वाक्य किसे कहते हैं |परिभाषा, भेद एवं उदहारणवाक्य

Vakya Kise Kehate Hai? | वाक्य किसे कहते हैं

भाषा, अभिव्यक्ति का एक प्रमुख माध्यम होता है। मनुष्य अपने विचारों को बोलकर, लिखकर या सांकेतिक रूप से दूसरों तक पहुंचा सकता है।

वाक्य किसे कहते हैं (vakya kise kahate hain) जानने के लिए भाषा को समझना जरुरी हैं। किसी भी भाषा को जानने और समझने के लिए, उसमें वर्ण यानी अक्षर होते हैं, अक्षर से शब्द बनते हैं और शब्दों को मिलाकर वाक्य बनते हैं। सार्थक शब्दों से बने एक पूरे वाक्य को बोलकर या लिखकर हम अपने भाव दूसरे तक पहुंचा सकते हैं। इस प्रकार हिन्दी व्याकरण के अनुसार, वाक्य की परिभाषा इस प्रकार होगी,

” अर्थपूर्ण शब्दों से बने हुए व्यवस्थित और क्रमबद्ध समूह को वाक्य कहते हैं, जिसमें कोई भाव या अर्थ निहित होता है।”

उदहारणवाक्य

उदाहरण के लिए,

1. मीना पढ़ाई कर रही है।

यह , सार्थक शब्दों से बना एक वाक्य है और इस वाक्य से यह बिल्कुल स्पष्ट हो रहा है कि, मीना एक लड़की है, जो इस समय पढ़ाई कर रही है

अब यदि हम इसी वाक्य को इस प्रकार लिखते हैं कि,

“पढ़ाई रही कर है मीना”

तो ये एक अस्पष्ट और अशुद्ध वाक्य होगा, जबकि यहां जितने भी शब्द प्रयोग हुए हैं, वे सभी सार्थक शब्द हैं, लेकिन वाक्य तभी स्पष्ट और अर्थपूर्ण होता है, जब उसमें प्रयुक्त होने वाले शब्द सार्थक भी हो और साथ ही सही क्रम में भी हो

वाक्यांश क्या हैं?

वाक्यांश भी, एक शब्द समूह ही होता है, और इसमें भी सार्थक शब्द होते हैं, लेकिन उस वाक्य का पूरा अर्थ स्पष्ट नहीं होता है। जैसे,

 खाना खाने के बाद, मैं रीना के घर जाऊंगी।

इस वाक्य में, खाना खाने के बाद, यह एक वाक्यांश है, जिससे केवल वाक्य का आंशिक भाव ही स्पष्ट हो रहा है। इसलिए यह वाक्यांश है।

वाक्य के अंग

वाक्य के भाग

वाक्य के दो भाग होते हैं, उद्देश्य और विधेय

उद्देश्य

वाक्य में जिसके विषय में बात हो रही है, उसे दर्शाने वाले शब्द उद्देश्य कहलाते हैं। इसका अर्थ है कि, किसी भी वाक्य में, कर्ता ही उद्देश्य होता है।  जैसे,

“मीनू ने गाना गाया।”

इस वाक्य में, मीनू के विषय में कहा जा रहा है, और मीनू कर्ता भी है, इसलिए यहां मीनू उद्देश्य है।

विधेय

किसी वाक्य में, उद्देश्य के विषय में जो बात हो रही है, उसे विधेय कहते हैं।

उदाहरण के लिए, इस वाक्य को पढ़िए,

” सीमा सामान लेकर आई।”

इस वाक्य में, “सामान लेकर आई” विधेय है क्योंकि यह उद्देश्य यानी सीमा के विषय में कहा जा रहा है।

वाक्य के भेद

वाक्य के कई भेद होते हैं और इन भेदों का वर्गीकरण, दो बातों के आधार पर किया जाता है,

1. रचना के आधार पर

2. अर्थ के आधार पर

अब हम इन्हें विस्तार से समझते हैं।

रचना के आधार पर वाक्य

रचना के आधार पर, वाक्य तीन प्रकार के होते हैं।

1. साधारण या सरल वाक्य

2. संयुक्त वाक्य

3. मिश्र वाक्य

साधारण या सरल वाक्य

ऐसे वाक्य, जिनमें केवल एक ही क्रिया यानी विधेय होता है, ऐसे वाक्यों को साधारण या सरल वाक्य कहते हैं। उदाहरण के लिए,

1. आदित्य विद्यालय गया।

2. मोहन ने चिट्ठी लिखी।

इसी तरह किसी वाक्य में कर्ता यानी उद्देश्य, एक साथ एक से अधिक क्रियाएं कर रहा है, तो उन सभी क्रियाओं को मिलाकर एक ही विधेय माना जाएगा और यह भी साधारण वाक्य ही होगा। जैसे,

” मीना खा पी रही है।”

