विस्मयादिबोधक अव्यय किसे कहते हैं | Vismayaadibodhak Avyay

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विस्मयादिबोधक अव्यय | Vismayaadibodhak Avyay

आज के इस लेख में हम ‘विस्मयादिबोधक अव्यय किसे कहते हैं’ के बारे में विस्तार पूर्वक बात करने वाले हैं।

विस्मयादिबोधक अव्यय हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण अंश है,  जो लिखित रूप से विचारों को भावनात्मक रूप से दर्शाने का कार्य करता है।

विस्मयादिबोधक वाक्य से ही लेखक अपने विचारों को स्पष्ट रूप से व्यक्त कर सकता है।

तो चलिए फिर बिना देर किए इस लेख को शुरू करते हैं और जानते हैं, विस्मयादिबोधक अव्यय क्या है, विस्मयादिबोधक के कितने भेद हैं, विस्मयादिबोधक चिन्ह का प्रयोग कब किया जाता है तथा विस्मयादिबोधक वाक्य के उदाहरण क्या है –

विस्मयादिबोधक अव्यय किसे कहते हैं

विस्मयादिबोधक अव्यय जिन्हें विस्मयक के नाम से भी जाना जाता है। यह अव्यय का एक प्रकार होता है, जो कि किसी घटना, परिस्थिति, व्यक्ति या वस्तु के विस्मय  होने  अर्थात चौकाने वाले प्रतिक्रियाओं को व्यक्त करने में प्रयुक्त होते हैं।

यह प्रतिक्रियाएँ विभिन्न तरह की हो सकती हैं। विशेष तौर पर इन अव्ययों का इस्तेमाल विस्मय होने यानी चौकने, आश्चर्य,  चिंता, प्रश्न, खुशी, दुख आदि को व्यक्त करने के लिए किया जाता है।

उदाहरण के लिए –

वाह! यह कैसे हो सकता है?

अच्छा! यह सच है?

अरे! वह लोग यह कैसे कर लेते हैं?

इन अव्यय का इस्तेमाल वाक्य में उत्साह या आश्चर्य को लिखित रूप से व्यक्त करने के लिए किया जाता है। जिनके प्रयोग से यह किसी भी वाक्य का माहौल, अर्थ व भावनाओं को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।

विस्मयादिबोधक अव्यय की परिभाषा क्या हैं

वाक्य में इस्तेमाल होने वाले ऐसे चिन्ह जिनकी मदद से किसी के आश्चर्य होने,  शोक, उत्साह, घृणा, ईर्ष्या तथा विभिन्न भावनाओं को स्पष्ट रूप से व्यक्त करें वे विस्मयादिबोधक वाक्य या विस्मयादिबोधक अव्यय कहलाते हैं।

विस्मयादिबोधक को अंग्रेजी में (Exclamation Mark) के नाम से जाना जाता है जिन्हें वाक्य में कुछ इस तरह (!) से प्रयोग करते हैं।

जैसे कि –

  • ओह! तुम कब आएँ?
  • अरे! ये तो बहुत बुरा हुआ तुम्हारे साथ।
  • वाह! तुमने तो कमाल कर दिखाया।

विस्मयादिबोधक वाक्य के उदहारण हैं

यहां हम आपको विस्मयादिबोधक वाक्य के बारे में और भी गहराई से समझाने के लिए कुछ उदाहरण प्रस्तुत कर रहे है,  जिनके जरिए आपको विस्मयादिबोधक समझने में आसानी होगी।  तो आईए जानते हैं, विस्मयादिबोधक वाक्य के 20 उदाहरण क्या है –

  1. वाह! यह कैसे हो सकता है?
  2. क्या! तुमने सचमुच उसे देखा था?
  3. अरे! वो कैसे इतनी तेज़ी से दौड़ सकता है?
  4. वाकई! उसकी कला ने मुझे सचमुच आश्चर्यचकित कर दिया।
  5. हे भगवान! ये क्या कर दिया तुमने?
  6. हाय! मेरी बुरी किस्मत।
  7. सच में!  तुम पास सफल रहे  परीक्षा में।
  8. नमस्ते! आप कैसे है?
  9. ओह! तो ये तुमने क्या है।
  10. ठीक है! ये तुम कहा लो।
  11. हाँ! मैं कल आऊंगी पार्टी में।
  12. शाबाश! अखिर तुमने कर दिखाया।
  13. नहीं! ये मुमकिन नहीं हो सकता।
  14. ओये! कहाँ जाँ रहे हो।
  15. जी बिलकुल! मैं समझ गया हूँ।
  16. लेकिन! वो मैच जीत कैसे गया।
  17. हाय राम! सब बर्बाद हो गया।
  18. जीते रहो बेटा!
  19. चुप रहो! जब देखो बकवास करते रहते हो।
  20. मैं अब कभी नहीं आऊंगा अलविदा!

