सकर्मक क्रिया किसे कहते है (Sakarmak Kriya Kise Kahte Hai)

Sakarmak Kriya
Sakarmak Kriya

आज हम यहाँ सकर्मक क्रिया किसे कहते है (Sakarmak kriya kise kahte hai) तथा सकर्मक क्रिया के कितने भेद होते हैं आदि के बारे में बात करने वाले हैं। दरअसल यह एक ऐसा विषय है, जिससे संबंधित प्रश्न कई परीक्षाओं में पूछे जाते है।

यह हिंदी व्याकरण के सबसे महत्वपूर्ण विषयों में से एक है, भले ही इसे समझना थोड़ा पेचीदा है परंतु  इसके बारे में जानकारी होना प्रत्येक विद्यार्थियों के लिए बहुत जरूरी है। तो चलिए फिर बिना देर किए इस लेख को शुरू करते है और जानते है, सकर्मक क्रिया की संपूर्ण जानकारी

सकर्मक क्रिया किसे कहते है (Sakarmak Kriya Kise Kahte Hai)

सकर्मक क्रिया वह क्रिया होती है, जो करने वाले के कर्म का परिणाम सीधे किसी अन्य वस्तु या व्यक्ति पर प्रभावित करती है। दूसरे शब्दों में कहे तो सकर्मक क्रियाएँ उन कार्यों को दर्शाती है, जो संगत होते हुए किए जाते हैं। जैसे कि- एक शिक्षक विद्यार्थियों को पढ़ा रहा है या सीता चाबी मेज पर ही भूल गई।

इसे और अच्छी तरह से समझने के लिए आपको बता दें, कि सकर्मक क्रियाएँ दो भागों में होती है –

प्रथम पुरुष (कर्ता) और दूसरा पुरुष (कर्म)

प्रथम पुरुष क्रिया का आधार होता है, जो कि कर्ता के द्वारा किया जाता है जबकि दूसरा पुरुष क्रिया का आधार होता है, जो कि कर्म के रूप में प्रकट होता है।

 उदाहरण के लिए –

‘राम ने एक किताब पढ़ी’ यह एक सकर्मक वाक्य है। इसमें ‘राम’ प्रथम पुरुष है, ‘ने’ क्रिया का आधार है जबकि ‘पढ़ें’ कर्म है और ‘एक किताब’ कर्म का विषय है।

उसी तरह ‘विपुल नाटक दिखा रहा है’ इस वाक्य में विपुल प्रथम पुरुष यानी कर्ता है, दिखा एक क्रिया है और नाटक एक तरह से कर्म है।

सकर्मक क्रिया (Sakarmak Kriya) की परिभाषा

वैसी क्रियाएँ जिनका प्रभाव कर्ता पर ना पड़कर सीधे कर्म पर पड़ता है, उन्हें सकर्मक क्रिया कहा जाता है।

सकर्मक क्रिया के उदाहरण –

सकर्मक क्रिया के कुछ उदाहरण हम नीचे बता रहे हैं, जिनके माध्यम से आप अच्छी तरह से जान जाएंगे की सकर्मक क्रिया किसे कहते हैं –

  • वह अपनी बाइक को रुकता है।
  • मैं एक किताब पढ़ता हूँ।
  • शाम दुकान पर दौड़ा।
  • मैं आज स्कूल जाता हूँ।
  • वह खुशी से गाता है।
  • मेरे दोस्त ने मुझे एक उपहार दिया।
  • मैं आम खाता हूँ।
  • वह अपनी नई गाड़ी पर सफर करता है।
  • वह एक सैनिक है।
  • मैं अपने दोस्तों के साथ खेलता हूँ।

सकर्मक क्रिया (Sakarmak Kriya) कितने प्रकार के होते हैं

हिंदी व्याकरण के अनुसार, क्रिया करने वाले कारक के आधार पर सकर्मक क्रिया के मुख्यतः तीन भेद होते हैं। जिनमें –

  • एककर्मक क्रिया (Monotransitive Verb)
  • द्विकर्मक क्रिया (Distransitive Verb)
  • अपूर्ण क्रिया (Incomplete Verb)

एककर्मक क्रिया

एककर्मक क्रिया में क्रिया करने वाले कर्ता के साथ सहायक कारक का प्रयोग होता है। दूसरे शब्दों में कहे तो वैसे वाक्य जिसमें केवल एक ही कर्म को दर्शाया जा रहा हूं वे एककर्मक क्रिया कहलाती है जैसे कि –

  • मैं एक किताब पढ़ता हूँ।
  • वह एक गीत गाता है।
  • हम चाय पीते हैं।
  • रीता फल खाती है।
  • वह घर जाता है।
  • राम फुटबॉल खेलता है।
  • रुचि फिल्म देखती है।

