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Dvigu Samas | द्विगु समास
इस लेख में आज हम द्विगु समास की परिभाषा और उदाहरण – Dvigu Samas in Hindi के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देने वाले हैं।
दरअसल द्विगु समास, समास का ही एक प्रकार है जिसके बारे में जानकारी प्राप्त होना प्रत्येक अभ्यार्थियों के लिए अति आवश्यक है क्योंकि समास हिंदी व्याकरण का सबसे कठिन विषय है जिसे समझना थोड़ा मुश्किल होता है परंतु इससे संबंधित प्रश्न अक्सर विभिन्न परीक्षाओं में पूछे जाते हैं।
इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए आज हम यहां द्विगु समास क्या है, द्विगु समास कितने प्रकार के होते हैं और द्विगु समास की पहचान कैसे होती है के बारे में बात करने वाले हैं। तो चलिए फिर बिना देर किए इस लेख को शुरू करते हैं –
द्विगु समास किसे कहते हैं
द्विगु समास एक प्रकार का समास है, जिसमें दो भिन्न शब्दों को एकत्र करके एक नया शब्द बनाया जाता है। इसमें पहले शब्द को प्रधान पद और दूसरे शब्द को उपसर्ग कहा जाता है।
द्विगु समास के अंतर्गत प्रधान पद संख्यावाचक विशेषण होता है, जो किसी संख्या को दर्शाता है और उपसर्ग दूसरे पद के साथ मिलकर उस पद का अर्थ बदल देता है या उसके समूह या समाहार का बोध करवाता है।
जैसे कि –
द्विपक्षीय – यहां द्वि अर्थात दो और पक्षीय यानी कि पक्षी के संबंधी है, जो मिलकर द्विपक्षीय शब्द बनाता है. जिसका मतलब होता है ‘दोनों पक्षों का नेतृत्व’
द्विभुज – यहां पर द्वि का मतलब होता है, दो और भुज का मतलब होता है भुजा। इन दोनों को जोड़कर द्विभुज शब्द का निर्माण होता है, जिसका मतलब होता है ‘दो भुजाओं वाला आकार’।
द्वीमासिक – यहां द्वि का मतलब होता है दो और मासिक का मतलब होता है महीना जिन्हें मिलाकर मासिक शब्द बनता है। जिसका मतलब होता है ‘ दो महीनों की छुट्टी’।
द्विगु समास की परिभाषा क्या है | Dvigu Samas Ki Paribhasha Kya Hai
ऐसे शब्द जिन का प्रथम पद यानी पहला पद प्रायः संख्यावाचक होता है और द्वितीय पद यानी दूसरा पद समूह या समाहार को दर्शाता है, उन्हें द्विगु समास कहा जाता है।
जैसे कि –
- त्रिलोक – तीन लोगों का समाहार
- चौराहा – चार राहो का समूह
- तिरंगा – तीन रंगों का समूह
- पंचतंत्र – पांच तंत्रों का समाहार
- नवग्रह नौ ग्रहों का समूह
- चारपाई – चार पैरों का समाहार
द्विगु समास के उदाहरण क्या है
यहां हम द्विगु समास के 10 उदाहरण बता रहे हैं, जिनके माध्यम से आपको द्विगु समास को विस्तार से समझने में सहायता होगी।
जैसे कि –
- चतुरमूर्ख – चार मुखो का समूह
- चारपाई – चार पैरों का समाहार
- द्विगु – दो गायों का समाहार
- पंचतत्व – पांच तत्वों का समूह
- पंचतंत्र – पांच तंत्रों का समाहार
- पंजाब – पांच आबों यानी नदियों का समूह
- त्रिलोक – तीन लोको का समाहार
- त्रिफला – तीन फलों का समाहार
- नवरत्न – नौ रत्नों का समाहार
- पंचवटी – वटो यानी वृक्षों का समाहार
- नौलखा – नौ लाख के मूल्य का समाहार
- शताब्दी – सौ वर्षों का समूह
- द्विवेदी – दो वेदों को जानने वाला
- चौकड़ी – चार कड़ियों वाली
- सप्तऋषि – सात वर्षों का समूह
- दो अन्नी- दो आना का समाहार
- पंचमूली – पांच मुलो का समूह
