Table of Contents
Avyayibhav Samas in Hindi
Avyayibhav Samas in Hindi: आज हम इस लेख में हिंदी व्याकरण के सबसे मुश्किल अध्याय ‘समास’ के छह प्रकारों में से एक प्रकार, ‘अव्ययीभाव समास’ के बारे मे बात करने वाले है। हालांकि इसे समझना थोड़ा मुश्किल होता है लेकिन सबसे अधिक प्रश्न प्रतियोगी परीक्षाओं में इसी अध्याय से पूछे जाते हैं |
इसीलिए आज हम यहां अव्ययीभाव समास: परिभाषा, भेद एवं उदाहरण के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देने वाले हैं। साथ ही साथ हम यहां बताएंगे कि अव्ययीभाव समास की पहचान कैसे करते हैं तथा अव्ययीभाव समास किसे कहते हैं? तो चलिए फिर बिना देर किए इस लेख को शुरू करते हैं –
अव्ययीभाव समास किसे कहते है
अव्ययीभाव समास, हिंदी व्याकरण में दो अवयवों के मेल से बनने वाला समास होता है। इस समास में पहले अव्यय को आधार अव्यय कहा जाता है और दूसरे को परस्पर संबंधित अव्यय कहा जाता है।
इस प्रकार के समास में आधार अव्यय संपूरक रूप से कार्य करता है और परस्पर संबंधित अव्यय उसके साथ मेल-जोल रखता है। इस प्रकार का समास वास्तव में अवयवों की संख्या कम करके उनकी प्रभावशाली उपस्थिति को दर्शाता है।
अव्ययीभाव समास में पहला पद अव्ययी होता है, जो संस्कृत व्याकरण में प्रयोग होने वाले विभिन्न अवयवों को दर्शाता है। अव्यय वे शब्द होते हैं, जो क्रिया, सर्वनाम, कारक, समय, स्थान तथा अवस्था आदि के अर्थ को बताने में उपयोग होते हैं। दूसरा पद भाव होता है, जो किसी संज्ञा को दर्शाता है।
भाव संज्ञा होती है, जो किसी व्यक्ति, प्राणी, वस्तु, स्थान, गुण, दशा आदि के बारे में बताने के लिए प्रयुक्त होती है।
अव्ययीभाव समास की परिभाषा क्या है
जिन शब्दों का प्रथम पद या पूर्व पद अव्यय होता है और वे अन्य समस्त पदों के मिलने पर या संयोग पर पूरा शब्द या पूरा पद अव्य हो जाता है, तो उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं।
अव्ययीभाव समास में पहले अव्यय पद को अपने आसपास के भाव संज्ञा के साथ मेल करके एक नया पद बनाया जाता है। इस प्रकार का समास शब्दों को जोड़कर एक नया शब्द बनाता है, जो एक संक्षेप में व्यक्ति, स्थान, समय, कारण आदि का बोध कराता है।
जैसे कि –
- सुप्रभात – यहां ‘सु’ और ‘प्रभात’ दो शब्दों का मेल है, जिससे नया शब्द ‘सुप्रभात’ बनता है। जिसका अर्थ होता है, ‘सुनहरा प्रभात’।
- इसी तरह, पश्चात – यहां ‘पश्च’ और ‘आत्’ दो शब्दों का मेल है, जिसके मेल से नया शब्द ‘पश्चात’ बनता है। जिसका मतलब होता है, ‘बाद में या फिर’
- आनंदमय – यहां ‘आनंद’ और ‘मय’ दो अलग-अलग शब्द आपस में मिलकर नए शब्द का निर्माण कर रहे हैं, आनंदमय। जिसका मतलब होता है, ‘आनंद से भरा या आनंदपूर्ण’।
अव्ययीभाव समास के उदहारण क्या है