ऊपर बताए गए वाक्यों में पढ़ता हूँ, खाती है, गाता है, पीते हैं, देखती है, खेलता है, जाता है आदि जैसे शब्द सकर्मक क्रियाएँ हैं जो एककर्मक है और इन क्रियाओं के बाद किताब, घर, फल, फुटबॉल, गीत, चाय आदि का प्रयोग सहायक कारक के रूप में किया जा रहा है। तथा यहां पर राम, रीता, रुचि, मैं आदि कर्म है, जिन पर क्रिया का प्रभाव पड़ रहा है।

द्विकर्मक क्रिया

द्विकर्मक क्रिया में क्रिया करने वाले कर्ता के साथ दो सहायक कारकों का प्रयोग किया जाता है। दूसरे शब्दों में कहें तो,  वैसे वाक्य जो दो तरह के कर्म को एक ही वाक्य में दर्शाता है,  उन्हें द्विकर्मक क्रिया कहा जाता है। जैसे कि-

  • मेरे दोस्त ने मुझे एक उपहार दिया।
  • राहुल ने मेरी मदद करते हुए काम किया।
  • हमने खाना खाते हुए बातें की।
  • मैंने उसे पत्र लिखकर भेज दिया।
  • वह मुझसे किताब मांग कर ले गया।
  • उसने मुझे अपनी कहानी सुना कर मनोरंजन किया।

ऊपर दिए गए वाक्यों में पत्र लिखकर भेज दिया, किताब मांग कर ले गया, एक उपहार दिया, मदद करते हुए काम किया, कहानी सुना कर मनोरंजन किया और खाना खाते हुए बातें की सकर्मक क्रिया आए हैं, जो कि द्विकर्मक है।

इन क्रियाओं के बाद दो कारक का प्रयोग किया गया है। जैसे कि पत्र, किताब, मदद, कहानी और खाना ये सभी दो कारक है।

अपूर्ण क्रिया

अपूर्ण क्रिया में क्रिया करने वाले कर्ता के साथ कोई भी सहायक कारक नहीं होता है।  दूसरे शब्दों में कहें तो इनमें क्रिया को पूरा ना होने को दर्शाता है यानी कि ऐसा प्रतीत होता है, कि वाक्य को अधूरा छोड़ दिया गया है।

इस तरह की क्रियाएं कुछ बीते समय को दर्शाती है तथा इन वाक्यों के बाद और अधिक जानकारी की आवश्यकता होती है। जैसे कि-

  • मैं खेलता हूँ।
  • मैं अभी तक पढ़ रहा हूँ।
  • उनके घर का निर्माण अभी तक पूरा नहीं हुआ है।
  • स्वेता अपनी परीक्षा के लिए अभी तक तैयार नहीं हुई है।
  • हम फिलहाल अपनी योजना के बारे में विचार कर रहे हैं।
  • तुम्हारे फोन की बैटरी कितनी देर  चलती है?

ऊपर दिए गए वाक्यों में पढ़ रहा हूँ, तैयार नहीं हुआ है, विचार कर रहे हैं, खेलता हूँ, चलती है और पूरा नहीं हुआ है अधूरी विधि यानी अपूर्ण क्रिया है। इन वाक्यों में वाक्य के बाद कुछ जानकारी की आवश्यकता होती है।

जैसे कि ‘मैं अभी तक पढ़ रहा हूँ’ का पूरा वाक्य हो सकता है, ‘मैं अभी तक पढ़ रहा हूँ और आज शाम तक पढ़ने का इरादा है।’

सकर्मक क्रिया (Sakarmak Kriya) को कैसे पहचाने

सकर्मक क्रिया को पहचानना बहुत आसान होता है। एक क्रिया जो वस्तु या पदार्थों को उत्पन्न करती है या वहाँ कुछ काम करती है वह सकर्मक क्रिया होती है। अन्य शब्दों में कहा जाए,  तो सकर्मक क्रिया को पहचानने के लिए सर्वप्रथम वाक्य में यह ध्यान देना होता है,  कि वाक्य में कर्म है या नहीं यदि वाक्य में कर्म है, तो वह सकर्मक क्रिया कहलाएगी।

इसके अतिरिक्त एक क्रिया को सकर्मक क्रिया के रूप में पहचानने के लिए आपको सोचना होगा कि क्रिया क्या कर रही है यदि क्रिया कुछ उत्पन्न कर रही है कुछ काम कर रही है या कुछ बदल रही है तो वह सकर्मक क्रिया होगी। जैसे कि –

  • ‘मैं अपने कमरे को साफ करता हूँ’ – इस वाक्य में ‘साफ करता हूँ’ एक सकर्मक क्रिया है।
  • ‘मैं घर पर खाना पक आता हूँ’ – इस वाक्य में ‘खाना पकाता हूँ’ एक सकर्मक क्रिया है। 
  • ‘शीतकालीन वर्षाओं में वह शालीन कपड़ों को बुनती है’ – इस वाक्य में ‘बुनती है’ एक सकर्मक क्रिया है।

