Shabd Vichar | शब्द-विचार किसे कहते हैं: परिभाषा एवं प्रकार

Shabd Vichar
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Shabd Vichar

इस लेख में आज हम शब्द विचार (Shabd Vichar) किसे कहते हैं, शब्द विचार की परिभाषा एवं प्रकार के बारे में विस्तार पूर्वक बात करेंगे।

दरअसल शब्द विचार हिंदी व्याकरण का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण खंड होता है, जिससे संबंधित प्रश्न कुछ प्रतियोगी परीक्षाओं में अक्सर पूछे जाते हैं।

चुंकी हिंदी भाषा को अच्छी तरह से सीखने और समझने के लिए सबसे पहले हिंदी व्याकरण के सभी पहलुओं को जानना और समझना जरूरी होता है। 

इसलिए हम यहां हिन्दी व्याकरण (Hindi vyakaran) के एक ऐसे विषय के बारे में बात करेंगे, जिनके माध्यम से ही हमें वर्णों का सही उच्चारण, शुद्ध लेखन और सही अक्षर ज्ञान के बारे में जानकारी होती है।

तो चलिए बिना देर किए इस लेख को शुरू करते हैं और जानते हैं, शब्द विचार (Shabd Vichar in Hindi) के बारे में –

शब्द विचार किसे कहते हैं | Shabd Vichar Kise Kehte Hai

शब्द विचार हिंदी व्याकरण का दूसरा सबसे महत्वपूर्ण भाग है, जिसमें शब्दों के सही उच्चारण और शुद्ध लेखन की विवेचना की जाती है। यह विभिन्न शब्दों के स्वर, मात्राएं, व्यंजन और उच्चारण के नियमों को समझने का माध्यम होता है ताकि हम शब्दों का सही ढंग से उच्चारण कर सके और उन्हें सही रूप में लिख सके।

आपको बता दे की हिंदी व्याकरण का पहला सबसे महत्वपूर्ण भाग वर्ण होता है, जिसे वर्ण विचार कहा जाता है। शब्द विचार में कुछ महत्वपूर्ण बातें शामिल हैं। जैसे कि –

उच्चारण के नियम – यहां पर हम विभिन्न शब्दों की स्वर और व्यंजन के सही उच्चारण के नियमों को समझते हैं।

मात्राएं – शब्दों में मात्राओं का महत्वपूर्ण भूमिका होती है और यहां पर हम शब्दों में मात्राओं की सही जगह पर उपयोग की प्रक्रिया को समझते हैं।

अक्षर वर्गीकरण – यहां पर हम शब्दों को अक्षरों के आधार पर वर्गीकृत करने की तकनीक को समझते हैं ताकि हम उनके विभिन्न रूपों को बेहतर तरीके से समझ सके। 

शुद्ध लेखन – शब्द विचार में शुद्ध लेखन की महत्वपूर्ण विवेचना होती है, जो हमें शब्दों को सही और स्पष्ट तरीके से लिखने की प्रक्रिया को समझने में मदद करती है।

शब्द विचार की परिभाषा | Shabd Vichar Ki Paribhasa

हिंदी व्याकरण में जहाँ हम वर्णों का सही उच्चारण,  संधि, रूपांतरण तथा शुद्ध लेखन की प्रक्रिया को समझते हैं, वे शब्द विचार कहलाते हैं।

शब्द की परिभाषा क्या है

शब्द भाषा की मौलिक इकाई होती है,  जिसका इस्तेमाल भाषा में विचारों, भावनाओं, अनुभवों और ज्ञान को  संवादन में प्रकट करने के लिए होता है। यह  ध्वनियो और चिन्हों का संयोजन होता है,  जिनका उपयोग विशेषण, क्रिया, संज्ञा, सर्वनाम, अव्यय और अन्य भाषा के घटकों के रूप में होता है।