विस्मयादिबोधक के कितने भेद हैं

हिन्दी व्याकरण के अनुसार विस्मयादिबोधक के मुख्यतः 11 भेद है। जैसे कि –

  • शोकबोधक  
  • तिरस्कारबोधक  
  • स्वीकृतिबोधक  
  • विस्मयादिबोधक  
  • संबोधनबोधक  
  • हर्षबोधक  
  • भयबोधक  
  • आशीर्वादबोधक  
  • अनुमोदनबोधक  
  • विदासबोधक  
  • विवशताबोधक  

शोकबोधक 

ऐसे शब्द जिन का प्रयोग करके शोक जाहिर करना हो या किसी से अफसोस या दुख प्रकट करना हो, तो वहां शोक बोधक का प्रयोग होता है।  शक बोधन के अंतर्गत है ओह, हे भगवान उफ, हाय  आदि जैसे शब्द शामिल होते हैं।

उदाहरण के लिए – 

ओह! यह तो बहुत बुरा हुआ।

है भगवान! उसे मुसीबत से बचाना।

उफ़! मैं तो पागल हो जाऊंगी है।

हाय! अब क्या होगा?

तिरस्कारबोधक  

ऐसे शब्द जो किसी को बहुत घृणा भावना के साथ कहा जाए, किसी का तिरस्कार किया जाए या किसी को नकारा जाए तो वहां तिरस्कारबोधक का प्रयोग किया जाता है। तिरस्कार बोधक के अंतर्गत थू-थू, हट, चुप, धिक्कार, धत, छि- छि, बेकार, वाहियात आदि जैसे शब्द शामिल होते हैं।

उदाहरण के लिए –

  • छि- छि! यह कितना गंदा है।
  • यह कितना बेकार है!
  • धिक्कार!  है तुम जैसे लड़कों पर। धत! यह भी कोई कहने वाली बात है।
  • चुप! आगे एक शब्द मत कहना।
  • ये क्या थू-थू कर दी पूरे गांव में!

स्वीकृतिबोधक  

जब किसी को स्वीकृति प्रदान करना हो यानी कोई बात के लिए सहमति जाहिर करना हो, तो वहां स्वीकृति बोधक का प्रयोग किया जाता है। स्वीकृति बोधक के अंतर्गत ठीक है,  अच्छा, जो हुकुम, जी हाँ, बहुत अच्छा, जी आदि जैसे शब्द शामिल होते हैं।

उदाहरण के लिए –

  • ठीक है! तुम्हें जो समझ आए करो।
  • हाँ! मैं ठीक हूँ।
  • जो हुकुम! हम आपको निराश नहीं करेंगे।
  • जी हाँ! यह कार्य बिल्कुल ऐसा ही होना चाहिए था।
  • बहुत अच्छा! इसे बिल्कुल ऐसा ही करना था।
  • जी! वही होगा, जो आप चाहे।

विस्मयादिबोधक  

वाक्य में प्रयुक्त होने वाले ऐसे शब्द जिसे विस्मय का बोध हो, उन्हें विस्मयादिबोधक कहते हैं। सरल शब्दों में कहे तो ऐसे शब्द जिसे चौंकाने की प्रतिक्रिया का भाव स्पष्ट होता है, उन्हें विस्मयादिबोधक कहा जाता है।विस्मयादिबोधक के अंतर्गत वाह, क्या, अरे,सच, ओह, ओहो आदि जैसे शब्द आते हैं।

उदाहरण के लिए –

  • वाह! यह तो बहुत सुंदर है।
  • क्या! तुम कब आ रहे हो?
  • अरे! यह कैसे हो गया।
  • सच! तुम क्वालीफाई कर गए।
  • ओहो! तो तुम्हें भी यह पता था।
  • ओह! तो सब मिले हुए हैं, यहाँ।

संबोधनबोधक  

वाक्य में प्रयुक्त होने वाले ऐसे शब्द जिनसे संबोधन का बोध हो,  उन्हें संबोधन बोधक कहा जाता है। संबोधन बोधक के अंतर्गत हैलो,  अरे, ओय, अरी, अजी, सुनो, ओ आदि जैसे शब्द शामिल होते हैं।

