दोस्तों, जीवन में सबसे ज्यादा किमती आपको क्या चीज़ लगती हैं? यह सवाल पूछने पर कई लोग कहेंगे कि समय सबसे किमती है, कुछ कहेंगे प्यार, कुछ लोग कहेंगे रिश्ते, कुछ लोगों के लिए उनके माता पिता से बढ़कर कुछ भी नहीं है, कुछ लोग कहेंगे परिवार और कुछ लोग कहेंगे कि उनके लिए तो पैसा ही सबसे किमती है। यह सभी बातें अपनी अपनी जगह बिल्कुल सही है, लेकिन फिर भी एक चीज है जो शायद इन सबसे ज्यादा किमती और जरुरी है और वह है अपनी प्रतिष्ठा।
प्रतिष्ठा यानी मान और इज्जत। यह महत्वपूर्ण इसलिए है कि, बिना मान या इज्जत के इंसान की समाज में और यहां तक कि परिवार में भी कोई किमत नहीं होती है। चाहे यह बात कड़वी लगे, लेकिन यही सच्चाई है। इसलिए हर व्यक्ति के लिए उसकी प्रतिष्ठा सबसे ज्यादा किमती है।
अपनी प्रतिष्ठा को बनाना या बिगाड़ना, ये दोनों ही बातें, खुद हमारे ही हाथों में होती है। ना तो किसी अन्य व्यक्ति की वजह से हमारी प्रतिष्ठा बढ़ती है और ना ही हमारी प्रतिष्ठा को कम करने के लिए, हमारे अलावा और कोई भी जिम्मेदार होता है।
अपनी प्रतिष्ठा को बनाने के लिए, सबसे पहले हमें खुद अपने आप की नजरों में बड़ा बनना होगा, खुद का सम्मान करना होगा। सबसे पहले तो हमें ही अपनी इज्जत करनी सीखनी होगी और इसके लिए खुद को इस काबिल भी बनाना होगा। और इसके बाद ही हम दूसरों से अपेक्षा कर सकते हैं कि वे हमारी इज्जत करें। इसी में हमारी प्रतिष्ठा हैं। आप चाहें किसी भी परिवार में जन्म लें, लेकिन इज्जत तो आपको खुद ही कमानी होती है।
एक बार समाज में आपकी प्रतिष्ठा बढ़ जाती है तो आपका सम्मान भी बढ़ जाता है, जिसे संभाल कर रखना भी बहुत जिम्मेदारी का काम हो जाता है। क्योंकि यह भी बिल्कुल सही है कि, प्रतिष्ठा को बनाने में तो, सालों साल लग जाते हैं और इसके खत्म होने में तो बस एक पल भी नहीं लगता है। यह उस आईने की तरह है, जिसमें सबकुछ सच और साफ दिखाई देता है, लेकिन जरा सी भी दरार पड़ जाए तो, वह आईना बिल्कुल ही बेकार हो जाता है। या गिर जाएं तो चकनाचूर हो जाता है। इसलिए हमें अपनी प्रतिष्ठा, इज्जत और मान का बहुत ज्यादा ध्यान रखना चाहिए।
समाज में प्रतिष्ठा कैसे बनती हैं? या समाज में हमारी इज्जत कैसे बढ़ती है? क्या आप यही सोच रहे हैं, तो ऐसी कई बातें हैं, जो हमें समाज में स्थान दिलाती है, हमारे सम्मान को बढ़ाती और हमें प्रतिष्ठित बनाती है।
सम्मान हासिल करने के लिए, सबसे पहले तो हमें उन सभी कामों से दूर रहना होगा, जिन कामों को सही नहीं माना जाता है। और कौन से काम सही नहीं माने जाते हैं, उन सभी की जानकारी हमें अच्छी तरह होती है। ऐसा कोई नहीं होता है, जिसे क्या सही है और क्या गलत है, इसमें फर्क ही पता नहीं होगा। लेकिन फिर भी, हमारी आदतें, हमारे आसपास का माहौल, हमारी परवरिश, कभी परिस्थितियां और कभी हमारी मजबूरियां हमें ऐसे काम करने के लिए मजबूर कर देती है। लेकिन हमें इन परिस्थितियों में अपने अपने आप पर संयम रखना बेहद जरूरी है। विपरित परिस्थितियों में भी खुद को संभालकर, अपने आप को बुराई के रास्ते पर जाने से कैसे रोकना चाहिए इसका संज्ञान रखना बहुत आवश्यक है। बुराई से दूर रहेंगे तो ही अच्छे कहलाएंगे और अच्छे लोगों को तो सभी सम्मान देते हैं।
इसके साथ ही दूसरी जरुरी चीज है मेहनत। जी हां आपको आश्चर्य होगा लेकिन, मेहनत का संबंध भी सम्मान से हैं। मेहनत करने वाले इंसान को हमेशा अच्छी दृष्टि से ही देखा जाता है, और इसके विपरित आलसी और कामचोर इंसान का या तो मजाक बनाया जाता है या फिर उसे हिकारत की नजर से देखा जाता है। इसलिए, प्रतिष्ठा पानी है, या प्रतिष्ठा को संभाल कर रखना है तो मेहनत से जी ना चुराएं, ये आपको आपके सपनों को पूरा करने में सहायता करेगी और साथ ही समाज में आपकी इज्जत भी बढ़ाएगी। आलसी या कामचोर बनेंगे तो सारी प्रतिष्ठा मिट्टी में मिल जायेगी।
