कम्प्यूटर क्या है? (Computer Kya Hai)

Computer Kya Hai

आपने अपने आसपास मे देखा होगा की एक मशीन होती है जो घंटों का काम मिण्टो मे कर देती है। उसी मशीन को चलाने के लिए एक व्यक्ति की आवश्यकता होती है। वह व्यक्ति Computer Operator कहलाता है। कम्प्यूटर को हिन्दी मे संगणक कहा जाता है जो घंटो का काम मिण्टो मे ओर मिण्टो का काम सैकेण्डो मे करता है। 

कंप्यूटर क्या है (Computer Kya Hai)

कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन हैं जो यूज़र से डेटा लेती हैं, उसे प्रोसेस करती हैं और उसका आउटपुट देती हैं। कंप्यूटर को हिंदी भाषा मे संगणक कहा जाता है जो की एक कैलक्यूलेटर के समान कार्य करता हैं। कंप्यूटर का उपयोग हम कई अलग अलग मायनो में करते हैं जैसे आपको अगर गेम खेलना हो, ईमेल भेजना हो, टाइप करना हो, या ओर भी अन्य कार्यो में इसका उपयोग होता हैं। आज के समय मे तो महीने भी कंप्यूटर से ही operate हो रही हैं। आपने देखा होगा कि अगर किसी फ़ैक्टरी में तो किसी भी प्रोडक्ट की बनाई ,डिज़ाइन, छपाई, पैकिंग, डिस्ट्रीब्यूट सब मशीनों से होती हैं और उन मशीनों को कंप्यूटर के माध्यम से operate किया जाता हैं।

कंप्यूटर एक कोई फिक्स मशीन नही होती हैं इसमे भी अलग अलग पार्ट्स होते हैं जिसमे CPU, mouse, keyboard, monitor , etc. जिन सबको जोड़ कर कंप्यूटर बनता हैं। 

कम्प्यूटर की खोज (Computer Ki Khoj) 

कम्प्यूटर की खोज किसने की यह जानना जितना आसान है उतना ही आसान है इसके बारे मे जानना। कम्प्यूटर कोई एक सिंगल मशीन नही है, यह कई सारी मशीनों को दर्शाता है। कम्प्यूटर के कई अलग – अलग हिस्से है जो सब मिलकर एक कम्प्यूटर के तौर पर कार्य करते है। कम्पयूटर का आविष्कार भी आवश्यकतानुसार अलग अलग समय मे हुआ है। सर्वप्रथम कम्प्यूटर की खोज चार्लस बेबेज ने 19वी शताब्दी मे की थी। सर्वप्रथम जिस प्रकार का कम्प्यूटर बनाया गया था वह लगभग एक रूम के समान बडा था जिसमे कई अलग अलग प्रकार के वायर लगे रहते थे। सर्वप्रथम 1951 मे दूनिया का सबसे पहला कार्मशियल कम्प्यूटर का आविष्कार हुआ जो की बाद मे यूएनआईवीएसी-आई ( UNIVAC-I ) कहलाता। 

कम्प्यूटर का उपयोग (Computer Ka Upyog)

आज के समय मे आप हर जगह देख सकते है की कम्प्यूटर का उपयोग अपने आसपास ही होता है। अगर आप रेलवे स्टेशन पर जाते है जो वहा टिकट बनाने के अलावा ओर भी सारे कार्य कम्प्यूटर से होता है। अगर आप किसी सरकारी कार्यालय मे जाते है तो वहा भी आप देखते है की आँफिस के सारे कार्य भी कम्प्यूटर के माध्यम से होते है। अगर आप अपने नज़दीकी किसी दूकान मे भी जाते है तो वहा भी आप देखते है की बिलींग का कार्य भी कम्प्यूटर द्वारा किया जाता है, इतना ही नही आप भी खुद कम्पयूटर का उपयोग करते है जिसमे आप गेम खेलते है, मूवी देखते है तब भी आप कम्प्यूटर का उपयोग करते है। आप अपने आसपास भी किसी स्कूल, कालेज व विश्वविद्यालय व कम्पनीयो मे भी देख सकते है कि वहा का हर कार्य कंप्यूटर द्वारा किया जाता है। computer के अन्य उपयोग