सरल शब्दों में कहें, तो हिंदी भाषा में जब एक या एक से अधिक स्वतंत्र वर्णों का योग होता है, तो उन्हें शब्द कहा जाता है। शब्द, अर्थ के आधार पर भाषा की सबसे छोटी इकाई होती है। बता दें कि जब किसी भी वाक्य में शब्दों का प्रयोग किया जाता है  तो ऐसी स्थिति में उन्हें पद कहते हैं। 

उदहारण के लिए

  • राम
  • जब
  • ठीक
  • लेकिन
  • का
  • में
  • तुम
  • अच्छा
  • परंतु
  • जल
  • कल

शब्द विचार का वर्गीकरण | Shabd Vichar Ka Vargikaran

हिंदी व्याकरण के अनुसार शब्द विचार को 4 विभिन्न वर्गों में बांटा गया है।

जैसे कि –

उत्पत्ति के आधार पर शब्द के प्रकार

रूपांतरण या विकार के आधार पर शब्द के प्रकार

अर्थ के आधार पर शब्द के प्रकार

व्युत्पत्ति या रचना के आधार पर शब्द के प्रकार

उत्पत्ति के आधार पर शब्द के प्रकार

हिंदी व्याकरण में उत्पत्ति के आधार पर शब्द विचार (Shabd Vichar) को चार  अलग अलग भागों में बांटा गया है। 

जैसे कि –

तत्सम शब्द किसे कहते हैं

संस्कृत भाषा से लिए गए ऐसे शब्द जिनका प्रयोग हिंदी भाषा में बिना कोई परिवर्तन के ज्यों का त्यों इस्तेमाल किया जाए, तो उन्हें तत्सम शब्द कहा जाता है। तत्सम शब्द में तत्सम दो शब्दों के योग से बना है तत् + सम जिसका शाब्दिक अर्थ होता है ‘समान’।

उदाहरण के लिए – 

  • उत्साह
  • आश्चर्य
  • कर्म
  • क्षेत्र
  • ग्रामीण
  • घृणा
  • चक्र
  • एकत्र
  • अंक

तद्भव शब्द किसे कहते हैं

संस्कृत भाषा से लिए गए कुछ ऐसे  मूल शब्द जिनका प्रयोग हिंदी भाषा में परिवर्तन करने के बाद प्रयोग किया जाता है, उन्हें तद्भव शब्द कहा जाता है।

उदहारण के लिए  –

  • तांबा
  • छाता
  • कोयल
  • आम
  • कपूर
  • चाँद
  • अनाज
  • आग
  • घर
  • पहली

विदेशी शब्द किसे कहते हैं

हिंदी भाषा में इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ ऐसे शब्द जो अन्य देशों की भाषाओं से लिए गए हैं, उन्हें विदेशी शब्द कहा जाता है। हिंदी भाषा में कई ऐसे शब्द है, जो विभिन्न देशों की भाषाओं से लिए गए हैं। जैसे रूसी, यूनानी  तिब्बती, चीनी, फारसी, अरबी, अंग्रेजी आदि।

फारसी भाषा से लिए गए शब्द

दरवाजा, आवारा, सुल्तान, अखबार, कुश्ती, लगाम, आतिशबाजी, जलेबी, जमीन, सौदागर, गुलाब, शेर, नमक, खर्च, मलाई, आमदनी, जानवर आदि।

पुर्तगाली भाषा से लिए गए शब्द

संतरा, पिस्तौल, शादी, पीपा, पतलून, आचार, साबुन, बाल्टी, आलपिन, बटन, प्याला, कमीज, पादरी, अनानास, पपीता, बस्ता आदि।

अरबी भाषा से लिए गए शब्द

तमाशा, गरीब, जनाब, हलवाई, आजाद, शतरंज, वकील, इंतजार,किस्मत, फैसला, तहसील, तूफान, ताकत, खुद्दार, आदमी,  कीमत, दुनिया, इनाम, फकीर, नक्शा, तहसील जिला, कीमत, आदि।

