द्वंद्व समास किसे कहते हैं: परिभाषा, भेद और उदाहरण – Dvandva Samas Kise Kahate Hain

द्वंद्व समास
द्वंद्व समास

इस लेख में आज हम हिंदी व्याकरण के महत्वपूर्ण विषय समास के एक भाग द्वंद्व समास किसे कहते हैं (Dvandva Samas Kise Kahate Hain) के बारे में बात करने वाले हैं। दरअसल हिंदी भाषा को अच्छी तरह से समझने के लिए,  हिंदी व्याकरण का सही ज्ञान होना बहुत जरूरी।

जिस तरह हिंदी व्याकरण में संज्ञा, सर्वनाम और विशेषण के बारे में जानना महत्वपूर्ण है उसी तरह समास भी हिंदी व्याकरण के प्रमुख विषयों में से एक है। तो चलिए फिर बिना देर किए इस लेख को शुरू करते हैं और जानते हैं, द्वंद्व समास की परिभाषा क्या है और द्वंद्व समास के भेद कितने हैं |

द्वंद्व समास किसे कहते हैं

द्वंद्व समास हिंदी व्याकरण में एक प्रकार का समास है, जो दो शब्दों के मिलन से बनता है। इस समास में दो शब्दों का संयोजन होता है और उन्हें आपस में योजक की भूमिका निभाने के लिए प्रयोग किया जाता है। इस समाज के द्वारा विभिन्न पदों, नाम, विशेषणों, क्रियाओं, अदि का संयोजन किया जाता है।

इस समास में योजक शब्द या योजना पद दो भागों में विभाजित होता है। पहलाभाग अपवाद यानि विलोम कहलाता है और दूसरा भाग सहयोग यानी समर्थक कहलाता है। यह समाज अपवाद और सहयोग के बीच समानता व्यवस्था का बोध कराता है। द्वंद्व समास में प्रायः दोनों ही पद प्रधान होते हैं और इसमें कोई भी पद कभी गौण नहीं होता है।

जैसे कि –

  • राम – श्याम – राम और श्याम
  • सूरासुर – सुर या असुर
  • खान – पान – खाना और पीना
  • सुंदर – सुशील – सुंदर और सुशील
  • कृष्णार्जुन – कृष्णा और अर्जुन
  • जलवायु – जल और वायु
  • धर्माधर्म – धर्म या अधर्म
  • अन्न – जल – अन्न और जल

द्वंद्व समास की परिभाषा क्या है

ऐसे शब्द जो दो शब्दों के मिलन से बनते हो और उन में दोनों ही शब्द प्रधान हो, तो उन्हें द्वंद्व समास कहा जाता है। अन्य शब्दों में कहा जाए तो, वैसे शब्द जिनके दोनों ही पद प्रधान हो,  उन्हें द्वंद्व समास कहते हैं। द्वंद्व समास को विग्रह करने पर ‘अथवा, एवं और या आदि जैसे योजक शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है। 

उदाहरण के लिए –

  • दिन – रात  – दिन और रात
  • सुबह – शाम – सुबह और शाम
  • भला – बुरा – भला और बुरा
  • काला – गोरा – काला और गोरा
  • मोटा – पतला – मोटा और पतला
  • राजा – रानी – राजा और रानी
  • शिव – पार्वती – शिव और पार्वती

द्वंद्व समास के भेद क्या है

हिंदी व्याकरण के अनुसार मुख्य रूप से द्वंद्व समास के 3 प्रकार होते हैं। जैसे कि – 

  • समाहार द्वंद्व समास
  • इतरेतर द्वंद्व समास
  • वैकल्पिक द्वंद्व समास

समाहार द्वंद्व समास

समाहार द्वंद्व समास मे दोनों पद एक समूह, समुदाय या समुचित भाग को प्रकट करते हैं। यह सामाजिक समूह की एकता और संगठन को दर्शाता है। दूसरे शब्दों में कहें तो वैसे शब्द जिनमें प्रयुक्त होने वाले अलग अलग दोनों ही पद प्रधान हो और समस्त पद या शब्द एक समूह बोध कराएं तो उन्हें समाहार द्वंद्व समास कहा जाता है।