सकर्मक क्रिया (Sakarmak Kriya)कब अकर्मक क्रिया बन जाती है

सकर्मक क्रिया, जब किसी कार्य के संबंध में व्यक्ति या वस्तु को कार्य करने के लिए प्रेरित करती है, तो वह सकर्मक क्रिया कहलाती है। इसे अकर्मक बनाने के लिए इसके बाद ‘ना’ या ‘नहीं’ जैसे नकारात्मक शब्द जोड़े जाते हैं।

दूसरे शब्दों में कहे, तो जब किसी वाक्य में कर्म मौजूद नहीं हो, तो वह अकर्मक क्रिया बन जाती है यानी कि जब सकर्मक क्रिया से कर्म को मिटा दिया जाए, तो वह अकर्मक क्रिया कहलाती है।

उदाहरण के लिए –

‘मैंने खाना खाया’ यह एक सकर्मक क्रिया है परंतु जब उसे ऐसे लिखा जाए ‘मैंने खाना नहीं खाया’ तो यह अकर्मक क्रिया बन जाती है।

उसी तरह ‘रीता किताब पढ़ रही है’ यह वाक्य सकर्मक क्रिया है। लेकिन इसे अकर्मक क्रिया बनाने के लिए हम इसे ऐसे लिख सकते है। जैसे – ‘रीता पढ़ रही है’।

सकर्मक क्रिया और अकर्मक क्रिया में अंतर

सकर्मक क्रियाअकर्मक क्रिया
सकर्मक क्रिया ऐसी क्रिया होती हैं जिनकी क्रिया को पूरा करने के लिए एक कर्म (object) की आवश्यकता होती है।अकर्मक क्रिया वह क्रिया होती हैं जिनकी क्रिया को पूरा करने के लिए कोई कर्म (object) की आवश्यकता नहीं होती है।
उदाहरण: “राम ने बॉल फेंकी।” इसमें “बॉल” कर्म (object) है जिसे फेंका गया है।उदाहरण: “राम सो रहा है।” इसमें कोई कर्म (object) नहीं है, राम स्वयं सो रहा है।
सकर्मक क्रिया अक्सर पासिव वाक्य (passive voice) में बदली जा सकती हैं।अकर्मक क्रिया आमतौर पर पासिव वाक्य (passive voice) में बदली नहीं जा सकतीं।
सकर्मक क्रियाओं के साथ, क्रिया के बिना वाक्य अधूरा लगता है।अकर्मक क्रियाओं के साथ, क्रिया के बिना भी वाक्य पूरा लगता है।
उदाहरण: “मैंने खाना ___।” इसमें क्रिया (खाया, पकाया इत्यादि) के बिना वाक्य अधूरा लगता है।उदाहरण: “सूरज ___।” इसमें क्रिया (उगा, डूबा इत्यादि) के बिना भी वाक्य पूरा लगता है।
सकर्मक क्रिया किसी प्रकार के कार्य को संपादित करने के लिए या किसी प्रकार की प्रतिक्रिया को दर्शाने के लिए उपयोग होती हैं।अकर्मक क्रिया आमतौर पर अस्थायी या स्थायी स्थितियों, घटनाओं, या अवस्थाओं को वर्णन करती हैं।
सकर्मक क्रियाओं के उपयोग से वाक्यों का संरचना और अर्थ स्पष्ट होता है।अकर्मक क्रियाओं का उपयोग अधिकांशत: वाक्य के अर्थ को व्यापक रूप से व्याख्या करने के लिए होता है।

निष्कर्ष

आज के इस लेख में हमने सकर्मक क्रिया किसे कहते है (Sakarmak Kriya Kise Kahte Hai) तथा सकर्मक क्रिया के कितने भेद होते हैं आदि के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी है। उम्मीद करते हैं, यहां दी गई जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित हुई  होगी।

हालांकि यदि आपको इस विषय से संबंधित और अधिक जानकारी चाहिए या इससे संबंधित आप कोई प्रश्न पूछना चाहते हैं,  तो नीचे कमेंट के माध्यम से आप हमसे संपर्क कर सकते हैं।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों

सकर्मक क्रिया (Sakarmak Kriya) का अर्थ क्या है?

वैसी क्रियाएँ जिनका प्रभाव कर्ता पर ना पड़कर सीधे कर्म पर पड़ता है, उन्हें सकर्मक क्रिया कहा जाता है। 

सकर्मक क्रिया का उदाहरण क्या है?

सकर्मक क्रिया (Sakarmak Kriya) के उदाहरण हैं – मैं एक पुस्तक पढ़ रहा हूँ, मेरे पिताजी एक घर बना रहे हैं, बच्चे खेल रहे हैं, वह अपनी बाइक साफ करता है।

सकर्मक क्रिया (Sakarmak Kriya)कितने प्रकार के होते हैं?

सकर्मक क्रिया के तीन प्रकार होते हैं। एककर्मक क्रिया, द्विकर्मक क्रिया तरह अपूर्ण क्रिया।

एककर्मक क्रिया क्या होती है?

वैसे क्रियाएं जिनमें केवल एक ही कर्म होता है, उन्हें एककर्मक क्रिया कहते हैं।

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