Visheshan Kise Kehete Hain – विशेषण किसे कहते हैं – परिभाषा एवं भेद

Visheshan Kise Kehete Hain
Visheshan Kise Kehete Hain

विशेषण किसे कहते हैं | Visheshan Kise Kehete Hain

हिन्दी व्याकरण में विशेषण का बहुत महत्व है। इस भाग में हम, विशेषण किसे कहते हैं (Visheshan Kise Kahate Hain) और उसके प्रकारों को विस्तार पूर्वक समझेंगे।

विशेषण, शब्द में ही एक अन्य शब्द छिपा है ,”विशेष” अर्थात खास। तो विशेषण की परिभाषा इस प्रकार है कि, “किसी भी वाक्य में, जो शब्द, संज्ञा अथवा सर्वनाम शब्दों की विशेषता बताते हैं, उन्हें विशेषण कहते हैं।”

विशेषण भी, एक नाम ही होता है, इसलिए विशेषण भी एक संज्ञा होती हैं।

इसे हम कुछ उदाहरणों के द्वारा समझते हैं।

  • रवि एक होशियार लड़का है।
  • मीना ने बाजार से काले रंग की पर्स खरीदी है।
  • रीना के पास बहुत सुंदर साड़ी है।
  • चीता बहुत बहुत तेज दौड़ने वाला पशु है।
  • मेरी बहन चार साल की है।

इन सभी वाक्यों में, क्रमशः, होशियार, काले, सुंदर, तेज और चार, इन सभी शब्दों से संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता पता चल रही है। 

पहले वाक्य को यदि हम ऐसे लिखते कि, रवि एक लड़का है, तो भी यह एक वाक्य ही होता, लेकिन जब हम ऐसा लिखते हैं कि, रवि एक होशियार लड़का है, तो इससे रवि के एक गुण या उसकी एक विशेषता का पता चलता है। इसलिए होशियार एक विशेषण है। इसी दूसरे वाक्य में, मीना के पर्स की विशेषता बताई गई है, कि वह काले रंग का है। तीसरे वाक्य में, रीना की साड़ी के विषय में कहा गया है कि वह साड़ी बहुत सुंदर है। चौथे वाक्य में, चीता इस प्राणी की विशेषता बताई गई है कि वह केवल दौड़ता नहीं है बल्कि बहुत तेज दौड़ता है। पांचवें वाक्य में सर्वनाम शब्द की आयु बताई गई है।

इस प्रकार हम कह सकते हैं कि, विशेषण शब्दों के द्वारा हमें संज्ञा या सर्वनाम शब्दों के विषय में अधिक जानकारी मिलती है। जिन संज्ञा अथवा सर्वनाम शब्दों के विषय में, हमें विशेषण के द्वारा अधिक जानकारी मिलती है, उन्हें विशेष्य कहते हैं।

जैसे, इस वाक्य को पढ़िए,

” शेर के दांत, नुकिले होते हैं”

इस वाक्य में, शेर तथा दांत संज्ञा शब्द हैं, नुकिले यह एक विशेषण शब्द है, जो दांतों की विशेषता को बता रहा है। इस लिए इस वाक्य में दांत, विशेष्य है और नुकिले यह विशेषण हैं।

इस प्रकार, वाक्य में प्रयुक्त होने वाले संज्ञा या सर्वनाम शब्द ही विशेष्य होते हैं। 

जब हम किसी वाक्य में, संज्ञा के साथ, विशेषण का प्रयोग करते हैं, तो यह “विशेष्य विशेषण कहलाता है और जब हम वाक्य में प्रयुक्त क्रिया शब्द के साथ विशेषण का प्रयोग करते हैं तो यह विधेय विशेषण कहलाता है।

कुछ शब्द होते हैं, जो विशेषण शब्दों की भी विशेषता बताते हैं, उन शब्दों को प्रविशेषण शब्द कहते हैं।