  • पैसा कमाने के लिए – आज के समय मे ऑनलाइन पैसा कमाने का trends बन चुका हैं। online पैसा कमाने के लिए आपको कंप्यूटर, laptop, मोबाइल इटियादी कि आवश्यकता पड़ती हैं और यह laptop, computer, ओर mobile यह सभी कंप्यूटर (संगणक) के ही भाग हैं। अगर आप कोई ऑनलाइन business करते हैं तो उसके लिए मोबाइल और कंप्यूटर की आवश्यकता होती हैं।
  • काम को आसान बनाने के लिए – कंप्यूटर का मुख्य कार्य होता हैं किसी भी काम को आसान बनाना। अगर आप कोई भी कार्य करते हैं तो उसके लिए कंप्यूटर का उपयोग होता हैं।
  • Billing के लिए – आज के जमाने मे सब कुछ फ़ास्ट हो गया है यहां तक कि दुकानों के बिल भी। कंप्यूटर काफी अच्छा साधन है बिलिंग के लिए। इसमे आपको ज्यादा कुछ जोड़ बाकी हाथ से करने की आवश्यकता नही होती यह सब कंप्यूटर स्वतः ही कर देता हैं।
  • कंप्यूटर के अन्य उपयोग – वैसे तो कंप्यूटर के कई कार्य हूं परन्तु आपको कंप्यूटर के कुछ विशेष उपयोग बता रहे हैं जैसे कि मैच लाइव देख सकते हो, गेम खेल सकते हो, टाइप कर सकते हो, कई तरह की मशीनो को operate कर सकते हो इतियादी।

Computer की पीढियां (Generations Of Computer)

वैसे तो कंप्यूटर की खोज काफी पहले हो चुकी थी जिसके बाद कंप्यूटर की कई पीढ़ियाँ आ चुकी हैं परंतु computer की कुछ पीढियां ऐसी जिसको परीक्षाओं की दृष्टि से जानना बेहद जरूरी हैं। कंप्यूटर की पीढ़ियों को मुख्यतः 5 भागो मे बांटा जाता हैं जो सभी इसकी मुख्य पीढियां हैं और इन सब मे कुछ न कुछ खास हैं, हर बढ़ती पीढ़ी में कुछ नई चीज़े देखने को मिलती हैं।

