कर्तृ वाच्य शब्द है, जो यह दिखाता है कि क्रिया का कर्ता मुख्यतः वाक्य कर्ता यानी बोलने वाला है।
तृतीय पुरुष
कर्तृ वाच्य शब्दों का इस्तेमाल विशेषकर वाक्यों में दूसरे व्यक्ति के क्रिया के कर्ता को दर्शाने के लिए किया जाता है।
जैसे कि –
राम बाजार जाता है
राम पढ़ता है
राम गाना गाता है
ऊपर दिए गए वाक्यों में राम कर्तृ वाच्य शब्द है, जो यह दिखाता है कि क्रिया का कर्ता कोई अन्य व्यक्ति है जो किसी कार्य को कर रहा है।
कर्तृ वाच्य के परिभाषा क्या है
ऐसे वाक्य जिनमें कर्म की प्रधानता ना होकर कर्ता की प्रधानता अधिक होती है, उन्हें कर्तृ वाच्य कहां जाता है। दूसरे शब्दों में कहे, तो जिन वाक्यों का मूल बिंदु कर्म नहीं होता बल्कि कर्ता होता है, उसे कर्तृ वाच्य कहते हैं।
जैसे कि –
- मौसी जी साड़ी खरीद रही है।
- प्याली संगीत बजाती है।
- राम पढ़ाई करता है।
- बच्चों ने फुटबॉल मैच देखा।
- पंकज रोटी खाता है।
- मैंने दूध पिया।
कर्तृ वाच्य के उदाहरण
यहां हम कर्तृ वाच्य से संबंधित कुछ उदाहरण बता रहे हैं, जिनके माध्यम से आप कर्तृ वाच्य क्या है, के बारे में और विस्तार से जान जाएंगे –
- राम और श्याम पुस्तक पढ़ता है।
- गीता भोजन बना रही है
- मेघा ने सुंदर गीत गाया।
- दिनेश ने पत्र लिखा।
- मैं संस्कृत लिख सकता हूँ।
- आज बच्चे विद्यालय नहीं जा सकते।
- आज टेलीविजन देखना है।
- सीता विद्यालय जाती है।
- राधा ने कृष्ण को पत्र लिखे।
- मेले में बच्चों ने बहुत मिठाइयां खाई।
- राम कपड़े खरीदना है।
कर्तृ वाच्य का प्रयोग कहां किया जाता है
कर्तृ वाच्य का प्रयोग हिंदी में विभिन्न स्थानों में किया जाता है, जिनके बारे में हम यहां विस्तार से बता रहे हैं। जैसे कि-
साधारण क्रियाएं
वाक्य में जब कोई व्यक्ति किसी क्रिया को कर रहा है तो वहां कृत वाच्य का प्रयोग होता है। इससे व्यक्ति की पहचान होती है और क्रिया का कर्ता स्पष्ट होता है।
जैसे कि –
- राम पढ़ रहा है (यहां ‘राम’ कर्तृ वाच्य शब्द है)
- मैं गाना गा रही हूँ (इस वाक्य में ‘मैं’ कर्तृ वाच्य शब्द है)
सहायक क्रियाएं
हिंदी भाषा में सहायक क्रियाएं उपयोग की जाती है, जो किसी प्राथमिक क्रिया के साथ काम करती है। कर्तृ वाच्य का प्रयोग इन सहायक क्रियाओं के कर्ता को दर्शाने के लिए किया जाता है।
जैसे कि –
- उसने खाना खा लिया (इस वाक्य में ‘उसने’ कर्तृ वाच्य शब्द है)
- हमने किताब पढ़ ली (यहां ‘हमने’ कर्तृ वाच्य शब्द है)
प्रश्नोत्तरी
कर्तृ वाच्य का प्रयोग प्रश्नोत्तरी भागों में उत्तर देने के लिए भी किया जाता है। यह क्रिया के कर्ता को प्रदर्शित करती है।
जैसे कि –
- तुमने किताब पढ़ी? (इस वाक्य में ‘तुमने’ कर्तृ वाच्य शब्द है)
कर्तृ वाच्य का प्रयोग इन स्थितियों में किया जाता है ताकि क्रिया के कर्ता की पहचान हो सके और वाक्य का अर्थ स्पष्ट हो सके।
कर्तृ वाच्य को कैसे पहचाने
कई ऐसी बातें हैं जिन्हें ध्यान में रखने पर आसानी से वाक्यों में कृत वाच्य शब्दों को पहचान की जा सकती है यहां हम उन्हीं तत्वों के बारे में आपको बता रहे हैं। जैसे-
क्रिया धारक
कर्तृ वाच्य का पहला तत्व है क्रिया धारक, जिसका कार्य किसी क्रिया को करना होता है। आपको वाक्य में व्यक्ति या वस्तु को खोजना होगा जो किसी कार्य को कर रही होते है।
कर्तृ वाच्य शब्द