चीनी भाषा से लिए गए शब्द

चाय, तूफान, लोकाट, लीची।

अंग्रेजी भाषा से लिए गए शब्द

फाइल, फुटबॉल, स्वेटर, मास्टर, बैडमिंटन, सीमेंट, सिलेंडर, पाउडर, प्लेटफार्म इंजीनियर, एक्स-रे, रेडियो, यूनिवर्सिटी, डॉक्टर, ट्रक, यूनिफॉर्म, ट्यूब, पेन, पोस्टकार्ड, क्रिकेट, लॉटरी, कैमरा, रजिस्टर, शर्ट, कलेक्टर, वारंट, बिल्डिंग, पंचर, कार, ड्राफ्ट, प्रिंट आदि।

फ्रांसीसी भाषा से लिए गए शब्द

कारतूस, मार्शल, काजू, कूपन, सूप, टेबल,  रेस्टोरेंट, मेयर आदि।

तुर्की भाषा से लिए गए शब्द

चुगली, बावर्ची, मुगल, लास्ट, काबू, कैंची, चेचक, बेगम, बीवी, खंजर, बारूद, कालीन आदि।

डच भाषा से लिए गए शब्द

चिड़िया, बम, ड्रिल, तुरुप।

देशज शब्द किसे कहते हैं

वाक्य में प्रयुक्त होने वाले ऐसे शब्द जो आंचलिक भाषाओं से लिए गए होते हैं, जो की शब्दों पर क्षेत्रीय प्रभाव डालते हैं देशज शब्द कहलाते हैं। देशज शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है देश + ज  जिसका शाब्दिक अर्थ होता है ‘देश में जन्म लेने वाला’

जैसे की –

हड़बड़ाहट, चम्मच, गाड़ी, माला, उटपटाँग, खटपट, अंधियाला, उजाला, उद्धम, गड़बड़, खर्राटे, खचाखच ताला।

रूपांतरण या विकार के आधार पर शब्द के प्रकार

हिंदी व्याकरण के अनुसार रूपांतरण के आधार पर शब्दों के कुल 2 प्रकार होते हैं।

  • विकारी शब्द
  • अविकारी शब्द

विकारी शब्द

हिंदी भाषा में इस्तेमाल किए जाने वाले ऐसे शब्द जिनके रूप में परिवर्तन कर के वाक्य में प्रयोग किया जाए,  उन्हें विकारी शब्द कहते हैं। इन शब्दों को लिंग, काल, वचन, कारक किसी के भी अनुसार परिवर्तित किया जा सकता है। 

जैसे कि –

लड़का, छात्र, पुस्तक आदि। आपको बता दें, हिंदी व्याकरण में कुल चार विकारी शब्द होते हैं, जैसे विशेषण, संज्ञा, क्रिया, सर्वनाम।

अविकारी शब्द

हिंदी भाषा में इस्तेमाल किए जाने वाले ऐसे शब्द जिनके रूप में कारक, वचन, काल या लिंग के अनुसार परिवर्तन ना हो उसे अविकारी शब्द कहा जाता है। हिंदी व्याकरण में अविकारी शब्द मुख्यतः चार होते हैं।

जैसे की –

अर्थ के आधार पर शब्द के प्रकार

हिंदी व्याकरण में अर्थ के आधार पर शब्द के दो भेद होते हैं।

  • सार्थक शब्द
  • निरर्थक शब्द

सार्थक शब्द

हिंदी भाषा में इस्तेमाल किए जाने वाले ऐसे शब्द जिनका कोई निश्चित अर्थ होता है या जिनका इस्तेमाल वाक्य में स्वतंत्र रूप से किया जाता है वे सार्थक शब्द कहलाते हैं। सार्थक शब्द दो अलग-अलग शब्दों से मिलकर बना है. सा+अर्थ जहां सा का मतलब होता है, ‘साथ या समीप’ वही अर्थ का मतलब होता है, ‘अर्थ’ इस तरह सार्थक का शाब्दिक अर्थ होगा ‘अर्थ के साथ’।