यहां नीचे हम अव्ययीभाव समास से कुछ उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं, जिनके माध्यम से आप अव्ययीभाव समास के बारे में और विस्तार से समझ पाएंगे जैसे कि –
- प्रत्यक्ष – अक्षि (आँखों) के सामने
- दिनोंदिन – दिन ही दिन में
- प्रतिदिन – प्रत्येक दिन
- बेशर्म – बिना शर्म के
- हाथोंहाथ – हाथ ही हाथ में
- निडर – बिना डर के
- हरघड़ी – घड़ी घड़ी
- बेकाम – बिना काम के
- बेरहम – बिना रहम के
- यथासंख्या – संख्या के अनुसार
- मृत्युपरांत – मृत्यु के उपरांत
- अकारण – बिना कारण के
- निरोग – रोग से रहित
- आमरण – मरण तक
- सेवार्थ – सेवा के लिए
- लाजवाब – जिसका जवाब ना हो
- व्यर्थ – बिना अर्थ के
अव्ययीभाव समास के प्रकार कितने है
हिंदी व्याकरण के अनुसार अव्ययीभाव समास के दो प्रकार होते हैं। जैसे की —
- अव्यय पद पूर्व अव्ययीभाव समास
- नाम पद पूर्व अव्ययीभाव समास
अव्यय पद पूर्व अव्ययीभाव समास
इस प्रकार के समास में आधार अव्यय पद के पहले अव्यय पद का उपयोग किया जाता है। दूसरे शब्दों में कहें, तो ऐसे समास जिनमें दूसरे पद से पहले यानी प्रथम पद अव्यय होता है और इसके बाद यानी दूसरा पर संज्ञा होता है, अव्यय पद पूर्व अव्ययीभाव समास कहलाता है।
उदाहरण के रूप में –
- यथायोग्य – योग्यता के अनुसार
- धीरे-धीरे – बहुत ही धीरे
नाम पद पूर्व अव्ययीभाव समास
इस प्रकार के समास में आधार अव्यय पद के पहले नाम पद का इस्तेमाल किया जाता है। दूसरे शब्दों में कहे, तो यह अव्यय पद पूर्व अव्ययीभाव समास का बिल्कुल विपरीत होता है यानी कि इसमें पहला पद यानी पूर्व पद संज्ञा होता है लेकिन इसका द्वितीय पद अव्यय होता है, उन्हें ही नाम पद पूर्व अव्ययीभाव समास कहते हैं।
उदाहरण के रूप में –
- गंगाजल – गंगा का जल
- विवाहेतर – विवाह के इतर
- विवाहोपरांत– विवाह के उपरांत
अव्ययीभाव समास की पहचान कैसे करते है
अव्ययीभाव समास वह समास होता है, जिसमें एकवचन संज्ञा का अव्यय एवं एकार्थक अव्यय होता है। अव्ययीभाव समास की पहचान करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण तत्व को ध्यान में रखना जरूरी होता है। जैसे की –
संज्ञा
समास के पहले संज्ञा को विशेष रूप से देखें और समझे। यह संज्ञा एकवचन होती है और समास के अव्यय के साथ एकार्थक रूप से आती है।
अव्यय
समास के दूसरे हिस्से में अव्यय को ध्यान से देखें। अव्यय एकवचन होता है और समास के पहले संज्ञा के साथ संबोधित होता है। यह अव्यय संज्ञा के गुण, कर्म, संख्या, समय आदि को बताता है।
अर्थ
समास के द्वितीय हिस्से का अर्थ संज्ञा के साथ सादगी से मेल खाना चाहिए। यदि संज्ञा और अव्यय का अर्थ मेल खाता है और दोनों का सामान्य अर्थ बनता है, तो वह समाज अव्ययीभाव समास हो सकता है।
नीचे हम कुछ उदाहरण दे रहे हैं, जिससे अव्ययीभाव समास की पहचान करने में आपको मदद मिलेगी।
जैसे कि –
- रात्रि + काल = रात्रिकाल (संज्ञा + अव्यय = समास)