  • प्रथम पीढ़ी – इस पीढ़ी में उन सभी प्रकार के कंप्यूटर को रखा जा सकता हैं जिनका अविष्कार सन 1946 से 1956 के मध्य हुआ हो। 1946 में दुनिया का पहला कंप्यूटर बनाया गया जिसका नाम इलेक्ट्रॉनिक न्यूमेरिकल इंतिग्रतर एंड कैलक्यूलेटर (ENIAC) रखा गया। इस प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर का आविष्कार J.P. Eckert ओर J.W. Mauchy दुवारा किया गया था। इस पीढ़ी के कंप्यूटरों में हजारों वेक्यूम ट्यूब का इस्तेमाल हुआ करता था । 
  • द्वितीय पीढ़ी – द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटर का आविष्कार 1956 से 1964 के मध्य हुआ था । द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटर में ट्रांस्जिस्टर का उपयोग हुआ करता था। आपको शायद इस बात का अंदाजा होगा कि ट्रांस्जिस्टर का आविष्कार विलियम्स शोकले ने 1947 में किया था। यह पीढ़ी कंप्यूटर के क्षेत्र में क्रांति साबित हुई। अगर आप द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटर के उदाहरण की बात करे तो इसमे IBM 7094 का नाम सबसे पहले आता हैं।
  • तृतीय पीढ़ी – इस पीढ़ी के कंप्यूटर का अविष्कार 1964 से 1971 के मध्य हुआ था। इस पीढ़ी के कंप्यूटर की सबसे बड़ी खास बात थी कि इसमे ट्रांस्जिस्टर की जगह IC का उपयोग होने लगा। IC का पूरा नाम इंटेरिग्रटेड सर्किट हैं। 
  • चर्तुथ पीढ़ी – चर्तुथ पीढी के कम्प्यूटर में आई.सी चिप के स्थान पर एक नई प्रकार की चिप का उपयोग किया जाने लगा जिसे वीएलएसआई (VLSI – Very Large Scale Integration)  के नाम से जाना जाता है, इस प्रकार की चिप को “माइक्रोप्रोसेसर” (Microprocessor) भी कहा जाता है। इस प्रकार के कम्प्यूटर का आविष्कार 1971 से 1985 के मध्य हुआ है। चर्तुथ पीढी के कम्प्यूटर मे ग्राफीकल यूज़र इन्टरफेस (GUI – Graphical User Interface)  का प्रयोग होने लगा। 
  • पंचम पीढी – इस प्रकार के कम्प्यूटर को सन् 1985 के बाद से अब तक बनाया जा रहा है। इस प्रकार के के कम्पयूटर मे AI (Artificial Intelligence) का उपयोग ज्यादा होने लगा। पांचवी पीढी के कम्प्यूटर मे आवाज (Voice ) व फोटो ( Image ) के फिचर काफी ज्यादा स्पीड मे कार्य करने लगे। इस प्रकार के कंप्यूटरों मे वीएलएसआईसी (VLSIC)  के स्थान पर यूएलएसआईसी (ULSIC – Ultra Large Scale Integrated Circuit) का उपयोग होने लगा। आप ओर हम आज जो भी कम्प्यूटर का उपयोग अपने रोजाना के कार्यो को करने लिए करते है वह भी पांचवी पीढी का कम्प्यूटर है। 

कम्प्यूटर के मुख्य पार्टस (Computer Ke Parts)

अगर हम कम्प्यूटर के पार्टस की बात करे तो आपको यह बता देते है की एक कम्प्यूटर कई सारे पार्टस मे बंटा होता है जिसमे सीपीयू, मानीटर, माऊस, कि-बोर्ड, प्रींटर इत्यादि होते है। कम्प्यूटर के यह सारे पार्टस मिलकर एक पूरा कम्प्यूटर बनता है। कम्प्यूटर के पार्टस को 2 भागों मे बाँटा जाता है जिसमे कम्प्यूटर आंतरिक भाग व बाहरी भाग होते है। 

कम्प्यूटर के आंतरिक भाग 

कम्प्यूटर के आंतरिक भागों मे कम्प्यूटर के उन पार्टस को रखा जाता है जो की सामान्यतः कम्प्यूटर के अंदर होते है। जिसमे कुछ पार्टस निम्न है। 

  • हार्डडिस्क (Hard Disk) – यह कम्प्यूटर का मुख्य भाग होता है जो की कम्प्यूटर के सीपीयू मे लगा होता है। कम्प्यूटर मे यह एक मेमोरी कार्ड का कार्य करता है। हार्डडिस्क का मुख्य कार्य कम्प्यूटर के डाटा को स्टोर कर डाटा को सेव रखना होता है। एक हार्ड डिस्क की सामान्य स्टोरेज क्षमता 250 जीबी होती है वही अधिकतम क्षमता 2 टीबी (अब तक) होती है। 
  • रैम (RAM)  – यह भी कम्प्यूटर के अन्य आंतरिक भागों मे से एक होता है जो की एक मेमोरी का कार्य करता है। कम्प्यूटर के कार्य की स्पीड करने मे भी कही न कही रैम भी उत्तरदायी होता है। 
  • मदर बोर्ड (Mother Board) – कम्प्यूटर के आंतरिक भागों मे मुख्य रूप से हम मदर बोर्ड को रखते है जो की कम्प्यूटर के मुख्य आंतरिक भागों मे आता है। इस मदर बोर्ड कम्प्यूटर के पूरे प्रोसेस व अन्य भागों को एक दूसरे से जोड कर रखने मे सक्षम होता है। 
  • प्रोसेसर (Processor) – यह कम्प्यूटर का एक मुख्य भाग होता है जो की कम्प्यूटर की स्पीड का निर्धारण करता है। प्रोसेसर कम्प्यूटर का एक मुख्य भाग होता है। 

