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स्पर्श व्यंजन | Sparsh Vyanjan
स्पर्श व्यंजन की परिभाषा एवं सम्पूर्ण जानकारी: इस लेख में आज हम स्पर्श व्यंजन के बारे में बात करने वाले हैं। दरअसल यह हिंदी वर्णमाला का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, जिनके बारे में जानकारी होना हर किसी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
वैसे बता दें कि स्पर्श व्यंजन से ही यह पता चलता है, कि हिंदी में वर्णमालाओं का उच्चारण किस तरह करना चाहिए। इसलिए आज हम यहां बताएंगे कि स्पर्श व्यंजन किसे कहते हैं, स्पर्श व्यंजन कितने है तथा स्पर्श व्यंजन की परिभाषा एवं संपूर्ण जानकारी। तो चलिए फिर शुरू करते है |
स्पर्श व्यंजन किसे कहते है
ध्वनियों के उच्चारण के दौरान जब जीभ मुहँ के अन्य अंगों को स्पर्श करते हुए शब्दों को उच्चारित करती है, तो वह स्पर्श व्यंजन कहालाता है। इन व्यंजनों को स्पर्श व्यंजन या आवर्तन व्यंजन ही कहते हैं, क्योंकि इनके उच्चारण में जीभ और मुंह के विभिन्न अंगों के स्पर्श का प्रयोग होता है।
स्पर्श व्यंजन व्यक्ति के वेदंतियों द्वारा उपचारित किए जाते हैं और यह व्यंजन शब्दों के व्याख्यान और ध्वनियों के संरचना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
स्पर्श व्यंजन की परिभाषा
ऐसी ध्वनियाँ या वर्ण जिन्ह बोलते समय या जिनका उच्चारण करते समय जीभ मुहँ के किसी ना किसी हिस्से या अंग को स्पर्श करती हो यानी छूती हो, तो तो उसे स्पर्श व्यंजन कहते है।
अन्य शब्दों में कहें तो जब किसी वर्ण या व्यंजन का उच्चारण करते समय जीभ का मुख के कोई 2 हिस्सों या अंगों को स्पर्श करने par मुहँ से निकलने वाले हवा बंद का रोक दिया जय तो स्पर्श व्यंजन कहलाता है।
नीचे हम आपको बताएंगे कि स्पर्श व्यंजन के विभिन्न व्यंजनों का उच्चारण मुंह के किस हिस्से से की जाती है लेकिन उससे पहले जानते हैं कि स्पर्श व्यंजन की संख्या कितनी है?
स्पर्श व्यंजन कितने है (स्पर्श व्यंजन के प्रकार)
हिंदी व्याकरण के अनुसार स्पर्श व्यंजन की संख्या कुल 25 है, जिन्हें पांच अलग-अलग भागों में विभाजित किया गया है। जी हाँ वर्णमाला में स्पर्श व्यंजन की संख्या 25 है, जो वर्णमाला में ‘क’ से लेकर ‘म, तक के वर्णमाला को स्पर्श व्यंजन कहा जाएगा। जैसे कि –
- क वर्ग – क, ख, ग, घ, ङ
- च वर्ग – च, छ, ज, झ, ञ
- ट वर्ग – ट, ठ, ड, ढ, ण
- त वर्ग – त, थ, द, ध, न
- प वर्ग- प, फ, ब, भ, म
स्पर्श व्यंजन का उच्चारण स्थान
स्पर्श व्यंजन मौजूद 25 व्यंजन का उच्चारण मुख के विभिन्न हिस्सों से किया जाता है, जिनके बारे में हम नीचे और विस्तार से जानेंगे। जैसे कि –
क वर्ग
इन वर्गों का उच्चारण प्राया कंठ से किया जाता है। क वर्ग के उच्चारण में वायु हमेशा कंठ से होकर बाहर की ओर आती है।
क वर्ग में शामिल अक्षर है –
क, ख, ग, घ, ङ।
च वर्ग
इन वर्गों का उच्चारण प्राया तालु से होता है जिसमें उच्चारण करते समय जीभ तालु के अग्रभाग यानी आगे के भाग को स्पर्श करती है।
च वर्ग में शामिल अक्षर है –
च, छ, ज, झ, ञ।
ट वर्ग
ट वर्ग का उच्चारण करते समय जीभ तालु के मध्य कठोर भाग को स्पर्श करती है। जिन्हें मूर्धा भी कहा जाता है।
ट वर्ग में शामिल अक्षर है –
ट, ठ, ड, ढ, ण
त वर्ग
त वर्ग का उच्चारण प्रायः दांतो की माध्यम से होता है। यानी कि त वर्णो का उच्चारण करते समय जीभ दांत को स्पर्श करती है।
त वर्ग में शामिल अक्षर है –
त, थ, द, ध, न
प वर्ग
प वर्ग के उच्चारण में होंटो का इस्तेमाल किया जाता है। जी हां प वर्णो का उच्चारण करते समय दोनों होंट आपस में स्पर्श करते हैं।
प वर्ग में शामिल अक्षर है –
प, फ, ब, भ, म।
निष्कर्ष
आज के इस लेख में हमने जाना कि ‘स्पर्श व्यंजन की परिभाषा एवं सम्पूर्ण जानकारी’। जी हाँ आज हमने यहाँ आपको बताया की स्पर्श व्यंजन किसे कहते हैं (Sparsh vyanjan kise kahte hai), स्पर्श व्यंजन की परिभाषा एवं स्पर्श व्यंजन की संख्या कितनी है आदि के बारे में।
इसलिए यदि आपको यह लेख पसंद आया हो तो इसे जितना अधिक हो सके उतना अधिक शेयर करे। और यह लेख तथा यहाँ दी गयी जानकारी आपको कैसी लगी नीचे comment के माध्यम से जरूर बताए।
FAQ
कंठय किसे कहते हैं?
जिन वर्णों का उच्चारण कंठ से किया जाता है, उस देख कंठय कहते है। जैसे कि – क, ख, ग, घ, ङ।
स्पर्श व्यंजन की संख्या कितनी है?
स्पर्श व्यंजन की संख्या 25 है|
स्पर्श व्यंजन के उदाहरण क्या है?
स्पर्श व्यंजन के उदाहरण है, क, ख, ग, घ, ङ, च, छ, ज, झ, ञ, ट, ठ आदि।
स्पर्श व्यंजन को कितने वर्गों में बांटा गया है?
स्पर्श व्यंजन को 5 भागों में विभाजित किया गया है क वर्ग, च वर्ग, ट वर्ग, त वर्ग, प वर्ग।
स्पर्श संघर्षी व्यंजन कितने होते हैं?
स्पर्श संघर्षी व्यंजन चार होते हैं। जिनमें च वर्ग के शुरुआती चार व्यंजन शामिल होते हैं जैसे, – च, छ, ज, झ।
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