- दोराहा – दो राहो का समाहार
- दशक – दस का समाहार
- शतक – सौ का समाहार
- आठकोना – आठ कोनों का समाहार
- तिमाही – तीन महीनों का समाहार
- चौमासा – चार मासों का समाहार
- तिरंगा – तीन रंगों का समूह
- चतुर्थ भवन – चार भवनों का समाहार
- सप्ताह – सात दिनों का समूह
- त्रिपाद – तीन पैरों का समाहार
- दोपहर – दो पहर का समाहार
- इकतारा – एक तारा
- त्रिपाठी – तीन पाठों यानी तीन वेदों को जानने वाला
- एकांकी – एक अंक का नाटक
- चतुर्वेद – चार वेद
- प्रचपात्र – पांच पात्र
द्विगु समास के भेद कितने होते हैं
हिंदी व्याकरण के अनुसार द्विगु समास के दो भेद हैं, जो कुछ इस तरह से हैं।
जैसे कि –
- समाहार द्विगु समास
- उत्तर पद प्रधान द्विगु समास
समाहार द्विगु समास
जिन शब्दों से किसी समुदाय का बोध होता है या जो शब्द किसी व्यक्ति या वस्तु के इकट्ठा होने का बोध कराता है वह समाहार द्विगु समास कहलाते हैं।
जैसे कि –
- पंचवटी – पांच वृक्षों का समाहार
- पंजाब – पांच आबों का समाहार
- नवरत्न – नौ रत्नो का समाहार
- चवन्नी – चार आनो का समाहार
- नौलखा – नौ लाख के मूल्य का समाहार
- नवनिधि – नौ निधियों का समाहार
उत्तर पद प्रधान द्विगु समाज
जिन शब्दों के उत्तर पर यानी दूसरे पद पर अधिक जोर दिया जाता है, वे उत्तर पद प्रधान द्विगु समास कहलाते हैं।
जैसे कि –
- दुसुती – दो सूती के मेल का
- पंच प्रमाण – पांच प्रमाण
- दूमाता – दो माँ का
- दोराहा – दो राहो का समाहार
- पंचहत्थड़ – पांच हत्थड़
निष्कर्ष
आज का यह लेख द्विगु समास की परिभाषा और उदाहरण – Dvigu Samas in Hindi यहीं पर समाप्त होता है। आज के इस लेख में हमने आपको द्विगु समास क्या है तथा द्विगु समास के प्रकार कितने हैं के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी है।
उम्मीद करते हैं, हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित हुई होगी। लेकिन इसके बावजूद यदि इस लेख से संबंधित आपको कोई और प्रश्न पूछना हो, तो आप नीचे कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं।
परंतु यदि यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे जितना हो सके उतना अधिक शेयर करें ताकि अन्य लोगों को भी द्विगु समास के बारे में जानकारी प्राप्त हो सके।
FAQ
द्विगु समास क्या है
ऐसे शब्द जिन का प्रथम पद यानी पहला पद प्रायः संख्यावाचक होता है और द्वितीय पद यानी दूसरा पद समूह या समाहार को दर्शाता है, उन्हें द्विगु समास कहा जाता है।
द्विगु समास के कितने भेद हैं?
द्विगु समास के मुख्यता दो भेद होते हैं जैसे- समाहार द्विगु समास, उत्तर पद प्रधान द्विगु समास।
द्विगु समास के उदाहरण क्या है?
उदाहरण कुछ इस तरह है। जैसे कि – चतुर्वेद – चार वेद, चारपाई – चार पैरों का समूह, नवरत्न – नौ रत्नों का समाहार, पंचतंत्र – पांच तत्वों का समूह।
द्विगु समास की पहचान कैसे होती है?
इन सामासिक पदो का प्रथम पद प्राया संख्यावाचक के साथ संज्ञा शब्द का बोध कराते हैं और दूसरा पद समूह या समाहार का बोध कराते हैं।
द्विगु समास में कौनसा पद प्रधान होता है?
द्विगु समास में प्राया उत्तर प्रद जिन्हें द्वितीय पद भी कहा जाता है वह प्रधान होने के साथ-साथ प्रथम पद यानी कि पहला पद संख्या वाचक होता है|