उदाहरण के लिए इन वाक्यों को पढ़िए,

  • आदित्य एक अच्छा खिलाड़ी है।
  • आदित्य एक बहुत अच्छा खिलाड़ी है।

उपरोक्त दोनों ही वाक्यों में, आदित्य, एक संज्ञा शब्द होने के साथ साथ विशेष्य भी है और अच्छा एक विशेषण शब्द है। लेकिन दूसरे वाक्य में, विशेषण शब्द, अच्छा की भी विशेषता बताई गई है और इसके लिए बहुत शब्द का प्रयोग किया गया है।

इस प्रकार, अच्छा, बुरा, सुंदर, लंबा, नाटा, चौड़ा, कोई रंग, संख्या, इत्यादि सभी विशेषण शब्द है और बहुत, थोड़ा, कम, ज्यादा, खूब इत्यादि सभी प्रविशेषण शब्द है।

विशेषण के भेद

विशेषण के चार प्रकार या भेद होते हैं।

  • गुणवाचक विशेषण
  • संख्यावाचक विशेषण
  • परिमाणवाचक विशेषण
  • सार्वनामिक विशेषण

अब हम इन्हें विस्तार से समझते हैं।

गुणवाचक विशेषण

वाक्य में प्रयुक्त जो शब्द, संज्ञा या सर्वनाम शब्द के गुण बताते हैं, उन्हें गुणवाचक विशेषण कहते हैं। गुणवाचक विशेषण, संज्ञा या सर्वनाम शब्दों के रंग (काला, सफेद, चमकिला इत्यादि) रुप (सुंदर, बदसूरत इत्यादि), गुण (बुद्धिमान, भला, नितीवान आदि), दोष ( निकम्मा, आलसी, पापी आदि), आकार (गोल, चपटा, लंबा), गंध ( खुशबुदार, बदबूदार इत्यादि), स्पर्श ( कडक, नर्म, चिकना इत्यादि), स्थान(शहरी, हैदराबादी, ग्रामीण इत्यादि), समय (सुबह, सालाना, मासिक इत्यादि), अवस्था (बिखरा हुआ, सड़ा हुआ, सूखा, गीली इत्यादि), दशा ( बीमार, घायल, संपन्न, सुखी इत्यादि) तथा दिशा (उत्तर, दक्षिण आदि) का परिचय देते हैं। 

काला, सफेद, रंग बिरंगा, सुंदर, बदसूरत, बदमाश, निकम्मा, भला, छोटा, बड़ा, लंबी, चौड़ी, गोल, मोटा, पतला, झूठा, अन्यायी, भोला भाला, शक्तिशाली, पुरातन, भूतकाल, आज, नया इत्यादि सभी शब्द, संज्ञा या सर्वनाम के गुणों को दर्शाते हैं, इसलिए इन्हें गुणवाचक विशेषण कहते हैं।

उदाहरण के लिए इन वाक्यों को पढ़िए,

  • ताजमहल एक प्राचीन इमारत है।
  • राणा प्रताप का घोड़ा बहुत तेज दौड़ता था।
  • राधिका एक बुद्धिमान लड़की हैं।
  • रावण शिव का परम भक्त था।
  • अर्जुन एक उत्कृष्ट धनुर्धर था।

इन सभी वाक्यों में, संज्ञा या सर्वनाम के किसी विशेष गुण को दर्शाया गया है। इसलिए, क्रमशः प्राचीन, बहुत तेज, बुद्धिमान, परम तथा उत्कृष्ट ये सभी शब्द, गुणवाचक विशेषण हैं।

संख्यावाचक विशेषण

जिन शब्दों से, किसी संज्ञा या सर्वनाम शब्द की संख्या का पता चलता है, उसे संख्यावाचक विशेषण कहते हैं। संख्यावाचक विशेषण, किसी वाक्य में, संज्ञा या सर्वनाम की निश्चित या अनिश्चित संख्या को बताते हैं। इस प्रकार, संख्यावाचक विशेषण, दो प्रकार के हुए, पहला, निश्चित संख्यावाचक विशेषण और दूसरा अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण

