किस्मत मौका देती है और मेहनत चौंका देती है

किस्मत मौका देती है और मेहनत चौंका देती है
किस्मत मौका देती है और मेहनत चौंका देती है

किस्मत मौका देती है और मेहनत चौंका देती है, जी हां दोस्तों, यह बिल्कुल सही बात है। हर एक के जीवन में, एक ऐसा मौका तो जरुर ही आता है, जो उसकी पूरी जिंदगी ही बदल सकता है, बस हमें उस मौके को पहचानना और उसका सही इस्तेमाल करना आना चाहिए।

उस मौके को हाथ से जाने देने के बजाय, उसे कस कर पकड़ लेना चाहिए, और फिर अपनी मेहनत से, इस मौके पर चौका लगाकर सबको चौंका देना चाहिए।

जीवन में आगे बढ़ना है, कुछ करके दिखाना है या फिर अपने सपनों को साकार करना है, तो इसके लिए हमें क्या करना चाहिए? जी हां दोस्तों, इसका जवाब है मेहनत, कड़ी मेहनत।

हौसला तो आपमें है ही, क्योंकि आपने कुछ करने का सोचा है, बस जरूरत है तो मेहनत करने की, अपने हौसले को उड़ान देने की।

मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता है, कुछ हासिल करना है, तो उसके लिए, मेहनत तो आपको करनी ही होगी इसमें कोई शक ही नहीं है। केवल किस्मत के भरोसे बैठना और अपनी बारी का इंतजार करना तो सिर्फ मूर्खता है और समय की बर्बादी है। इससे कुछ भी हासिल नहीं होता है।

दोस्तों, किस्मत पर यकीन करना या ना करना, यह सबकी अपनी अपनी आस्था का विषय है और इसमें किसी को भी अपने विचारों को दूसरों पर थोपना भी नहीं चाहिए।

लेकिन चाहे आप किस्मत पर यकीन करते हो या नहीं करते हो, तो भी आप जब तक खुद प्रयास नहीं करेंगे, तब तक कुछ भी हासिल नहीं कर पाएंगे। किस्मत भी उन्हीं पर मेहरबान होती है, जो प्रयास करते हैं, आगे बढ़ने का हौसला रखते हैं और कड़ी मेहनत करते हैं।

आप एक सुखी, संपन्न और प्रतिष्ठित परिवार में जन्म तो ले सकते  हैं, या आपको सब कुछ बना बनाया भी मिल सकता है, लेकिन फिर भी आपमें यदि काबिलियत ही नहीं होगी, या मेहनत करने का जज्बा ही नहीं होगा, तो आप, आपको मिला हुआ सब कुछ मिट्टी में भी मिला सकते हैं।

और इसके विपरित, कोई काबिल और मेहनती इंसान, बुरी से बुरी परिस्थिति से भी उपर उठकर, अपना एक मुकाम बना लेता है।

जब भी इंसान अपने जीवन में असफल होता है तो सबसे पहले अपने भाग्य को ही कोसता है। अपना सारा समय, बस अपनी किस्मत को ही दोष देने में गुजार देता है। लेकिन वह इस बात का विश्लेषण करना भूल जाता है कि, आखिर उसकी कोशिश में कमी कहां पर रह गई है।

या कहीं उसने, उसे करनी चाहिए थी उतनी मेहनत की भी है या नही।

दोस्तों, किसी भी सपने को पूरा करने के लिए, इतनी मेहनत करो कि कभी भी हमें भाग्य के नाम पर रोने की जरूरत ही ना पड़े।

वैसे इस संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि, हो सकता है कि हमने बहुत ज्यादा मेहनत भी की हो और जी जान से कोशिश भी की हो, लेकिन फिर भी असफलता ही हाथ लगी हो!

तो भी हार मत मानना दोस्तों, क्योंकि ये भी तो हो सकता है कि यही असफलता ही, शायद हमारी सफलता की शुरुआत भी हो सकती है।

असफलता से हार कर नहीं बल्कि उससे सीख कर आगे बढ़े, मंजिल के रास्ते में जो भी मुश्किलें आएंगी, उन्हें मात करते हुए आगे बढ़े और अपनी मेहनत से अपनी किस्मत को लिखते हुए आगे बढ़े।

दोस्तों, यदि आप मानते हैं कि, हमारे जीवन में किस्मत का बहुत बड़ा रोल है, तो फिर यह भी जरुर मान लें कि किस्मत अगर, बहुत कुछ है भी तो मेहनत…. मेहनत तो सब कुछ है।

और किस्मत से अगर बहुत कुछ मिलता है… तो मेहनत से सब कुछ मिल सकता है। यकिन मानिए दोस्तों कि, वह जो कुछ भी मेहनत से मिलता है ना,  उसका स्वाद किस्मत से मिली हुई बड़ी से बड़ी सौगात में नहीं होता है।

किस्मत और मेहनत (kismat aur mehnat) दोनों में यकीन अगर है तो आज से मेहनत पे ज्यादा यकीन करना आदत डाल दीजिये | ये भी जान लीजिये की किस्मत से ज्यादा कुछ नहीं मिलता |

मेहनत, इंसान के लिए संभावनाओं के और संभावनाओं से प्रगति के सभी दरवाजे खोल देती है।

जिस इंसान को मेहनत करने की आदत और इच्छा होती है ना, वो इंसान, कभी भी किसी काम को करने से झिझकता नहीं है, और ना ही किसी काम को करने से घबराता है या पीछे हटता है। अपने सामने आई हर संधी को वह अपनाता है।

