Tadbhav Tatsam Shabd – तद्भव तत्सम शब्द

इस लेख में आज हम बात करने वाले हैं Tadbhav Tatsam Shabd – तद्भव तत्सम के बारे में जैसा कि आपको पता है हिंदी में शब्द को चार अलग-अलग भागों में विभाजित किया गया है, तद्भव और तत्सम भी इन्हीं में से एक भाग है।

यह हिंदी व्याकरण के उन विषयों में से एक है, जिसे अक्सर छोटी कक्षाओं में बच्चों को पढ़ा दिया जाता है। यहां तक की यह विषय उन लोगों के लिए भी महत्वपूर्ण है, जो किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं।

 इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए इस लेख में आज हम तद्भव शब्द किसे कहते हैं,  तत्सम शब्द क्या होते हैं तथा तत्सम और तद्भव शब्दों की पहचान कैसे करते हैं और उनके कुछ उदाहरणों के बारे में जानेंगे। तो चलिए फिर बिना देर किए इस लेख को शुरू करते हैं

तत्सम शब्द किसे कहते हैं

तत्सम शब्द वाक्य में इस्तेमाल होने वाले ऐसे शब्द है जिनका मूल रूप संस्कृत भाषा होता है परंतु इन्हें हिंदी में भी बिना किसी बदलाव की प्रयोग किया जाता है।

इन शब्दों का मूल अर्थ असल में संस्कृत में पाया जाता है, जो विभिन्न कारणों से हिंदी में भी अधिकतर स्थितियों में प्रयोग किये जाते हैं। इन्हें संस्कृत से बिना किसी बदलाव के लिए लिया जाता है, इसलिए इनकी ध्वनि हिंदी और संस्कृत में एक समान होती है।

तत्सम शब्दों के उदाहरण हैं:

धर्म (संस्कृत) – धर्म (हिंदी)

स्वर्ग (संस्कृत) – स्वर्ग (हिंदी)

ज्ञान (संस्कृत) – ज्ञान (हिंदी) आदि।

ये शब्द विशेष रूप से वैदिक शब्द, धार्मिक शब्द, शिक्षा, विज्ञान आदि के क्षेत्र में प्रयोग होते हैं। तत्सम शब्दों का उपयोग शुद्ध हिंदी और संस्कृति से संबंधित विषयों में भी बड़े पैमाने पर होता है।

तत्सम शब्द की परिभाषा क्या है

तत्सम शब्द संस्कृत भाषा से लिया गया एक शब्द है, जो संस्कृत के दो अलग-अलग शब्दों से मिलकर बना है। जिनमें ‘तत्’ का मतलब होता है ‘ज्यों’ और ‘सम’ का मतलब होता है ‘समान’ अर्थात ज्यों का त्यों जिसे आम बोलचाल की भाषा में एक समान कहा जाता है।

ऐसे शब्द जिनका उपयोग संस्कृत और हिंदी दोनों ही भाषा में बिना परिवर्तन किए इस्तेमाल किया जाता है, उन्हें तत्सम शब्द कहते हैं। हालांकि इन शब्दों का उच्चारण करना थोड़ा कठिन होता है।

जैसे की –

अग्नि, सुंदर, अहंकार, आशीर्वाद, माता, पिता, नवीन, नित्य आदि।

यहां ऊपर बताए गए तमाम शब्द संस्कृत भी है और हिंदी भी, क्योंकि इन दोनों ही भाषाओं में इन शब्दों का इस्तेमाल हुबहू किया जाता है।

तद्भव शब्द किसे कहते हैं

तद्भव शब्द वे शब्द होते हैं, जो संस्कृत भाषा के विभिन्न शब्दों से हिंदी में प्रवेश करते हैं। जैसे कि प्राचीन काल में संस्कृत भाषा के शब्द जब भारतीय सभ्यता के अलग-अलग क्षेत्रों और समय के साथ फैले तो वे विभिन्न भाषाओं जैसे प्राकृत,  पाली और अपभ्रंश में बदल गए और यह नए रूप हिंदी में प्रयोग के लिए उपलब्ध हो गए और हम उन्हें तद्भव शब्द कहते हैं।