 यहां मीना एक उद्देश्य है, जिसके द्वारा एक ही समय में दो विधेय अर्थात खाना और पीना, हो रहे हैं।

इसी तरह, यदि किसी वाक्य में, एक से ज्यादा कर्ता हो और वे सभी कर्ता एक से अधिक, एक समान क्रियाएं कर रहे हो, उस वाक्य को भी सरल या साधारण वाक्य कहेंगे, क्योंकि इस वाक्य में, सभी कर्ता एक जैसी क्रियाएं कर रहे हैं, इसलिए वे एक ही उद्देश्य हुए और इनके द्वारा की जाने वाली एक जैसी क्रियाओं को भी एक ही विधेय माना जाएगा। इसलिए ऐसा वाक्य भी सरल या साधारण वाक्य कहलाता है। जैसे,

” मीना, गीता और सीमा खा पी रही है।”

यहां पर मीना, गीता और सीमा तीन उद्देश्य है जो एक से अधिक लेकिन एक जैसी क्रियाएं (विधेय) कर रही हैं। 

इसे हम उदाहरण द्वारा और अधिक अच्छे से समझते हैं।

” आदित्य और राधिका पढ़ाई कर रहे हैं।”

इस वाक्य में आदित्य और राधिका, दो कर्ता यानी दो उद्देश्य है, लेकिन दोनों एक ही काम कर रहे हैं, पढ़ने का, इसलिए यह भी एक साधारण वाक्य है।

संयुक्त वाक्य

संयुक्त यानी कि जुड़ा हुआ। इस प्रकार संयुक्त वाक्य की परिभाषा होगी, “वह वाक्य जो दो या अधिक साधारण वाक्यों से मिलकर बना होता है, उसे संयुक्त वाक्य कहते हैं। इन वाक्यों को संयोजक शब्दों से जोड़ा जाता है। ये संयोजक या योजक शब्द, और, या, किंतु, लेकिन, परंतु, अथवा, तथा, फिर भी, एवं, बल्कि आदि होते हैं।”

इन वाक्यों में संयोजित या जुड़ने वाले सभी वाक्य पूर्ण होते हैं और इन्हें अलग अलग करने पर भी यह अर्थपूर्ण होते हैं।

कुछ उदाहरण देखते हैं,

1. रीना आई थी लेकिन वह जल्दी ही वापस चली गई।

2. सौरभ पांच वर्ष का हो गया है फिर भी वह ठीक से खाना नहीं खाता है।

3. गीता कबड्डी नहीं खेलती है बल्कि वो पहलवानी करती है।

4. मोहन दिल्ली गया है और राजू मुंबई गया है।

5. मां छत पर गई है या वो रसोईघर में होगी।

इन सभी वाक्यों में क्रमशः, लेकिन, फिर भी, बल्कि, और तथा या इन संयोजक शब्दों का उपयोग करके दो सरल वाक्यों को जोड़ा गया है।

मिश्र वाक्य

मिश्र का अर्थ होता है आपस में मिला हुआ। मिश्र वाक्य एक मुख्य वाक्य और उपवाक्यों से मिलकर बना होता है। इस प्रकार, “जिन वाक्यों में एक मुख्य वाक्य और एक या एक से अधिक आश्रित उपवाक्य हो, वह मिश्रित वाक्य कहलाता है”।

उदाहरण देखते हैं,

1. मेरा चम्मच कहां है जिससे मैं खाना खा रही थी?

2. मां बच्चों को समझा रही है कि हमेशा सत्य बोलना चाहिए।

3. जैसा कर्म करते हैं वैसा ही फल मिलता है।

4. मेहनत करोगे तो फल अवश्य मिलेगा।

5. चोरी करोगे तो जेल जाना पड़ेगा।

इन सभी वाक्यों में क्रमशः, मेरा चम्मच कहां है, मां बच्चों को समझा रही है, वैसा फल मिलता है, फल अवश्य मिलेगा, जेल जाना पड़ेगा ये सभी मुख्य वाक्य हैं इनके साथ जुड़े हुए वाक्य उपवाक्य कहलाते हैं।

अर्थ के आधार पर

अब हम देखते हैं कि अर्थ के आधार पर, वाक्य कितने प्रकार के होते हैं।

अर्थ के आधार पर वाक्य, आठ प्रकार के होते हैं। जो इस प्रकार है,

1. विधानवाचक वाक्य

2. निषेध वाचक वाक्य

3. संदेह वाचक वाक्य

4. आज्ञा वाचक वाक्य

5. प्रश्नवाचक वाक्य

6. संकेतवाचक वाक्य

7. इच्छावाचक वाक्य

8. विस्मय बोधक वाक्य

अब हम इन्हें विस्तार से, कुछ उदाहरणों के द्वारा समझते हैं।

विधिवाचक वाक्य

इसे विधानार्थक वाक्य भी कहते हैं। विधिवाचक वाक्य,  एक साधारण वाक्य होता है, जिससे किसी बात के होने का बोध होता है। जैसे,