निश्चित संख्यावाचक विशेषण

निश्चित संख्यावाचक विशेषण में, किसी भी वाक्य में प्रयुक्त संज्ञा या सर्वनाम शब्द की संख्या निश्चित होती है, जैसे, “रावण के दस सिर थे”। इस वाक्य में रावण के सिर की एक निश्चित संख्या बताई गई है। “मेरे घर में दो बिल्लियां है।” इस वाक्य में भी, बिल्लियों की संख्या भी निश्चित बताई गई है।

अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण

अब इन वाक्यों को पढ़िए,

” आसमान में बहुत से तारे हैं।”

” कई छात्र मैदान में खेल रहे हैं।”

” मेरे पास कुछ बिल्लियां हैं “।

इन तीनों ही वाक्यों से, संज्ञा या सर्वनाम की एक निश्चित संख्या का पता नहीं चल रहा है, इसलिए इन वाक्यों में प्रयोग किए गए शब्द, क्रमशः बहुत, कई और कुछ, ये शब्द अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण को दर्शाते हैं।

परिमाणवाचक विशेषण

वे शब्द जो किसी भी वाक्य में, संज्ञा अथवा सर्वनाम शब्दों की मात्रा, संख्या, माप / नाप, यानी कि परिमाण को स्पष्ट करते हैं, उन्हें परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं। 

उदाहरण के लिए,

  1. दो लीटर तेल की किमत 360 रुपए है।
  2. मेरा घर स्कूल से पांच किलोमीटर दूर है।
  3. राहुल दो किलो चीनी लेकर आओ।

इन तीनों वाक्यों में, क्रमशः लीटर, किलोमीटर और किलो से संज्ञा या सर्वनाम शब्दों के परिणाम का पता चल रहा है। इसलिए ये तीनों परिमाणवाचक विशेषण के उदाहरण हैं

परिमाणवाचक विशेषण भी दो प्रकार के होते हैं, निश्चित परिमाणवाचक विशेषण और अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण

निश्चित परिमाणवाचक विशेषण

इन्हें हम कुछ उदाहरणों के द्वारा समझते हैं।

  1. मम्मी ने मुझे एक किलो सेब लाने के लिए कहा है।
  2. इस रेसिपी में पाव किलो पनीर भी लगेगा।
  3. राधिका ने सुबह उठकर एक लीटर पानी पिया था।
  4. इस साल मेरे खेत में चार क्विंटल चावलों की पैदावार हुई है।
  5. फ्रॉक को नीचे से दो इंच कम कर दिजिए।

इन सभी वाक्यों में, संज्ञा या सर्वनाम शब्दों की मात्रा या परिमाण निश्चित बताया गया है। इसलिए इन वाक्यों में प्रयुक्त किए गए, विशेषण शब्दों को, निश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं।

अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण

अब इन वाक्यों को पढ़िए,

  1. मम्मी ने मुझे कुछ सेब लाने के लिए कहा है।
  2. इस रेसिपी में थोड़ा पनीर भी लगेगा।
  3. राधिका ने सुबह उठकर थोड़ा पानी पिया था।
  4. इस साल मेरे खेत में कुछ क्विंटल चावलों की पैदावार हुई है।
  5. फ्रॉक को नीचे से थोड़ा सा कम कर दिजिए।

इन वाक्यों में, संज्ञा या सर्वनाम शब्दों की मात्रा, परिणाम या नाप का सही अनुमान नहीं लगाया जा सकता है, इसलिए इन विशेषण शब्दों को, अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं।

इस प्रकार, लीटर, टन, इंच, किलो, मीटर इत्यादि सभी परिमाणवाचक विशेषण हैं। संख्यावाचक विशेषण और परिमाणवाचक विशेषण में यह अंतर है कि, संख्यावाचक विशेषण में, गिनती या गणणा की जाती है और परिमाणवाचक विशेषण में नापा तौला जाता है।