वाक्य में कर्तृ वाच्य रूप में उपयोग होने वाले शब्दों की पहचान करें। कर्तृ वाच्य शब्द वाक्य में क्रिया के कर्ता को दर्शाने के लिए प्रयोग होते हैं। यह शब्द वाक्य में किसी व्यक्ति की गुणवत्ता, लिंग और वचन के आधार पर बदलते हैं। कर्तृ वाच्य शब्द आमतौर पर वाक्य में क्रिया से पहले प्रतिष्ठित होते हैं।
कर्म
वाक्य में कर्तृ वाच्य के साथ जुड़े हुए क्रिया को पहचाने क्योंकि कर्तृ वाच्य शब्द क्रिया के साथ संयुक्त रूप में प्रयोग होते हैं।
कर्तृ वाच्य से कर्मवाच्य में परिवर्तन करने के नियम
अक्सर कर्तृ वाच्य शब्दों के अंत में ‘ने’ अक्षर का प्रयोग होता है। तो यदि शब्द के अंत में अक्षर ‘ने’ का प्रयोग किया गया है, तो उसे हटाकर उसके स्थान पर से या द्वारा शब्द का प्रयोग करने पर वाक्य कर्तृ वाच्य से कर्मवाच्य में परिवर्तित हो जाता है।
उदाहरण के लिए –
कर्तृ वाच्य | कर्म वाच्य |
ईश्वर हमारी रक्षा करता है। | ईश्वर द्वारा हमारी रक्षा की जाती है। |
वह व्यक्ति हमें चालाक समझता है। | उस व्यक्ति के द्वारा हमें चालाक समझा जाता है। |
वह रात्रि के समय फल खाता है। | उससे रात्रि के समय फल खाए जाते हैं। |
गीता ने एक सुंदर उपन्यास लिखे हैं। | गीता द्वारा एक सुंदर उपन्यास लिखे गए हैं। |
मैंने रीता को पत्र लिखा है। | मेरे द्वारा रीता को पत्र लिखा गया है |
माताजी ने साड़ियां खरीदी है। | माता जी द्वारा साड़ियां खरीदी गई है। |
गीता भोजन बना रही है। | गीता द्वारा भोजन बनाया जा रहा है। |
पुलिस ने लुटेरों को पकड़ा। | पुलिस द्वारा लुटेरों को पकड़ा गया |
शिक्षक मेघा को डांट रहे हैं। | शिक्षक द्वारा मेघा को डांटा जा रहा है |
माता-पिता ने बच्चों को प्रेम किया। | माता-पिता द्वारा बच्चों को प्रेम किया गया। |
माली पौधों में पानी डाल रहा है | माली द्वारा पौधों में पानी डाला जा रहा है। |
निष्कर्ष
आज का यह लेख कर्तृ वाच्य की परिभाषा एवं उदाहरण’ यही पर समाप्त होता है। आज के इस लेख में हमने कर्तृ वाच्य किसे कहते हैं तथा कर्तृ वाच्य के उदाहरण के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी है। हमने यहां कर्तृ वाच्य की परिभाषा भी बताया है।
आशा करते हैं, कि इस लेख को पढ़ने के बाद कर्तृ वाच्य से संबंधित आपके सभी प्रश्न के उत्तर आपको मिल गए होंगे। लेकिन इसके बावजूद यदि इस विषय से संबंधित आपको कोई प्रश्न जानना है, तो आप कमेंट के माध्यम से हम से जान सकते हैं। और यदि यह लेख आपको पसंद आया हो, तो इसे शेयर करना बिलकुल भी ना भूले।
FAQ
कर्तृ वाच्य क्या है?
ऐसे वाक्य जिनमें कर्म की प्रधानता ना होकर कर्ता की प्रधानता अधिक होती है, उन्हें कर्तृ वाच्य कहां जाता है।
कर्तृ वाच्य में कौन सी क्रिया होती है?
कर्तृ वाच्य वाच्य में प्रायः सकर्मक तथा अकर्मक क्रिया ए होती है अर्थात कर्तृ वाच्य में दोनों ही क्रियाएं हो सकती हैं।
कर्तृ वाच्य के उदाहरण क्या है?
कर्तृ वाच्य के उदाहरण है- राम ने किताब पढ़ा, वह दौड़ रहा है, गीता ने गाना गाया, माँ ने साड़ियां खरीदी।
कर्तृ वाच्य का प्रयोग कहां होता है?
कर्तृ वाच्य का प्रयोग वाक्य में क्रिया के कर्ता को प्रदर्शित करने के लिए किया जाता है। यह वाक्यों में सामन्यतः वहां प्रयुक्त होता है, जहां किसी क्रिया को करने वाला व्यक्ति या वस्तु दर्शाने की आवश्यकता होती है।
कर्तृ वाच्य के साथ कौन कौन से शब्द प्रयुक्त होते हैं?
कर्तृ वाच्य के साथ रहा, रहे, ने, है, हो, मैं आदि जैसे शब्द प्रयुक्त होते हैं।