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Yojak Chinh | योजक चिह्न
इस लेख में आज हम बात करेंगे, की योजक चिह्न (Yojak Chinh) किसे कहते हैं तथा योजक चिह्न की परिभाषा एवं उदाहरण क्या है और साथ ही साथ हम यहां यह भी जानेंगे कि योजक चिन्ह का प्रयोग कब किया जाता है?
दरअसल लिखित रूप से भाषा को समझने के लिए विराम चिन्हों के बारे में संपूर्ण जानकारी होना प्रत्येक लोगों के लिए आवश्यक होता है।
विराम चिन्हों के माध्यम से ही इस बात की जानकारी होती है, की पढ़ते समय वाक्य में कहां रुकना है या वाक्य कहाँ पर समाप्त हो रहा है।
लेखक प्रायः अपनी भावनाओं को लिखित रूप से व्यक्त करने के लिए इन चिन्हों का प्रयोग करते हैं ताकि पाठक को समझने में आसानी हो।
इसलिए हम यहां आज विराम चिन्हों के एक प्रकार योजक चिन्ह के बारे में संपूर्ण जानकारी देंगे। तो चलिए फिर इस लेख को शुरू करते है –
योजक चिह्न किसे कहते हैं | Yojak Chinh Kise Kehte Hai
योजक चिन्ह (Yojak Chinh) को अंग्रेजी भाषा में हाइफन (Hyphen) या डैश (Dash) के नाम से जाना जाता है। योजक चिन्हों को वाक्य में कुछ इस तरह (- ) से लिखा जाता है। यह चिन्ह प्रायः वाक्य में शब्दों को विभिन्न तरीकों से जोड़ने और विभाजित करने के लिए प्रयुक्त होता है।
यह सामान्यतः शब्दों की संयोजन, क्रियाएं अथवा संख्याएं प्रकट करने के लिए उपयोग होता है। सरल शब्दों में कहें, तो योजक चिन्ह दो शब्दों या शब्द समूहों को मिलाने के लिए उपयोग होता है, जिससे उनका अर्थ और प्रयोग स्पष्ट होता है।
जैसे की –
- सेल्फ- स्टडी – इस वाक्य में योजक चिन्ह दो शब्दों को एक साथ लिखकर उनका ‘संयोजन’ करता है ताकि व्यक्ति की स्वयं शिक्षण की प्रक्रिया का अर्थ स्पष्ट हो।
- 20- 25 – इन शब्दों के बीच भी योजक चिन्ह का प्रयोग किया गया है, जो कि दो संख्याओं के बीच की ‘दूरी को चिन्हित’ करता है जैसे 20 से 25 तक की संख्या।
- डैश- बोर्ड – इस वाक्य में भी योजक चिह्न का प्रयोग किया गया है, लेकिन यहां पर दो शब्दों को ‘विभाजित’ करने के लिए इस चिन्ह का प्रयोग किया गया है।
इस प्रकार कह सकते हैं, कि योजक चिह्न (Yojak Chinh) का प्रयोग शब्दों को संयोजित करने और विभाजित करने में किया जाता है ताकि वाक्यांश और शब्दों का सही अर्थ समझ में आ सके।
योजक चिन्ह की परिभाषा क्या है | Yojak Chinh Ki Paribhasha Kya Hai
हिंदी भाषा में इस्तेमाल किए जाने वाले ऐसे चिन्ह, जिन्हें विशेषतौर पर वाक्य में तब इस्तेमाल किया जाता है, जब किसी दो शब्दों को विभाजित करना हो या एक समान अर्थ वाले शब्दों को आपस में जोड़ना हो।