1. मनिषा गाना सुनती है।

2. लू चल रही है।

निषेधवाचक वाक्य

निषेध यानी कि ना। इसलिए, ” जिन वाक्यों में किसी बात के ना होने का बोध होता है, उसे निषेधात्मक वाक्य कहते हैं।” उदाहरण के लिए,

1. मनिषा गाना नहीं गा रही है।

2. लू नहीं चल रही है।

संदेहवाचक वाक्य

जब किसी  वाक्य से किसी बात के होने को लेकर किसी प्रकार का संदेह होने का बोध होता है, उस वाक्य को संदेहार्थक या संदेहवाचक वाक्य कहते हैं।

उदाहरण के लिए,

1. मनिषा खेल रही होगी।

2. लू चल रही होगी।

यहां पर यह स्पष्ट नहीं हो रहा है कि, बात हो रही है या नहीं।

आज्ञा वाचक वाक्य

जिन वाक्यों से आज्ञा देने या अनुरोध करने का बोध होता है, उन वाक्यों को आज्ञावाचक वाक्य कहते हैं। जैसे,

1. तुम यहां से चले जाओ।

2.  कृपया शांत रहें।

3. तुम्हें झूठ नहीं बोलना चाहिए।

4. यहां बैठ जाओ।

5. तुम्हें अपनी माताजी का ध्यान रखना चाहिए।

यहां पर पहले, दूसरे और चौथे वाक्य में किसी काम को करने की आज्ञा दी जा रही है, और तीसरे तथा पांचवें वाक्य में अनुरोध किया जा रहा है। इसलिए ये सभी वाक्य आज्ञावाचक वाक्य हैं।

प्रश्नवाचक वाक्य

जिन वाक्यों के द्वारा, प्रश्न पुछने या प्रश्न होने का बोध होता है, उन्हें प्रश्नवाचक वाक्य कहते हैं। जैसे,

1. रावण के कितने सिर थे?

2. तुम कहां जा रहे हो?

3. डब्बे के अंदर क्या रखा है?

4. मीना ने किस रंग की साड़ी पहनी है?

5. दिनेश क्यों रो रहा है?

इन सभी वाक्यों में क्रमशः कितने, कहां, क्या, किस तथा क्यों शब्दों के द्वारा प्रश्न को पूछा गया है। और सभी वाक्यों के अंत में प्रश्नवाचक चिन्ह है, इसलिए ये सभी वाक्य प्रश्नवाचक वाक्य हैं।

संकेतवाचक वाक्य

जब किसी वाक्य से किसी संकेत को दर्शाने का बोध होता है, तो उन वाक्यों को संकेतवाचक वाक्य कहते हैं। जैसे,

1. मीना का घर पिछली गली में है।

2. कोयल उस पेड़ पर बैठी है।

इन वाक्यों में हमें संकेत मिल रहे हैं कि, मीना कहां रहती है, और कोयल कहां बैठी है। इसलिए ये दोनों वाक्य संकेतवाचक वाक्य हैं।

इच्छावाचक वाक्य

जो वाक्य, किसी इच्छा या कामना का बोध कराते हैं, उन वाक्यों को इच्छावाचक वाक्य कहते हैं।

जैसे,

1. आपकी यात्रा सुखद हो।

2. ईश्वर तुम्हारी हर इच्छा को पूरा करें।

इन दोनों वाक्यों में कोई इच्छा या कामना का होना स्पष्ट हो रहा है, इसलिए ये दोनों वाक्य प्रश्नवाचक वाक्य हैं।

विस्मयादिबोधक वाक्य

जिन वाक्यों से किसी विशेष अनुभूति, जैसे बहुत ज्यादा खुशी, बहुत दुख, जीत का आनंद आदि का अनुभव होता है, उन्हें विस्मयादिबोधक वाक्य कहते हैं। जैसे,

1. अरे वाह! कितनी सुन्दर जगह है ।

2. ओह! तुम्हें तो गहरी चोट लगी है।

3. हुर्रे! हम जीत गए।

इन वाक्यों से किसी तीव्र अनुभूति का बोध हो रहा है, इसलिए यह तीनों वाक्य विस्मयादिबोधक वाक्य हैं।

FAQ

वाक्य कितने प्रकार के होते हैं?

वाक्य के प्रकार देखाजाये तो रचना के अनुसार ३ प्रकार के, क्रिया के अनुसार ३ प्रकार और अर्थ के अनुसार ८ प्रकार के होते हैं।

संयुक्त वाक्य क्या होता है?

वह वाक्य जो दो या अधिक साधारण वाक्यों से मिलकर बना होता है, उसे संयुक्त वाक्य कहते हैं।

मिश्रित वाक्य क्या है?

जिन वाक्यों में एक मुख्य वाक्य और एक या एक से अधिक आश्रित उपवाक्य हो, वह मिश्रित वाक्य कहलाता है

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