सार्वनामिक विशेषण

किसी भी वाक्य में, जो सर्वनाम शब्द, संज्ञा के पहले आते हैं और संज्ञा की विशेषता बताते हैं, उन्हें सार्वनामिक विशेषण कहते हैं। दूसरे शब्दों में, विशेषण की तरह प्रयुक्त होने वाले सर्वनाम शब्दों को सार्वनामिक विशेषण कहते हैं

जैसे, ” वह लड़की व्यवहार कुशल है।”

इस वाक्य में “वह” एक सर्वनाम शब्द है, जो “लड़की” यानी संज्ञा के पहले, संज्ञा की विशेषता बताने के लिए प्रयुक्त हुआ है, इसलिए वह सार्वनामिक विशेषण कहेंगे।

सार्वनामिक विशेषण के कुछ अन्य उदाहरण देखते हैं।

  • वह गुलाब का फूल बहुत सुंदर है।
  • उस किताब में बहुत अच्छी कहानियां हैं।
  • इन विद्यार्थियों ने विद्यालय का नाम रौशन किया हैं।
  • यह शिवजी की एक सुंदर प्रतिमा हैं।
  • वे सभी घोड़े तेज दौडते है।

इन सभी वाक्यों में, क्रमशः वह, उस, इन, यह और वे सर्वनाम शब्दों का प्रयोग किया गया है, जो कि संज्ञा के पहले आए हैं और विशेषण का काम करते हैं।

सार्वनामिक विशेषण दो उपभेद होते हैं।

  1. मौलिक सार्वनामिक विशेषण
  2. यौगिक सार्वनामिक विशेषण

मौलिक सार्वनामिक विशेषण

मौलिक सार्वनामिक विशेषण, वह  सर्वनाम शब्द होते हैं, जो अपने मूल रुप में ही संज्ञा के पहले लगते हैं और संज्ञा की विशेषता बताते हैं

उदाहरण के लिए, 

  • यह कुर्सी बहुत पुरानी है।
  • वह गाय बहुत दूध देती है।

यौगिक सार्वनामिक विशेषण

यौगिक सार्वनामिक विशेषण वह सर्वनाम शब्द होते हैं, जो रुपान्तर करके, संज्ञा शब्द के पहले लगते हैं। यौगिक सार्वनामिक विशेषण, मूल सर्वनाम में प्रत्यय लगाने से बनते हैं।  जैसे,

  • जैसा कर्म करोगे, वैसा ही फल मिलेगा।
  • जितनी चादर हैं, उतने ही पैर फैलाना चाहिए।

इन वाक्यों में, जैसा, वैसा, उतने और जितनी यह यौगिक सार्वनामिक विशेषण हैं।

निष्कर्ष

आज का यह लेख विशेषण किसे कहते हैं (Visheshan Kise Kehte Hain) यहीं पर समाप्त होता है। आज के इस लेख में हमने जाना की विशेषण की परिभाषा क्या है, विशेषण के प्रकार कितने हैं।

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FAQ

विशेषण के कितने प्रकार के होते हैं?

विशेषण चार प्रकार के होते हैं।
गुणवाचक विशेषण
संख्यावाचक विशेषण
परिमाणवाचक विशेषण
सार्वनामिक विशेषण

सुंदर शब्द में कौन सा विशेषण है?

सुंदर शब्द संज्ञा या सर्वनाम शब्द के गुण बताते हैं, इसीलिए यह शब्द गुणवाचक विशेषण है |

बहुत में कौन सा विशेषण है?

बहुत एक अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण है | बहुत शब्द से कोई निश्चित संख्या का पता नहीं चलता इसीलिए यह अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण के अंतर्गत आता है |

Kinchit Kaun Sa Visheshan Hai | किंचित कौन सा विशेषण है?

Kinchit (किंचित) परिमाणवाचक विशेषण है |

Sher Ka Visheshan Kya Hai?

Sher Ka Visheshan Bagh (बाघ ) hai.