योजक चिन्ह का प्रयोग सबसे अधिक अल्पविराम चिन्ह (,) के बाद किया जाता है। इस चिन्ह का प्रयोग खास तौर पर दो शब्दों के बीच के अर्थ को अच्छी तरह से समझाने या उनमें स्पष्टता लाने के लिए प्रयोग किया जाता है।
जैसे कि –
- जीने के लिए रोटी- कपड़ा- मकान जरूरी होता है।
- जीवन में सुख- दुःख तो लगा ही रहता है।
- हीरा- मोती की चाहत हर किसी को होती है
- मैं तुम्हारे लिए चांद- तारे तोड़ लाऊंगा
- वह लड़की 19- 20 साल की होगी।
- मनोज सुबह- शाम मेहनत करता है।
- तुमने घर पर कुत्ता- बिल्ली दोनों पाला है।
- जमीन- आसमान में बहुत अन्तर होता है।
- काला- गोरा से कोई फर्क़ नहीं पडता।
योजक चिन्ह के उदाहरण क्या है | Yojak Chinh Ke Udaharan Kya Hai
योजक चीन को और भी अच्छी तरह से समझने के लिए हम यहां नीचे कुछ उदाहरण बता रहे हैं, जिनके जरिए आपको योजक शब्दों की पहचान करने में आसानी होगी। तो आइए जानते हैं, योजक चिह्न के 10 उदहारण क्या है –
- मैंने स्कूल- कॉलेज दोनों में पढ़ाई की है।
- उसके माता- पिता हमेशा उसके सपनों का समर्थन करते थे।
- उसकी सोच में दिल- दिमाग का मतभेद था।
- यहां की सुंदर नदी- समुंदर की खासियत है।
- सोमवार- शुक्रवार तक वह हमेशा उत्साहित रहता है।
- वह दिन- रात कड़ी मेहनत करता है।
- सीता- गीता दोनों आपस में बहने हैं।
- मनोज हर रवि शनिवार- रविवार को योगा प्रैक्टिस करता है।
- विशेषज्ञ गुरु- शिष्य के संबंधों की महत्वपूर्णता को कक्षा में समझते हैं।
- भाई- बहन का रिश्ता अटूट होता है।
योजक चिन्ह का प्रयोग कब किया जाता है
हिंदी में लिखते समय कई ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है, जब हमें योजक चिह्न (- ) का प्रयोग करना पड़ता है। यदि आपको सही तौर पर इसकी जानकारी नहीं है, कि हिंदी में किन जगहों पर योजक चिह्न का प्रयोग किया जाना चाहिए तो नीचे बताए गए बिंदुओं को ध्यानपूर्वक पढ़ें –
1 . वाक्यों में इस्तेमाल होने वाली संख्याओं आदि के बीच योजक चिन्हों का इस्तेमाल किया जाता है।
जैसे कि –
- इसका एक- चौथाई भाग धीरज को देना है।
- राम अभी सिर्फ 14- 15 साल का ही होगा।
- महज़ एक- दो चीजों से क्या होता है?
2 . वाक्यों में अक्सर एक समान अर्थ वाले शब्दों के बीच में भी योजक चिन्हों का प्रयोग किया जाता है।
जैसे कि –
- हर गाँव- गाँव में एक ही कहानी चलती है।
- यहां हर डगर- डगर पर मुश्किलें है।
- तुम मेरे पीछे – पीछे क्यूँ आ रहे हो?