जैसे की –

पढ़ाई, चाय, पीना, खाना आदि।

निरर्थक शब्द

हिंदी भाषा में इस्तेमाल किए जाने वाले ऐसे शब्द जिनका कोई निश्चित अर्थ नहीं होता है, वह निरर्थक शब्द कहलाते हैं। निरर्थक दो शब्दों के मेल से बना है, जहाँ नीर् का मतलब होता है ‘रहित या बिना’ और अर्थक का मतलब होता है ‘अर्थ’ इस तरह निरर्थक का शाब्दिक अर्थ होगा ‘अर्थ के बिना’।

जैसे कि – 

चाय- वाय, पढ़ाई -वढ़ाई, आलतू- फालतू, अजीबो – गरीब पीना – वीना आदि।

व्युत्पत्ति या रचना के आधार पर शब्द के प्रकार

हिंदी भाषा में जब एक शब्द से दूसरे नए शब्द की रचना होती है, तो उसे व्युत्पत्ति कहा जाता है। हिंदी व्याकरण के अनुसार व्युत्पत्ति और रचना के आधार पर शब्दों के तीन प्रकार होते हैं।

  • योगिक शब्द
  • योगरूढ़ शब्द
  • रूढ़ शब्द

योगिक शब्द

हिंदी भाषा में इस्तेमाल किए जाने वाले ऐसे शब्द जो रूढ़ शब्दों के मेल से बने होते हैं, वे योगिक शब्द कहलाते हैं। इसके अलावा जिन शब्दों का कोई और अर्थ होता है, उन्हें भी योगिक शब्द कहते हैं।

जैसे – 

प्रतिदिन, विद्यालय, दूध, वाला, प्रेम, सागर आदि।

योगरूढ़ शब्द

हिन्दी में इस्तेमाल होने वाले कुछ ऐसे शब्द जो भ्रूण शब्दों के योग से बना होता है, परंतु इस तरह के शब्द अपने खुद के अर्थ के अलावा किसी निश्चित अर्थ के हो गए हो तो उन्हें योगरूढ़ शब्द कहा जाता है।

जैसे कि –

चक्रधर, गजानन, लंबोद,  दशानन आदि।

रूढ़ शब्द

हिंदी भाषा में प्रयोग होने वाले ऐसे शब्द जो किसी भी दूसरे शब्दों के योग से नहीं बनते हैं, वह रूढ़ शब्द कहलाते हैं। रूढ़ का शाब्दिक अर्थ होता है, निश्चित जाते हो ना।

उदाहरण के लिए –

पीला, दीपक, दिन, आकाश, स्त्री, पत्थर, कला, देवता नल मेंढक आदि।

निष्कर्ष

इस लेख में आज हमने जाना की शब्द विचार (Shabd Vichar) किसे कहते हैं तथा शब्द विचार की परिभाषा एवं प्रकार क्या है? उम्मीद करते हैं, इस लेख के माध्यम से आपको शब्द विचार (Shabd Vichar) के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त हो गई होगी।

लेकिन इसके बावजूद यदि आपको इस लेख से संबंधित आपको और अधिक जानकारी चाहिए या इस विषय से संबंधित आप कोई प्रश्न पूछना चाहते हैं, तो नीचे कमेंट के माध्यम से आप अपनी बात हम तक पहुंचा सकते हैं।

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FAQ

उत्पत्ति के आधार पर शब्द के कितने प्रकार होते हैं?

उत्पत्ति के आधार पर शब्द के चार प्रकार होते हैं तत्सम शब्द, तद्भव शब्द, विदेशी शब्द, देशज शब्द।

शब्द विचार क्या है

हिंदी व्याकरण में जहाँ हम वर्णों का सही उच्चारण,  संधि, रूपांतरण तथा शुद्ध लेखन की प्रक्रिया को समझते हैं, वे शब्द विचार कहलाते हैं।

तत्सम शब्द का अर्थ क्या होता है?

संस्कृत भाषा से लिए गए ऐसे शब्द जिनका प्रयोग हिंदी भाषा में भी बिना किसी परिवर्तन के प्रयोग किया जाए तत्सम शब्द कहलाता है।

शब्द के अर्थ कितने प्रकार के होते हैं?

अर्थ के आधार पर शब्द के दो भेद होते हैं सार्थक शब्द और निरर्थक शब्द।