उदाहरण के लिए –

ओ! किधर जा रहे हो।

अरे! मेरी बात अभी पूरी नहीं हुई है।

अजी! मेरी बात तो सुनो।

सुनो! एक बहुत जरूरी बात बतानी है।

हैलो! तुम कैसे हो।

ओह! तुम्हारे साथ वह लड़का कौन है

हर्षबोधक  

ऐसे वाक्य जहां हर्ष,  उत्साह, या उल्लास जाहिर करना हो वहां हर्ष बोधक का प्रयोग किया जाता है। हर्षबोधक का इस्तेमाल मुख्य रूप से वाक्य में खुशी या उत्सुकता दर्शाने के लिए की जाती है। हर्षबोधक के अंतर्गत शाबाश, अति सुंदर, धन्य, वाह-वाह, अरे वाह,  अति उत्तम आदि जैसे शब्द शामिल होते हैं।

उदाहरण के लिए –

  • अरे वाह! तुम आ गए।
  • धन्य हो! भगवान का कि तुम सही सलामत हो।
  • शाबाश! आखिर तुमने कर दिखाया।
  • अति सुंदर! इसके जैसा कोई भी नहीं हो सकता।
  • वह! क्या बात है, तुम्हारी।
  • इतने अच्छे रिजल्ट, अति उत्तम!

भयबोधक  

जिन वाक्यों में भय या डर की भावना प्रकट होती है  वहां भय बोधक का प्रयोग किया जाता है। भय बोधक का प्रयोग खासतौर पर डर की भावना को दर्शाने के लिए ही किया जाता है। भयबोधक के अंतर्गत हे राम, ओह, बाप रे बाप, हाय, उई माँ, त्राहि -त्राहि जैसे शब्द शामिल होते हैं।

उदाहरण के लिए –

  • हे राम! यह क्या हो गया?
  • यहाँ तो त्राहि-त्राहि मची है!
  • उई माँ! बहुत जोर से चोट आई है।
  • ओह! वो क्या था, मै तो डर ही गया।
  • बाप रे बाप! यह कितना डरावना था।

आशीर्वादबोधक  

ऐसे वाक्य जहां किसी को आशीर्वाद देना हो या जब कुशल मंगल की शुभकामनाएं देनी हो, तो वहां आशीर्वाद बोधक का प्रयोग होता है। आशीर्वाद बोधक के अंतर्गत जीते रहो,  सदा सुखी रहो, तथास्तु, आयुष्मानभवः आदि जैसे शब्द शामिल होते हैं।

उदाहरण के लिए –

  • जीते रहो! और जहां भी रहो हमेशा खुश रहो।
  • मेरी प्रार्थना है, ईश्वर से कि तुम सदा सुखी रहो!
  • मैं हमेशा प्रार्थना करती हूँ तुम्हारे लिए, आयुष्मानभवः!
  • तथास्तु! लंबी उम्र हो तुम्हारी।

अनुमोदनबोधक  

ऐसे वाक्य जिम अनुमति देने या लेने की भावना प्रकट होती है, उन्हें अनुमोदन बोधक कहा जाता है। अनुमोदन बोधक के अंतर्गत अवश्य, बहुत अच्छा, हाँ- हाँ, जी बिलकुल आदि जैसे शब्द शामिल होते हैं।

उदाहरण के लिए –

  • अवश्य! आप यह चीज रख सकती हैं।
  • हाँ- हाँ! मैं जरूर आऊंगा।
  • बहुत अच्छा! आखिर तुम आ ही गए।
  • जी बिल्कुल! आप यहाँ रह सकते हैं।

विदासबोधक  

ऐसे वाक्य जिनसे दूर होने का यानी विदाई या अलविदा कहने की भावना उत्पन्न हो, उसे विदासबोधक कहते हैं। विदासबोधक के अंतर्गत सामान्य रूप से टा-टा, राम-राम, अच्छा जी, अलविदा आदि जैसे शब्दों का प्रयोग किया जाता है।

उदाहरण के लिए –

  • अच्छा जी! अब हम आपसे विदा चाहते हैं।
  • मैं अब घर जाता हूँ टा-टा!
  • अभी मैं चलता हूँ, फिर मिलेंगे राम-राम!