- अति + लम्ब = अतिलम्ब (संज्ञा + अव्यय = समास)
- सुख + कर = सुखकर (संज्ञा + अव्यय = समास)
- आनंद + पूर्ण = आनंदपूर्ण (संज्ञा + अव्यय = समास)
- सच्चाई + अभाग्य = सच्चाईअभाग्य (संज्ञा + अव्यय = समास)
इस प्रकार जब आप एकवचन संज्ञा और उसके साथ एकार्थक अव्यय का पता लगा लेते हैं, तो आप अव्ययीभाव समासकी पहचान आसानी से कर सकते हैं। ध्यान देने के लिए वाक्य का अर्थ और वाक्य के संदर्भ में दिए गए शब्दों को विशेष रूप से देखें और समझे।
अव्ययीभाव समास की विशेषताएं
अव्ययीभाव समास के कुछ अनगिनत विशेषताएं भी हैं जिनके बारे में नीचे हम बता रहे हैं। जैसे कि –
- अव्ययीभाव समास में प्रायः प्रथम पद यानी कि पूर्व पद प्रधान होता है।
- अव्ययीभाव समास वे होते है जिनका, प्रथम पद यानी पूर्व पद यावत, हर, यथा, प्रति, भर, अनु, आ आदि से शुरुआत होता हैं।
- यदि किसी एक शब्द की पुनरावृति की जाए या फिर दो शब्दों को जोड़कर नया शब्द बनाया जाए और वह शब्द अव्यय की तरह प्रयुक्त हो, तो उसमें भी अव्यय समास ही होता है।
- ऐसे शब्द जो काल, वचन, लिंग आदि के मुताबिक ना बदले, तो उनका प्रथम पद अव्यय होता है।
निष्कर्ष
आज का यह लेख ‘अव्ययीभाव समास: परिभाषा, भेद एवं उदाहरण’ यही पर समाप्त होता है. आज के इस लेख में हमने जाना की अव्ययीभाव समास किसे कहते है (Avyayibhav Samas in Hindi), अव्ययीभाव समास के उदहारण क्या है तथा अव्ययीभाव समास के कितने प्रकार होते है |
उम्मीद करते है, की हमारे इस पोस्ट के माध्यम से आपको इतना कठिन विषय अव्ययीभाव समास के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी प्राप्त हो गयी होगी। हलाकि इसके बावजूद यदि इस लेख के माध्यम से आपको और अधिक जानकारी चाहिए तो आप निचे कमेंट के माधयम से हम तक अपनी बात पहुंचा सकते है |
अंत में यही निवेदन है की यदि यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे अन्य लोगो के साथ शेयर करना बिलकुल मत भूलें।
FAQ
अव्ययीभाव समास में दूसरा पद क्या होता है?
संस्कृत के अनुसार अव्ययीभाव समास का दूसरा पद संज्ञा होता है|
अव्ययीभाव समास की क्या विशेषता है?
अव्ययीभाव समास की विशेषता है की, प्रायः इसका प्रथम पद यानी पूर्व पद प्रधान होता है और इसका पहला पद हमेशा अनु, आ, प्रति आदि से शुरू होता है.
अव्ययीभाव समास किसे कहते है?
जिन शब्दों का प्रथम पद या पूर्व पद अव्यय होता है और वे अन्य समस्त पदों के मिलने पर या संयोग पर पूरा शब्द या पूरा पद अव्य हो जाता है, तो उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं।
अव्ययीभाव समास के उदाहरण क्या है?
अव्ययीभाव समास के उदाहरण है – अन + जाने = अनजाने – बिना जाने, आनंद + मय = आनंदमय – आनंद से भरा।
अव्ययीभाव समास के कितने भेद होते हैं?
अव्ययीभाव समास के दो भेद होते हैं – अव्यय पद पूर्व अव्ययीभाव समास, नाम पद पूर्व अव्ययीभाव समास |