- नगर – नगर जाकर ऐलान करना होगा।
4 . वाक्य में जहाँ विपरीत अर्थ वाले शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है, वहाँ भी योजक चिन्हों का इस्तेमाल प्रायः किया जाता है।
जैसे की –
- तुम ऊपर- नीचे क्यों देख रहे हो।
- यहां अच्छा – बुरा हर तरह के लोग रहते हैं।
- अमीर- गरीब से क्या होता है लोग अच्छे होने चाहिए।
- क्या हर समय तुम मोटा – पतला करते रहते हो।
- हार – जीत तो जिंदगी में लगी ही रहती है।
5 . वाक्य में जहां कुछ शब्दों के बीच ‘और’ का प्रयोग किया जाता है, उसके स्थान पर भी योजक चिह्न का इस्तेमाल किया जा सकता है।
जैसे कि –
- दादा और दादी बूढे हो गए है। (इस वाक्य में ‘और’ के स्थान पर ‘दादा – दादी बूढे हो गए है’ लिख सकते है)
- व्यापार में लाभ और हानि दोनों होते रहता है (व्यापार में लाभ- हानि दोनों होते रहता है)
- एक वस्तु के दो पहलू होते हैं अच्छा और बुरा (एक वस्तु के दो पहलू होते हैं अच्छा- बुरा)
6 . हिंदी वाक्य में जहां प्रेरणार्थक क्रियाएं होती हैं, उनके मध्य में भी योजक चिन्हों का प्रयोग किया जाता है।
जैसे की –
- पहले यह काम कर लो सोना- सुलाना तो चलता रहेगा।
- ठीक है, वह काम भी हो जाएगा लेकिन पहले खाना – खिलाना तो हो जाए।
- बिना समझे ही तुम लोगों ने तो रोना- रुलाना चालू कर दिया।
7 . वाक्यों में प्रायः सामासिक पदों के बीच योजक चिन्ह का प्रयोग किया जाता है। सरल शब्दों में कहे तो जिन पदों या शब्दों के दोनों पद प्रधान हो वहां उन दोनों पदों के बीच योजक चिन्ह का प्रयोग किया जाता है।
जैसे कि –
- खाने में आज दाल – चावल बना है।
- हमें सवेरे निकालना है, कपड़े – लत्ते जल्दी तह कर लो।
- बीमार से मिलने फल- फूल लेकर ही जाना चाहिए।
20 योजक चिन्ह वाले शब्द
यहाँ हम हिंदी में इस्तेमाल किए जाने वाले लगभग 20 योजक चिन्ह वाले शब्द बता रहे हैं। जैसे कि –
- माता- पिता
- खाना- पानी
- रात- दिन
- सूरज- चांद
- भाई- बहन
- 20- 25
- लंगड़ा- लूल्हा
- स्कूल- कॉलेज
- गुरुवार- शनिवार
- पति- पत्नी
- आज- कल
- देश- विदेश
- भूख- प्यास साथ- साथ
- अगर- मगर
- उठना- बैठना
- शाम- दाम
- वर- वधू
- कम- से- कम
- बूंद- बूंद
- हार- जीत
निष्कर्ष
आज के इस लेख में हमने जाना कि योजक चिन्ह (Yojak Chinh) किसे कहते हैं तथा योजक चिह्न की परिभाषा एवं उदाहरण क्या है। आशा करते है, यहां दी गई जानकारी के माध्यम से आपको योजक चिन्ह के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त हो गए होंगी।
और अब आप यह भी जान गए होंगे, कि योजक चिन्ह का प्रयोग कहाँ और कैसे किया जाता है। लेकिन इसके बावजूद यदि इस विषय से संबंधित आप को और अधिक जानकारी चाहिए या इससे संबंधित कोई प्रश्न पूछना चाहते हैं, तो नीचे कमेंट के माध्यम से आप अपना प्रश्न पूछ सकते हैं।
हम आपके द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर जल्द से जल्द देने की पूरी कोशिश करेंगे। लेकिन यदि आपको यह लेख पसंद आया हो, तो इसे जितना हो सके उतना अधिक शेयर करें।
FAQ
योजक चिन्ह का प्रयोग कहां किया जाता है
वाक्य में जब दोस्त समान अर्थ वाले शब्द या विपरीत अर्थ वाले शब्दों को आपस में जोड़ना हो तो वहां योजक चिन्ह का प्रयोग किया जाता है।
योजक चिन्ह के उदाहरण क्या है?
योजक चिन्ह के उदाहरण है – राम दिन- रात सोते रहता है, सीता और गीता हमेशा साथ- साथ चलती है, सुख- दुःख तो जीवन में लगा ही रहता है।
योजक चिन्ह किसे कहते हैं?
योजक चिन्ह प्रायः वाक्य में शब्दों को विभिन्न तरीकों से जोड़ने और विभाजित करने के लिए प्रयुक्त होता है।
योजक चिन्ह को अंग्रेजी में क्या कहते हैं?
योजक चिन्ह को अंग्रेजी में ‘Hyphen’ कहा जाता है।
योजक चिन्ह कौन सा होता है?
इस तरह के चिन्ह (- ) को योजक चिन्ह कहते है।