शब्दों को संस्कृत से हिंदी में इस्तेमाल करते हैं, तो हम उन्हें थोड़े विकसित रूप में प्रयोग करते हैं जिससे इनकी ध्वनि में थोड़ा अंतर होता है।

उदाहरण के तौर पर –

संस्कृत में ‘हरिद्रा’ शब्द होता है, जिसे हिंदी भाषा में ‘हल्दी’ कहा जाता है।

इसी तरह,

संस्कृत में ‘मुख’ शब्द कहा जाता है जिसका हिंदी में मतलब होता है ‘मुँह’।

तद्भव शब्द का उपयोग हमारी रोजमर्रा की जिंदगी, साहित्य, संस्कृति और भाषा से संबंधित विभिन्न क्षेत्रों में होता है। इनके प्रयोग से हिंदी भाषा में विविधता और समृद्धि का संकेत मिलता है। भाषा के विकास में एक महत्वपूर्ण संस्कृति और भाषा के धरोहर को संरक्षित रखता है।

तद्भव शब्द की परिभाषा क्या है

तद्भव शब्द हिंदी भाषा से लिया गया एक शब्द है, जो संस्कृत भाषा के दो शब्दों से मिलकर बना है जिसमें ‘तद्’ का अर्थ होता है ‘उससे’ और ‘भाव’ का अर्थ होता है ‘विकसित’ अर्थात तद्भव का शाब्दिक अर्थ होता है उससे विकसित हुआ।

ऐसे शब्द जो संस्कृत भाषा से लिए गए हैं परंतु हिंदी में इन शब्दों को परिवर्तित करके इस्तेमाल किया जाए, तो उन्हें तद्भव शब्द कहा जाता है। इन शब्दों का उच्चारण करना बहुत ही सरल होता है और इनका अर्थ भी लोगों को आसानी से समझ आ जाता है।

जैसे की  –

तुरंत, आग, छाता, आम, चांद, कोयल,गर्दन, आलस, छाता अनाज आदि।

तत्सम तद्भव शब्द के उदाहरण क्या है

यहां नीचे हम तत्सम तद्भव शब्द के कुछ उदाहरण बता रहे हैं,  जिनसे आपको तद्भव शब्द क्या होता है या तद्भव शब्द किसे कहते हैं के बारे में समझने में मदद मिलेगी – आइए देखते हैं तद्भव शब्द के कुछ उदाहरण क्या है

तत्सम शब्दतद्भव शब्द
अमृतअमिय
अंगुलीअँगुली, अँगुरी
अमावस्याअमावस
आश्चर्यअचरज
आशीषआसीस
अमूल्यअमोल
अश्रुआंसू
इष्टिकाईट
अज्ञानआजान
अवतारआता
अष्टादशअठारह
आलस्यआलस
अग्निआग
ऊषरऊसर
एलाइलायची
ईक्षुईख
ऊष्ट्रऊँट
उपाध्यायओझा
उज्जवलउजला
अम्लिकाइमली
उलूकउल्लू
क्लेशकलेश
कृष्णकान्हा
कटुकड़वा
कंटककांटा
कृषककिसान
कुकुरकुत्ता
कोकिलाकोयल
कदलीकेला
कर्तरीकैंची
काककौवा
स्तंभखंबा
कोष्ठीकाकोठी
कुक्षिकोख
क्षारखार
क्षीरखीर
खटवाखाट
गर्तगड्ढा
गायकभैया
गोधूमगेहूं
गोगाय
ग्रामगांव
गर्भिणीगाभिन
ग्रामीणगवार
घटिकाघड़ी
ग्रहघर
घृणाघिन
गोपालकग्वाला
चर्मकारचमार
चंद्रिकाचांदनी
चवर्णचबाना
चुंबनचूमना
चतुर्विशचौबीस
चंचूचोंच
यूथजत्था
छिद्रछेद
यमुनाजमुना
यगोपवितजनेऊ
योगीजोगी
ज्येष्ठजेठ
जा माताजमाई
यंत्र मंत्रजंतर मंतर
युवाजवान
यमजम
तिलकटीका
तपस्वीतपसी
ताम्रतांबा
त्वरिततुरंत
स्थलहल
दीपावलीदिवाली
दीपदीया
तत्सम तद्भव शब्द उदाहरण

