विशेष्य की परिभाषा एवं उदाहरण

विशेष्य | Visheshya

इस लेख में आज हम विशेष्य की परिभाषा एवं उदाहरण के बारे में बात करने वाले हैं। दरअसल विशेष्य, विशेषण का ही एक अंग है। लेकिन उसके बावजूद विशेष्य के बारे में लोगों को बहुत अधिक जानकारी नहीं होती है और कई लोग तो ऐसे हैं, जो विशेष्य और विशेषण के बीच अंतर समझ ही नहीं पाते। इसलिए आज हम इस लेख के माध्यम से बताएंगे, कि विशेष्य किसे कहते हैं और विशेषण तथा विशेष्य के बीच में क्या अंतर है। तो चलिए फिर इस लेख  को शुरू करते हैं |

विशेष्य किसे कहते हैं

विशेष्य हमेशा संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता या गुण का बोध कराने के लिए प्रयुक्त होता है। यह संज्ञा या सर्वनाम की प्रकृति, स्थिति, स्वरूप, प्रमुखता, प्रकार, रंग, आकार, युग, मान आदि के बारे में जानकारी देता है। ध्यान दें प्रायः दो अलग-अलग प्रकार से विशेषण का इस्तेमाल विशेष के साथ किया जाता है।

जैसे कि –

पहला है,  क्रिया के साथ यहां ध्यान देने वाली बात यह है, कि जब कभी यदि विशेषण क्रिया के साथ प्रयोग होता है,  तो उसे विधेय विशेषण कहा जाता है और इनका इस्तेमाल हमेशा क्रिया से पूर्व किया जाता है। ध्यान रहे, विधेय विशेषण हमेशा समानाधिकरण होता है।

दूसरा है, संज्ञा के साथ  यदि कभी भी विशेषण संज्ञा के साथ इस्तेमाल होता है, तो उन्हें विशेष्य विशेषण कहा जाता है और इसका इस्तेमाल हमेशा विशेष्य से पहले किया जाता है।

विशेष्य की परिभाषा

ऐसे विशेषण शब्द जो प्रायः संज्ञा तथा सर्वनाम शब्दों की विशेषता बताता हो, उन्हें विशेष्य कहा जाता है। दूसरे शब्दों में कहे तो, वे विशेषण शब्द जिनसे संज्ञा या सर्वनाम शब्दों की विशेषता का बोध हो  उन्हें विशेष्य कहते हैं।

जैसे कि –

  • बीस आम
  • लाल कुर्ता
  • चौड़ी सड़क
  • मोटी पुस्तक
  • खराब कार
  • लंबी लड़की
  • सुंदर राजकुमारी

ऊपर दिए गए उदाहरण में आप देख सकते हैं कि बीस, लाल और चौड़ी, मोटी, खराब, लंबी, सुंदर शब्द विशेषण है तथा आम, कुर्ता या सड़क, पुस्तक, कार, लड़की, राजकुमारी विशेष्य हैं।

विशेष्य के उदाहरण

विशेष्य क्या है इसे अच्छी तरह से समझने के लिए हम यहां कुछ उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं, जिनके माध्यम से आप विशेष्य के बारे में और अच्छी तरह से जान पाएंगे।

जैसे कि –

सीता बहुत सुशील है

पंकज सीधा – साधा लड़का है

नीतू बहादुर है

‘सीता बहुत सुशील है’

इस वाक्य में संज्ञा शब्द यानी सीता की विशेषता बताई गई है, की वह बहुत सुशील है। जिसमें सीता की विशेषता बताने वाला शब्द है सुशील इसलिए सुशील शब्द विशेषण होगा। और विशेषण शब्द जिस संज्ञा और सर्वनाम की विशेषता बताते  हैं उन्हें विशेष्य कहते हैं इस परिभाषा के आधार पर यदि देखे तो वाक्य में सीता (संज्ञा) की विशेषता बताई जा रही है इसलिए सीता विशेष्य होगा।

‘पंकज सीधा – साधा लड़का है’

यहां दिए गए वाक्य में ‘पंकज’ नामक लड़का की विशेषता बताई जा रही है, कि वह सीधा साधा है इसलिए ‘सीधा-साधा’ शब्द विशेषण कहलाएगा। परंतु विशेषण शब्द जिस संज्ञा या सर्वनाम शब्द की विशेषता बता रहा है वह है,  पंकज इसलिए ‘पंकज’ विशेष्य कहलाएगा।

