सार्वनामिक विशेषण: परिभाषा, भेद एवं उदाहरण- सर्वनाम किसे कहते हैं? यह तो आपको पता ही होगा और यदि नहीं पता है, तो आप हमारे पिछले पोस्ट में जाकर जान सकते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं, कि सार्वनामिक में विशेषण किसे कहते हैं?
या सार्वनामिक विशेषण के कितने भेद हैं? यदि नहीं तो इस पोस्ट में अंत तक बने रहे, क्योंकि हम यहां सार्वनामिक विशेषण (What is Demonstrative Adjective) के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
सार्वनामिक विशेषण भी सर्वनाम का ही एक अंश है, परंतु सर्वनाम और सर्वनामिक विशेषण के बीच काफी अंतर होता है। नीचे हम सर्वनाम और सार्वनामिक विशेषण के बीच अंतर पर भी चर्चा करेंगे तो चलिए फिर बिना देर किए इस लेख को शुरू करते हैं –
Table of Contents
सार्वनामिक विशेषण किसे कहते हैं
सार्वनामिक विशेषण उन्हें कहा जाता है, जो संज्ञा या पुरुष वाचक संज्ञा के पहले आकर उनकी विशेषता या गुण का बोध कराते हैं। इन विशेषणों का प्रयोग करके हम व्यक्ति, स्थान, वस्तु या अवस्था की विशेषताओं को बता सकते हैं। इतना ही नहीं सार्वनामिक विशेषण को संकेतवाचक विशेषण की कहा जाता है।
सार्वनामिक विशेषण को अंग्रेजी भाषा में Demonstrative Adjective कहते हैं। बता दें कि जब किसी संज्ञा शब्द के साथ इन सर्वनाम शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है, तब यह विशेषण की तरह कार्य करते हैं। लेकिन जब इन्हें किसी भी संज्ञा के बिना प्रयोग किया जाता है यानी कि इन सर्वनाम शब्दों का इस्तेमाल किसी भी संज्ञा के बिना किया जाए, तब यह केवल सर्वनाम ही होते हैं।
जैसे कि –
- यह तुम किस तरह के लोगों से बात कर रहे हों (इस वाक्य में ‘किस’ सार्वनामिक विशेषण है, जिसका इस्तेमाल संज्ञा से पहले किया गया है और इसका इस्तेमाल करके किसी व्यक्ति की विशेषता बताई जा रही है)
- वह मेरी किताब पढ़ रही है (इस वाक्य में ‘मेरी’ शब्द सर्वनामिक विशेषण है, क्योंकि यह संज्ञा से पहले प्रयोग किया गया है)
ऊपर दिए गए उदाहरण के माध्यम से यह स्पष्ट होता है, कि थोड़ी, बड़ी, आपकी जैसे शब्द संज्ञा से पहले प्रयोग होकर उनकी विशेषता तथा गुण का बोध कराते हैं, इसलिए इन शब्दों को सर्वनामिक विशेषण कहा जाएगा।
सार्वनामिक विशेषण की परिभाषा
ऐसे सर्वनाम शब्द जिनका इस्तेमाल संज्ञा से पहले किया जाता है और वह उनकी विशेषता का बोध कराते हैं, उन्हें सर्वनामिक विशेषण कहा जाता है।
उदाहरण के लिए –
- यदि कोई काम हो तो हमें जरूर कहना।
- वह बच्चा बहुत ही प्यारा है।
- यह घड़ी मेरी है
- यह किताबें पढ़ी जानी चाहिए।
- कितना समय और लगेगा?
- वह व्यक्ति जो मेरे साथ खड़ा है, वह मेरे अंकल है।
- उसने उस पुस्तक की पूरी कहानी मुझे सुनाई।
- यह वह दौड़ है, जिसमें हम जीत गए थे।
- हम खुद को संभाल सकते हैं।
- वह एक दूसरे को समझते हैं।
- कौन सा रंग आपको पसंद है?
- कुछ लोग यहां बुलाए गए हैं।
- हर कोई अपना सपना पूरा करना चाहता है।
- वह लड़का बहुत अच्छा गाता है।
- कोई व्यक्ति मेरे कार्य को संपूर्ण करेगा?