इसके अलावा और एक चीज है ईमानदारी। जी हां दोस्तों, इंसान में इमानदारी का गुण तो होना ही चाहिए। इमानदार इंसान को भी दुनियां बहुत सम्मान देती है, क्योंकि एक तो उस पर आंख बंद करके विश्वास कर सकते हैं और दूसरा वह किसी भी परिस्थिति में धोखा नहीं देता है और ना ही कभी बेईमानी करता है। ईमानदार इंसान की समाज के हर क्षेत्र में जरुरत और इज्जत होती है। इसलिए हमें अपने खुद के प्रति, अपनों के प्रति, अपने काम के प्रति, अपने रिश्तों के प्रति और समाज के प्रति हमेशा इमानदार रहना चाहिए। बेईमानी से हम थोडे समय के लिए ही दूसरों को धोके में रख सकते हैं या फिर धोखा दे सकते हैं, लेकिन हमेशा के लिए नहीं। कभी ना कभी हमारी बेईमानी सबके सामने आ ही जाती है और उस समय हमारी और हमारे परिवार की कमाई हुई सारी इज्जत भी मिट्टी में मिल जाती है।
अब बात करते हैं, विश्वास की। विश्वास बहुत बड़ी चीज है और जो व्यक्ति विश्वासपात्र होता है वह निश्चित ही सम्मान करने के लायक होता है। क्योंकि किसी के विश्वास को जीतना, इतना भी आसान नहीं होता है। चाहे वह हमारा रिश्तेदार हो, हमारा मित्र हो या हमारा कलिग हो, अगर हम खुलकर उसके साथ कोई भी बात शेयर कर सकते हैं, इसका मतलब यही है कि हम उस पर विश्वास करते है और ऐसे व्यक्ति का हमारे मन में बड़ा ही सम्मान होता है।
प्रतिष्ठा यानी सम्मान हासिल करने का, या अपनी प्रतिष्ठा को बचाएं रखने का एक और स्वाभाविक तरीका है, दूसरे की प्रतिष्ठा का ध्यान रखना या सम्मान करना। सम्मान करोंगे तो ही सम्मान मिलेगा, यही नियम है। आप चाहें जितनी भी योग्यता रखतें हैं लेकिन आप यदि उस बात का घमंड करेंगे, अपमानजनक व्यवहार करेंगे और सब पर रौब जमाएंगे, तो कोई भी आपकी योग्यता का सम्मान नहीं करेगा, आप एक योग्य इंसान से ज्यादा एक घमंडी व्यक्ति के रुप में ज्यादा जाने जाएंगे। क्योंकि दुनियां का यही चलन है, आपकी हजारों अच्छाइयों के सामने आपकी एक बुराई हमेशा ही भारी ही पड़ती है। इसलिए घमंडी ना बने। सभी से सम्मानजनक व्यवहार करें। यह ध्यान रखें कि सभी का सम्मान होता है, चाहे वह छोटा बच्चा ही क्यों ना हो।
अपनी बातों और बोली पर भी ध्यान जरूर दें। आप चाहें कितनी भी बड़ी पोस्ट पर बैठे हो, लेकिन आपको बातचीत करने का तरीका ही पता नहीं होगा तो कोई भी आपको सम्मान नहीं देगा। अपने शब्दों का चयन सोच समझकर ही करें। अपने पद और प्रतिष्ठा का दुरुपयोग ना करें। नहीं तो लोग केवल आपके पद का सम्मान करेंगे लेकिन आपका नहीं।
कभी भी बेवजह चिल्ला कर या गाली गलौज करते हुए बात ना करें। लड़ाई झगडे से दूर रहें। आपकी बातों से किसी को दुख ना पहुंचे यह हमेशा ध्यान रखें। आपके शब्द, आपकी बातचीत का तरीका और आपका व्यवहार ही आपकी योग्यता को दर्शा देते हैं। इसलिए अपनी प्रतिष्ठा को कायम रखना चाहते हैं तो अपने व्यवहार और शब्दों पर नजर जरुर डालिए। बेवजह झूठ ना बोलें। यह दुनियां की कड़वी सच्चाई है कि, लोग खुद तो झूठ बोलते हैं, लेकिन दूसरों से अपेक्षा सच बोलने की ही करते हैं।
तो दोस्तों यह कुछ बातें थी वो, जिनका ध्यान रखकर हम समाज में अपनी प्रतिष्ठा बढ़ा सकते हैं और एक अच्छे इंसान के रुप में जाने जा सकते हैं। इन सभी बातों को अपने व्यवहार और आदत में लाना कोई कठीन बात नहीं है। बस अपने व्यक्तित्व, व्यवहार और शब्दों का ध्यान रखें।
प्रतिष्ठित जीवन सर्वश्रेष्ठ जीवन है जिसे मेरे विचार अनुसार अपने निजी परिवार मे बनाए रखना बहुत बड़ी चुनौती है।इसके महनत,त्याग, इमानदारी,तटस्थता और विश्वास सभी मानवीय मूल्यो बनाए रखना अति आवश्यक है।इनको निभाने से प्रेम की उत्पत्ति होती है और प्रेम वो कच्चा धागा होता है जिसे कोई तोडना नही चाहता।