‘नीतू बहादुर है’

ऊपर दिए गए वाक्य में नीतू की विशेषता बताई जा रही है, कि वह बहादुर है। इसलिए बहादुर शब्द विशेषण है और जैसा कि पता है, विशेषण शब्द जिस संज्ञा सर्वनाम की विशेषता बताएं उसे विशेष्य कहा जाता है, तो इसी परिभाषा के आधार पर जो यहां विशेषण शब्द की विशेषता बता रहा है, वह  है ‘नीतू’ इसलिए नीतू शब्द विशेष्य होगा।

विशेष्य की पहचान कैसे करें

वाक्य में विशेषण शब्द को पहचाना कोई मुश्किल काम नहीं है। लेकिन फिर भी हम यहां आपको विशेष्य शब्द पहचानने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातों की जानकारी दे रहे हैं। जैसे कि –

विशेष्य का प्रश्न पूछे

प्रायः वाक्य में एक शब्द ऐसा होता ही है जो संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताता हैं। आपको इसी की तलाश करनी है। दरअसल आप वाक्य में इस प्रश्न का उत्तर ढूंढ सकते हैं, की वाक्य में वस्तु या व्यक्ति किसके बारे में कह रहा है या कह रही है।

संज्ञा या सर्वनाम के साथ मिलाना

विशेष्य एक संज्ञा या सर्वनाम के साथ मिलकर ही  प्रायः उसकी विशेषता व्यक्त करता है। जैसे –

  • बड़ा घर
  • सुंदर फूल
  • शीतल जल
  • नया कपड़ा
  • शांत स्थान

ऊपर दिए गए इन उदाहरणों में आप देख सकते है कि  संज्ञा या सर्वनाम शब्द के साथ एक शब्द मिल रहा है, जो  उसकी विशेषता को भी व्यक्त कर रहा तो यही शब्द विशेष्य होगा।

शब्दों का प्रयोग देखें

विशेष्य अक्सर व्यक्ति वाचक शब्द के रूप में प्रयुक्त होते हैं जैसे व्यक्तियों, वस्तुओं, स्थानों आदि।

वाक्य की परिस्थिति को समझें

वाक्य के सभी शब्दों और संरचना को देखकर विशेष्य की पहचान की जा सकती है। जब किसी शब्द ने संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता को संबोधित किया हो और वाक्य के संरचना के अनुसार विशेष्य का प्रयोग हो रहा तब वह  शब्द विशेष्य हो सकता है।

निष्कर्ष

आज का यह लेख ‘विशेष्य की परिभाषा एवं उदाहरण’ यहीं पर समाप्त होता है। आज के इस लेख में हमने जाना कि विशेष्य किसे कहते हैं तथा विशेष्य और विशेषण में क्या अंतर है? उम्मीद करते हैं, यहां दी गई जानकारी के माध्यम से अब आप जान गए होंगे, कि विशेष्य क्या है और यह विशेषण से कैसे भिन्न है। इसी के साथ यदि आपको इस लेख से संबंधित और अधिक जानकारी चाहिए, तो नीचे कमेंट के माध्यम से हमें जरूर बताएं और यदि यह लेख पसंद आया हो, तो इसे जितना हो सके उतना अधिक शेयर करें।

FAQ

विशेष्य क्या है?

वे विशेषण शब्द जिनसे संज्ञा या सर्वनाम शब्दों की विशेषता का बोध हो  उन्हें विशेष्य कहते हैं।

विशेष्य के कार्य क्या होते हैं?

विशेष के कार्य होते हैं संज्ञा और सर्वनाम की विशेषता या गुणवत्ता को व्यक्त करना तथा वस्तु पुरुषों और स्थान आदि की विशेषताओं को बताना।

विशेष्य का प्रयोग क्यों जरूरी है?

विशेष्य का प्रयोग वाक्य समृद्ध और संवेदनशील बनाता है पर मेरा यह व्यक्ति या वस्तु की विशेषताओं को संक्षेप में बताता है और उन्हें और स्पष्ट और व्यापक बनाता है।

विशेष्य के उदाहरण क्या है?

विशेष्य के उदाहरण है जैसे बड़ा पुराना ऊंचा सुंदर तेज आदि।

विशेषण किसकी विशेषता बताते हैं?

विशेषण संज्ञा और सर्वनाम की विशेषता बताते हैं

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