सार्वनामिक विशेषण में कितने भेद हैं
हिंदी व्याकरण के अनुसार सर्वनामिक विशेषण के कुल 6 भेद होते हैं, जिनके बारे में हम नीचे बात करने वाले हैं विस्तार से। जैसे कि –
- संकेतवाचक सार्वनामिक विशेषण
- अनिश्चयवाचक सर्वनाम विशेषण
- प्रश्नवाचक सार्वनामिक विशेषण
- संबंधवाचक सर्वनामिक विशेषण
- मौलिक सार्वनामिक विशेषण
- योगिक सार्वनामिक विशेषण
संकेतवाचक सार्वनामिक विशेषण
इन सर्वनामओं का उपयोग किसी व्यक्ति या वस्तु को दर्शाने या पहचानने के लिए किया जाता है। अन्य शब्दों में कहे, तो ऐसे शब्द जो कि संज्ञा शब्दों की विशेषता बताते हैं उन्हें संकेतवाचक सर्वनाम कहा जाता है। जैसे कि वह, यह, इस, उस, आदि।
उदाहरण के लिए –
- यह किताब मेरी है।
- वे लोग यहां क्यों हैं?
- उस ने मेरे खिलौने तोड़ दिए।
- इस व्यक्ति ने मेरी आज मदद की।
अनिश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण
अनिश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण का उपयोग किसी अनिश्चित व्यक्ति, वास्तु या मात्रा को दर्शाने के लिए किया जाता है। दूसरे शब्दों में कहे, तो जब भी कभी किसी संज्ञा वाक्य से पहले कुछ सर्वनाम शब्द जैसे कुछ, कोई आदि जुड़कर संज्ञा की विशेषता बताते हैं, उन्हें अनिश्चयवाचक सार्वनामिक विशेषण कहा जाता है। जैसे कि कोई, कुछ आदि।
उदाहरण के लिए –
- दरवाजे पर कोई आया है।
- निमिता कुछ खा रही है।
- इस घर में कोई आदमी जरूर रहता है।
- मुझे कुछ श्रमिकों की जरूरत है।
प्रश्नवाचक सार्वनामिक विशेषण
ऐसे सर्वनाम शब्द जिनका उपयोग सवाल पूछने के लिए किया जाता है, उन्हें प्रश्नवाचक सार्वनामिक विशेषण कहते हैं। दूसरे शब्दों में कहें, तो जिन वाक्यों में संज्ञा शब्द से पहले सर्वनाम शब्द जैसे कौन, कब और कैसे का प्रयोग किया जाए, तो उन्हें प्रश्नवाचक सार्वनामिक विशेषण कहा जाता है। जैसे कि – कौन, कैसे, कब, क्यों आदि।
उदाहरण के लिए –
- दरवाजे पर कौन आया है?
- तुम्हारी पुस्तक किसके पास है?
- जहांगीरनगर कैसे पहुंचे?
- यह किताबें तुम कब वापस करोगे?
- तुम यहां क्यों आए हो?
संबंधवाचक सर्वनामिक विशेषण
इन सब नामों का उपयोग एक वाक्य को दूसरे वाक्य से संबंधित करने के लिए किया जाता है। अन्य शब्दों में कहे तो, ऐसे सर्वनाम शब्द जिन्हें संज्ञा से पहले प्रयोग करके दो वाक्यों को या दो शब्दों को जोड़ा जाए तो उन्हें संबंधवाचक सर्वनाम विशेषण कहते हैं। जैसे कि – जिसकी, जो, जितना, जैसे, उसका आदि।
उदाहरण के लिए –
- जैसे को तैसा
- जितना बड़ा नाम उतना बड़ा काम
- जैसा देश वैसा भेष
- यह वस्तु जिसका होगा, वह स्वयं इसे ले जाएंगे।
- उसका मकान बहुत बड़ा है।
- जिसकी जितनी हैसियत होगी वह उतना ही देगा।
मौलिक सार्वनामिक विशेषण
मौलिक सार्वनामिक विशेषण का उपयोग किसी क्रिया के कर्ता को या प्रयोजन को पुनरावृति दर्शाने के लिए किया जाता है। अन्य शब्दों में कहे तो वैसे सर्वनाम शब्द जो बिना परिवर्तित वे संज्ञा के साथ इस्तेमाल होते हैं और संज्ञा की विशेषता का बोध कराते हैं उन्हें मौलिक सार्वनामिक विशेषण कहा जाता है। जैसे कि – कोई व्यक्ति, वह लड़का, तुम बहुत आदि।
उदाहरण के लिए –
- वह लड़का कल स्कूल जा रहा था।
- तुम बहुत सुंदर गीत गाती हो।
- यह साइकिल मेरे दोस्त की है।
- कोई व्यक्ति बहुत जोर से चिल्ला रहा है।
योगिक सार्वनामिक विशेषण
इस तरह के सर्वनामिक शब्दों का इस्तेमाल एक दूसरे के साथ संबंध और आदान प्रदान करने के लिए किया जाता है। दूसरे शब्दों में कहे तो, ऐसे सर्वनाम शब्द जिनका प्रयोग संज्ञा से पहले प्रत्यय लगाने पर बनते हैं, और वे वाक्य में संज्ञा की विशेषता बताते हैं उन्हें योगिक सार्वनामिक विशेषण कहां जाता है। जैसे कि – ऐसे, वैसे, इतनी, कैसे आदि।
उदाहरण के लिए –
- आपके पैरों में इतनी अधिक छोटे कैसे आई?