कम्प्यूटर के बाहरी भाग 

अगर हम कम्प्यूटर के बाहरी भागों की बात करे तो इसमे कई ऐसे पार्टस होते है जिसके उपयोग के बिना कम्प्यूटर को यूज नही कर सकते। कम्प्यूटर के बाहरी भाग 

  • सीपीयू (CPU) – यह कम्प्यूटर का मुख्य अंग होता है। सीपीयू को कम्प्यूटर का दिमाग भी कहा जाता है। सीपीयू के बिना आप कम्प्यूटर को चालू भी नही कर सकते है। सीपीयू का पूरा नाम सैंटोल प्रोसेसिंग यूनिट कहा जाता है। 
  • मानीटर (Monitor) – यह भाग कम्प्यूटर मे टीवी के अनुसार काम करता है। मानीटर मे वो सब दिखाई देता है जो आप कम्प्यूटर मे करते है। कम्प्यूटर मे इस भाग के बिना आप कम्प्यूटर मे कार्य करने मे सक्षम नही हो सकते है। 
  • कि-बोर्ड (Keyboard) – कि-बोर्ड को कम्प्यूटर का एक ऐसा अंग माना जाता है जिसके बिना कम्प्यूटर मे कुछ टाइप नही कर सकते। 
  • माऊस (Mouse) – माऊस कम्प्यूटर का मुख्य भाग है जिसे आप कम्प्यूटर के हाथ के रूप मे देख सकते है। 
  • प्रिन्टर (Printer) – प्रिंटर मे से अगर आपको कुछ भी प्रिंट होर्ड कापी के रूप मे लेना चाहते है तो आप प्रिंटर का उपयोग कर सकते है।

एक कम्प्यूटर कैसे कार्य करता है ? (Computer Kaise Karya Karta Hai)

अगर हम कम्प्यूटर के कार्यप्रणाली की बात करे तो आपको इसके बारे मे कुछ सामान्य जानकारी दे देते है। एक कम्प्यूटर कैसे कार्य करेगा यह निर्भर करता है इस चीज पर की आप किस प्रकार का कार्य कर रहे है। 

  • अगर आप कम्प्यूटर मे कुछ भी टाइप करते है तो इसके बाद आपको स्क्रीन पर वो चीज दिखाई देती है जो आप टाइप करते है पर क्या आपको पता है की एक कम्प्यूटर कैसे कार्य करता है ? जब भी आप कुछ भी टाइप करते है तो आपके टाइप करने के बाद वह शब्द कम्प्यूटर मे बाइनरी भाषा मे बदल जाता है फिर कम्प्यूटर इस शब्द को बाइनरी भाषा मे समझता है और उसके बाद वह शब्द आपको कम्प्यूटर की स्क्रीन पर दिखाता है। यह कितना फास्ट होता है इसका आप अंदाजा भी नही लगा सकते है। 

अब जब भी कोई शब्द, पेराग्राफ इत्यादि प्रिंट करते है तो वह भी बाइनरी भाषा मे पहले कन्वर्ट होता है उसके बाद वह फिर नार्मल भाषा मे बदल कर प्रिंट होता है। 

 कम्प्यूटर के लाभ (Advantages Of Computer)