उसे अपने आप पर, अपनी मेहनत और अपनी लगन पर इतना भरोसा तो होता ही है कि, वो हर परिस्थिति में उसको मिली हुई संधी का सोना करके दिखा सकता है|

और हो सकता है कि, यह वही संधी बन जाएं… जो उसे फर्श से उठा कर अर्श तक पहुंचा सकती है। इसलिए दोस्तों, कभी भी अपने पास आई किसी भी संधी को हाथ से निकलकर जाने ना दें। ना ही किसी काम को छोटा समझें, और ना ही किसी काम को करने से झिझक या शर्म महसूस करें।

ध्यान रखें कि हर बड़े काम की शुरुआत, छोटे छोटे कदमों से ही होती है। और हर छोटा कदम, बड़े यश का एक बहुत बड़ा हिस्सा होता है। अपने यह कहावत तोह सुनी ही होगी “भाग्य में विश्वास मत करो मेहनत में विश्वास करो“|

ये बोहोत ही सही कहा है किसीने हमें भाग्य से ज्यादा अपने कर्म और मेहनत पर ज्यादा विस्वास होना चाहिए | अगर हम मेहनत और किस्मत की कहानी देखे तो ज्यादातर मेहनत ही रंग लाएगा और जीत उसी की होगी |

परिश्रमी व्यक्ति, अपनी मेहनत से समाज में अपना एक स्थान निर्माण करता है, लोग उसकी सराहना करते हैं, उसको सम्मान देते हैं और उसका अनुसरण भी करते हैं। और वही दूसरी ओर, आलसी व्यक्ति का ना तो कोई सम्मान होता है, ना कोई महत्वाकांक्षा होती है और ना ही कोई आदर्श होता है।

उसके पास समाज को देने के लिए भी कुछ नहीं होता है, देने के लिए होते हैं तो बस बहाने।

हमारा विश्व ऐसे अनगिनत महान लोगों की कहानियों से भरा हुआ है, जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन के बल पर ऐसे ऐसे अद्भुत काम कर के दिखाएं है जिन्हें चमत्कार कहा जा सकता हैं।

हो सकता है कि, हम वैसा चमत्कार ना भी कर पाएं, लेकिन अगर हम अपनी मेहनत से अपने ध्येय को पा लेते हैं, तो वह भी बहुत विशेष बात ही होती है।

ऐसे भी अनेक उदाहरण हैं, जिन्होंने अपने आलस और निकम्मेपन से, अपना सब कुछ ही गंवा दिया है।

दोस्तों, माना कि आराम का भी उतना ही महत्व है, जितना मेहनत का है, लेकिन जब मेहनत ही नहीं की है, तो फिर आराम किस बात का? महान विचारक, गौतम बुद्ध ने कहा भी है कि, “आलस ही मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु होता है।”  

इसलिए आलस त्याग कर मेहनत का रास्ता अपनाएं।

आप युवा है, तो आपको तो मेहनत से जी चुराना ही नहीं चाहिए। क्योंकि, आपमें जो जोश होता है, कुछ कर के दिखाने का जो जुनून होता है और सबसे बढ़कर आपमें जो शारिरिक बल होता है ना, वो आपको कहां से कहां पहुंचा सकता है।

बस उस जुनून के साथ अपनी मेहनत को मिलाकर देख लिजिए, और फिर देखिए कि क्या होता है। आपके लिए यही सही समय है, कि आप समय रहते और सही समय पर, कड़ी मेहनत कर लो और फिर जिंदगी भर आराम से रहो।

या फिर दूसरा विकल्प यह भी है कि, आप अभी यानी अपनी युवावस्था में आराम कर लो और फिर जिंदगी भर मेहनत ही करते रहो। फैसला आपका होगा, आखिर जिंदगी भी तो आप ही की है।

दोस्तों, मेहनत से मिली हुई सफलता, स्थाई होती है। क्योंकि इंसान उसे संघर्ष के बाद पाता है, और इसीलिए उसका मूल्य भी समझता है और उसे संभाल कर रखने की भरपूर कोशिश करता है।

याद रखिए कि, हमारी कड़ी मेहनत कभी भी व्यर्थ नहीं जाती है, हो सकता है कि, अपना सौ प्रतिशत देने के बाद भी हम अपने ध्येय तक पहुंच ना पाएं, लेकिन उस काम के लिए की गई हमारी मेहनत का फल हमें, कभी ना कभी और किसी ना किसी रूप में तो जरुर मिलता है।

दोस्तों, आज के इस दौर में ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं है, जहां पर कॉन्पिटिशन नहीं है। इसलिए भीड़ में अपने आप को अलग दिखाने के लिए, आपको कुछ अलग और एक्स्ट्रा तो करना ही होगा, तभी आप कुछ हासिल कर पाओगे।

मानो या ना मानो, लेकिन यही आज के समय की सच्चाई है। आपको आगे बढ़ना है, तो आपको जमाने के साथ नहीं बल्कि आगे ही चलना और बदलना होगा। और इसके लिए आपको कड़ी मेहनत करनी ही होगी, और इसका कोई भी दूसरा विकल्प नहीं है।

साथ ही आपका अपने आप के प्रति, ईमानदार और सच्चा रहना भी बहुत जरुरी है।

दोस्तों, आखिर में फिर से वही बात दोहराना बहुत जरुरी है कि, अपनी किस्मत पर विश्वास करो, लेकिन अंधविश्वास मत करो। किस्मत तो हमें बस मौका ही दे सकती है, लेकिन उस पर चौका मार कर, सबको चौंका देना तो बस हमारे उपर ही निर्भर करता है। इसलिए मेहनत करते रहें।