- आपने इतने सारे कपड़े क्यों खरीदे?
- वैसे यह चीजें कहां मिलती हैं?
सर्वनाम और सार्वनामिक विशेषण में क्या अंतर है
हालांकि सार्वनामिक विशेषण भी सर्वनाम का ही एक अंश है, परंतु सार्वनामिक विशेषण और सर्वनाम के बीच काफी अंतर होता है। जिनके बारे में हम नीचे बात कर रहे हैं। जैसे कि –
सर्वनाम
ऐसे शब्द जो किसी वस्तु, स्थान या व्यक्ति की जगह लेते हैं, उन्हें सर्वनाम कहते हैं। आसान और सीधी भाषा में कहें तो, वैसे शब्द जो संज्ञा शब्द की स्थान पर प्रयोग किया जाता है, उन्हें सर्वनाम कहते हैं। इन शब्दों का उपयोग वाक्यों को संक्षिप्त रखने या संदर्भित करने के लिए किया जाता है। जैसे कि – हम, मैं, तुम, यहां आदि।
उदाहरण स्वरूप –
- मैं पुस्तक पढ़ना पसंद करती हूँ।
- हम कल स्कूल नहीं जाएंगे।
- तुम कहां से आए हो?
- यहां कोई आता जाता नहीं है।
- मेरे पास बहुत खिलौने हैं।
- उसने कल मुझसे बात की थी।
सर्वनामिक विशेषण
ऐसे शब्द जो दरअसल सर्वनाम शब्द होते हैं, वे संज्ञा से पहले प्रयोग होते हैं और संज्ञा शब्द की विशेषता बताते हैं, उन्हें सार्वनामिक विशेषण कहते हैं। इन शब्दों का उपयोग वाक्यों में संदर्भ के रूप में होता है, जहां हम किसी व्यक्ति, स्थान या वस्तु के संकेत के लिए उनका प्रयोग करते हैं। जैसे कि – यह, वह, ऐसा, वैसा, ऐसी, कैसी आदि।
उदाहरण स्वरूप –
- यह बालक बहुत सुंदर लिखता है।
- वह आज अकेले स्कूल आया है।
- जैसी करनी वैसी भरनी।
- ऐसा कोई कार्य नहीं जो मुमकिन ना हो।
- वह कैसी अजीब लड़की है।
- कक्षा में ऐसी कोई बात नहीं हुई।
निष्कर्ष
आज का यह लेख सार्वनामिक विशेषण: परिभाषा, भेद एवं उदाहरण यहीं पर समाप्त होता है। आज के इस लेख में हमने आपको सार्वनामिक विशेषण किसे कहते हैं तथा सार्वनामिक विशेषण के प्रकार कितने हैं के बारे में हमने विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की है।
उम्मीद करते हैं हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपके लिए उपयोगी साबित हुई होगी। हालांकि यदि आपको अब भी सार्वनामिक विशेषण से संबंधित और अधिक जानकारी चाहिए, तो आप नीचे कमेंट के माध्यम से हमें जरूर बताएं। लेकिन यदि आपको यह पसंद आया हो, तो इसे अन्य लोगों के साथ जरूर शेयर करें।
FAQ
सार्वनामिक विशेषण को इंग्लिश में क्या कहते हैं
सार्वनामिक विशेषण को इंग्लिश में Demonstrative Adjective कहते हैं।
सार्वनामिक विशेषण के कितने भेद होते हैं?
सार्वनामिक विशेषण के कूल 6 भेद हैं – संकेतवाचक सार्वनामिक विशेषण, अनिश्चयवाचक सर्वनाम विशेषण, प्रश्नवाचक सार्वनामिक विशेषण, संबंधवाचक सर्वनामिक विशेषण, मौलिक सार्वनामिक विशेषण, योगिक सार्वनामिक विशेषण
सार्वनामिक विशेषण क्या है?
ऐसे सर्वनाम शब्द जिनका इस्तेमाल संज्ञा से पहले किया जाता है और वह उनकी विशेषता का बोध कराते हैं, उन्हें सर्वनामिक विशेषण कहा जाता है।
प्रश्न वाचक विशेषण किसे कहते हैं?
ऐसे सर्वनाम शब्द जिनका उपयोग सवाल पूछने के लिए किया जाता है, उन्हें प्रश्नवाचक सार्वनामिक विशेषण कहते हैं।
सार्वनामिक विशेषण को अन्य किस नाम से जाना जाता है?
सार्वनामिक विशेषण को संकेतवाचक विशेषण के नाम से भी जाना जाता है।