कम्प्यूटर एक मनुष्य निर्मित मशीन है जिससे बहुत से लाभ है-

  • सरलता- कम्प्यूटर के माध्यम से हम रोजाना के सभी कार्य सरलता से कर सकते है। यह (कम्प्यूटर) करोड़ो की गिनती सैकेंडो में कर लेता है।
  • समय की बचत- कम्प्यूटर पर हमारे सभी कार्य बड़ी गति से किए जाते हैं और हमारे यह सभी क्षेत्रों जैसे Hospital, School, College आदि सभी से जुड़ा हो सकता है। इसलिए हम घर बैठे कम्प्यूटर के जरिए अपनी कालेज व स्कूल की फीस आदि भर सकते हैं जिससे कि समय की भी काफी बचत होती है।
  • डाटा स्टोरेज- एक कम्प्यूटर के अंदर हम अपना सारा डाटा स्टोर (Save & Store) कर सकते हैं। आज के समय में हर क्षेत्र में सारा डाटा लोग कम्प्यूटर पर ही डालते हैं।
  • मनोरंजन का साधन- कम्प्यूटर (Computer) पर हम परिवार जन व दोस्तों से चैटिंग कर सकते हैं और इसकी के साथ बहुत सारी गेम भी खेल सकते हैं जिस वजह से यह मनोरंजन का भी अच्छा साधन है।
  • फाईल ट्रांस्फर- हम कम्प्यूटर पर बड़ी से बड़ी फाइल दूसरे कम्प्यूटर में डाल सकते हैं।
  • रिश्ते- कम्प्यूटर के माध्यम से विड्यो कॉलिंग (Video Calling – VC) आदि के माध्यम से हम अपने दोस्तों (Friends) और रिश्तेदारों (Family) से जुड़े रह सकते हैं।
  • सस्ता यंत्र- हमारे लिए बहुपयोगी कम्प्यूटर ज्यादा महँगा नहीं है। हम अच्छा कम्प्यूटर 25-30 हजार में खरीद सकते हैं और उसे अपनी जरूरत के हिसाब ये असैंबल (Assemble) भी करा सकते हैं।

कम्प्यूटर की हानियाँ (Disadvantages Of Computer)

हर मशीन की तरह एक कम्प्यूटर के भी लाभ के साथ-साथ बहुत सी हानियाँ भी है-

  • समय की बर्बादी- हम कम्प्यूटर के आदि बन जाते हैं और बिना किसी काम के भी हर समय इसके आगे बैठे रहते हैं और अपना अनमोल समय बर्बाद करते हैं।
  • स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव- कम्प्यूटर के ज्यादा प्रयोग से स्वास्थ्य पर काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। सारा दिन कम्प्यूटर चलाने से आँखो की दृष्टि कमजोर होती है और कमर में भी दर्द होता है।
  • रक्त संचार में कमी- सारा दिन एक ही स्थित में बैठे रहने से शरीर मे रक्त का संचार सही से नहीं हो पाता है।
  • रिश्तेदारों से दुनियाँ- लोग कम्प्यूटर के माध्यम से रिश्तेदारों से जुड़े रहते है और वह इसी कारण उनसे मिलने भी नहीं जाते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion) 

कम्प्यूटर क्या है इसके बारे मे आप आसानी से इस पोस्ट मे समझ सकते है। कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन हैं जो यूज़र से डेटा लेती हैं, उसे प्रोसेस करती हैं और उसका आउटपुट देती हैं। कंप्यूटर को हिंदी भाषा मे संगणक कहा जाता है जो की एक कैलक्यूलेटर के समान कार्य करता हैं।

FAQ 

प्रश्न 1 – कम्प्यूटर क्या है ?

उत्तर – कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन हैं जो यूज़र से डेटा लेती हैं, उसे प्रोसेस करती हैं और उसका आउटपुट देती हैं। कंप्यूटर को हिंदी भाषा मे संगणक कहा जाता है जो की एक कैलक्यूलेटर के समान कार्य करता हैं।

प्रश्न 2 – कम्प्यूटर का इस्तेमाल कौन कर सकता है ?

उत्तर – कम्प्यूटर का इस्तेमाल हर कोई कर सकता जैसे विद्यार्थी, बिजनेसमैन इत्यादि।

प्रश्न 3 – कम्प्यूटर का उपयोग किन किन क्षेत्रो मे होता है ?

उत्तर – कम्प्यूटर का उपयोग स्कूल, कालेज, व्यवसाय इत्यादि क्षेत्रो मे होता है।