तत्सम तद्भव शब्द को कैसे पहचाने | Tadbhav Tatsam Shabd Ko Kaise Pehechange

तत्सम तद्भव शब्दों (Tadbhav Tatsam Shabd) की पहचान करने के बहुत से ऐसे तरीके हैं, इनमें से कुछ महत्वपूर्ण तरीकों के बारे में हम जहां नीचे चर्चा करेंगे ताकि आप आसानी से तत्सम तद्भव शब्दों की पहचान कर सकें। जैसे कि

  • यहां ध्यान देने योग्य बात यह है, कि हिंदी वर्णमाला के ‘श’ वर्ण का इस्तेमाल अक्सर तत्सम शब्दों में किया जाता है। वहीं दूसरी ओर हिंदी वर्णमाला के ‘स’ वर्णों का इस्तेमाल प्रायः केवल तद्भव शब्दों में ही किया जाता है। जैसे – दीप शलाका दियासलाई
  • तत्सम शब्दों के पीछे अधिकतर हिंदी वर्णमाला के ‘क्ष’ वर्ण का प्रयोग किया जाता है। वहीं दूसरी ओर तद्भव शब्दों के पीछे अक्सर हिंदी वर्णमाला के ‘छ या ख’ वर्णों का इस्तेमाल किया जाता है। जैसे – अक्षर – अक्छर, पक्षी – पंछी आदि।
  • जिन शब्दों में ‘र, ॠ’ की मात्रा का इस्तेमाल अधिक किया जाए ध्यान रहे वह तत्सम शब्द होते हैं। जैसे अमृत, आम्र, ऋषि।
  • तत्सम शब्दों में अक्सर ‘व, श्र, ष’ वर्णों का इस्तेमाल किया जाता है। जैसे धनश्रेष्ठी, वन, कृषक आदि।
  • दूसरी ओर तद्भव शब्दों में ‘ब, स’ आदि का इस्तेमाल अधिक देखने को मिलता है। जैसे बन, धन्नासेठी आदि।

निष्कर्ष

आज का यह लेख Tadbhav Tatsam Shabd- तद्भव तत्सम यहीं पर समाप्त होता है। आज के इस लेख में हमने जाना कि तत्सम और तद्भव शब्द क्या है, तत्सम और तद्भव शब्द को कैसे पहचाने तथा तद्भव शब्द के उदाहरण क्या है आदि  उम्मीद करते हैं, आज के इस लेख से आपको काफी कुछ नया सीखने और समझने को मिला होगा।

हालांकि यदि इस लेख से संबंधित आप को और अधिक जानकारी चाहिए या इस विषय से संबंधित आप कोई प्रश्न पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट के माध्यम से आप अपनी बात हम तक पहुंचा सकते हैं। और यदि यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे जितना हो सके उतना अधिक शेयर करें।

FAQ

तत्सम शब्द किसे कहते हैं

ऐसे शब्द जिनका उपयोग संस्कृत और हिंदी दोनों ही भाषा में बिना परिवर्तन किए इस्तेमाल किया जाता है, उन्हें तत्सम शब्द कहते हैं।

तद्भव शब्द किसे कहते हैं?

ऐसे शब्द जो संस्कृत भाषा से लिए गए हैं परंतु हिंदी में इन शब्दों को परिवर्तित करके इस्तेमाल किया जाए, तो उन्हें तद्भव शब्द कहा जाता है।

तत्सम शब्द के उदाहरण क्या है?

तत्सम शब्द के उदाहरण है – अक्षर – अक्छर, पक्षी – पंछी |

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