विवशताबोधक 

जब किसी वाक्य से विवशता यानी की लाचारी तथा बेबीसी का बोध हो, तो उन्हें विवशताबोधक कहा जाता है। यानी कि वाक्य में जब हे भगवान, काश, कदाचित आदि जैसे शब्द शामिल होते हैं, तब वहाँ विस्मयादिबोधक चिन्ह का प्रयोग किया जाता है।

उदाहरण के लिए –

  • काश! मैंने भी पढ़ाई की होती।
  • हे भगवान! यह क्या हो गया?
  • कदाचित! तुम्हें गलतफहमी हुई है, क्योंकि यह चोर नहीं हो सकता।

विस्मयादिबोधक अव्ययों का  प्रयोग कब किया जाता है

विस्मयादिबोधक अवयव का प्रयोग विशेष तौर पर तब किया जाता है, जब हमें किसी घटना, परिस्थिति, व्यक्ति या वस्तु के प्रति आश्चर्य, विस्मय, चौंकाने वाली भावना, डर, खुशी तथा दुख या अन्य विचारो आदि प्रकट करना होता है।

इन अवयवों का प्रयोग वाक्य को स्पष्ट और व्यक्तिगत बनाने के लिए किया जाता है ताकि यह वाक्य का अर्थ बदल दे और उसे भावनाओं के साथ व्यक्त कर सके। यहां हम कुछ ऐसी स्थितियां व्यक्त कर रहे हैं, जब खासतौर पर विस्मयादिबोधक अवयव का प्रयोग किया जाता है।

जैसे की –

  • अचानक किसी अद्वितीय संघटन के समय, जैसे कि आप अपने दोस्त के साथ विदेश की यात्रा के लिए जा रहे हैं और ऐसे समय पर आपके दोस्त ने अपना पासपोर्ट ही खो दिया हो।
  • किसी ऐसी गतिविधि के समय, जैसे की आप अपने जीवन में पहली बार किसी ऊंचे पर्वत पर चढ़े हो या वहां चढ़ने का मौका मिला हो।
  • किसी बहुत ही महत्वपूर्ण समाचार के समय, जैसे कि आपका दोस्त अचानक किसी इंटरनेशनल म्यूजिक कंपटीशन में जीत जाए।
  • कुछ ऐसे विचार जहां अफसोस या दुख जाहिर करना हो, जैसे की आप अपने किसी दोस्त को या किसी भी अपने सगे संबंधी के बुरे और संघर्षता पूर्ण जीवन की कहानी सुनते हो।

इसके अलावा भी बहुत से ऐसे तरीके हैं, जहां विस्मयादिबोधक अवयव का प्रयोग किया जाता है। इन चिन्हों का इस्तेमाल खास तौर पर वाक्य की सुंदरता,  वाक्य को दृढ़ता और महत्वपूर्णता बनाने के लिए किया जाता है। 

जिससे लिखित रूप से वाक्य दिखने में बहुत ही आकर्षक लगे और उस वाक्य का अर्थ भली भांति लोग सरलता से समझ सके।

निष्कर्ष

आज का यह लेख यहीं पर समाप्त होता है, आज के इस लेख में हमने जाना की विस्मयादिबोधक अव्यय किसे कहते हैं, विस्मयादिबोधक के कितने भेद होते हैं, विस्मयादिबोधक वाक्य के उदाहरण क्या है तथा विस्मयादिबोधक चिन्ह का प्रयोग कहां किया जाता है।

उम्मीद करते हैं, इस लेख में दी गई जानकारी के माध्यम से आप विस्मयादिबोधक वाक्य के बारे में अच्छी तरह से समझ गए होंगे।

लेकिन उसके बावजूद यदि इस विषय से संबंधित आपको और अधिक जानकारी चाहिए, तो आप नीचे कमेंट के माध्यम से अपनी बात या अपने प्रश्न हम तक पहुंचा सकते हैं। हम आपके द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर अवश्य देंगे।

लेकिन यदि यह लेख आपको उपयोगी लगा हो, तो इसे जितना हो सके उतना अधिक शेयर अवश्य करें।

FAQ

विस्मयादिबोधक अव्ययों से कौन भाव प्रकट होता हैं?

विस्मयादिबोधक अव्यय विशेषतौर पर हर्ष, घृणा, आश्चर्य तथा शोक आदि के भाव प्रकट होते है।

विस्मयादिबोधक अव्यय कैसा होता हैं?

वाक्य में प्रयोग होने वाले इस तरह का चिन्ह (!)विस्मयादिबोधक होता है।

विस्मयादिबोधक के कितने भेद होते हैं?

विस्मयादिबोधक के मुख्यतः 11 भेद है – शोकबोधक, तिरस्कारबोधक,स्वीकृतिबोधक, विस्मयादिबोधक, संबोधनबोधक, हर्षबोधक, भयबोधक, आशीर्वादबोधक, अनुमोदनबोधक, विदासबोधक, विवशताबोधक।

विस्मयादिबोधक in English क्या हैं

विस्मयादिबोधक को इंग्लिश में Exclamation Mark कहा जाता है।

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