जब समाहार द्वंद्व समास को विग्रह किया जाता है, तब दोनों अलग-अलग पदों के मध्य या बीच में ‘और’ शब्द इस्तेमाल किया जाता  है। अन्य शब्दों में, कहे तो ऐसे समास जिनके दोनों ही पद को  बहुवचन की तरह प्रयोग होते हैं और दोनों ही पद अलग-अलग प्रधान होते है।

जैसे कि –

  • चौबीस – चार और  बीस
  • कपड़ा- लत्ता – कपड़ा और लत्ता 
  • धन – दौलत – धन और दौलत
  • देश – दुर्गम – देश और दुर्गम
  • मित्र जन – मित्र – जन

इतरेतर द्वंद्व समास

इतरेतर द्वंद्व समास मे दोनों पद एक दूसरे का परस्पर संबंध यह संवाद दर्शाते हैं। यह समास दो प्राणियों या पदार्थों के मध्य संबंध को प्रकट करता हैं। बता दें, कि इतरेतर शब्द इतर + इतर के जोड़ बनता है जिसका मतलब होता है अलग-अलग।

वैसे समास जिनमें प्रयुक्त दोनों पद अपनी अलग-अलग प्रधानता को प्रकट करते हैं, उसे इतरेतर द्वंद्व समास कहा जाता है। इतरेतर द्वंद्व समास को जब विग्रह किया जाता है,  तब उनके दोनों पदों के मध्य या बीच में ‘और’ शब्द का प्रयोग किया जाता है।

जैसे कि –

  • खाना – पानी – खाना और पानी
  • भाई – बहन – भाई और बहन
  • राधा – कृष्ण – राधा और कृष्ण
  • सीता – राम – सीता और राम
  • कुश – लव – कुश और लव 

वैकल्पिक द्वंद्व ससमास

वैकल्पिक द्वंद्व ससमास के दोनों ही पद वैकल्पिक या विभाजन की भूमिका निभाते हैं। यह समास विकल्पों को प्रकट करके वाक्य में विविधता या विचार के विस्तार को प्रकट करता है। दूसरे शब्दों में कहें, तो ऐसे समास जिनके दोनों पदों में से किसी एक पद को चयन करना हो, तो उन्हें वैकल्पिक द्वंद्व समास कहा जाता है।

जैसे कि –

  • सोना चांदी – सोना या चांदनी
  • आजकल – आज या कल
  • थोड़ा बहुत – थोड़ा या बहुत
  • मारपीट – मार या पीट
  • लाभ हानि – लाभ या हानि
  • अमीर गरीब अमीर या गरीब

द्वंद्व समास के उदाहरण क्या है

द्वंद्व समास के कुछ उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं जिनके माध्यम से आप द्वंद्व समास किसे कहते हैं अच्छी तरह से समझ जाएंगे। जैसे कि –

  • धूप  छाँव – धूप और छाँव
  • जीवन मृत्यु – जीवन और मृत्यु
  • माता पिता – माता और पिता
  • चाचा  चाची – चाचा और चाची
  • अमीर गरीब – अमीर या गरीब
  • सुख दुख – सुख या दुख
  • पति पत्नी – पति और पत्नी
  • खरा खोटा – खरा और खोटा
  • दूध दही – दूध और दही
  • पाप पुण्य – पाप या पुण्य
  • छोटा बड़ा – छोटा या बड़ा
  • रुपया पैसा – रूपया या पैसा
  • इधर उधर – इधर या उधर
  • दाल रोटी – दाल और रोटी
  • उत्तर दक्षिण – उत्तर और दक्षिण
  • ज्ञान विज्ञान –  ज्ञान और विज्ञान

द्वंद्व समास की पहचान कैसे होती है

बहुत से ऐसे तरीके हैं, जिनके माध्यम से द्वंद्व समास की पहचान आसानी से हो सकती है। 

  • द्वंद्व समास में दो  शब्दों का संयोजन होता है। इस संयोजन के कारण द्वंद्व समास में एक से अधिक शब्द होते हैं, जो आपस में जुड़े होते हैं।
  • द्वंद्व समास में दो शब्दों के बीच योजक प्रयोग होता है, जो इन शब्दों को जोड़ता है। योजक शब्द द्वंद समास की पहचान का महत्वपूर्ण तत्व होता है।
  • द्वंद्व समास में दोनों भागों संयोग समानता या विपरितता का बोध कराता है, इसके द्वारा द्वंद्व समास के अपवाद और सहयोग को पहचाना जा सकता है।
  • द्वंद्व समास के दोनों पदों के बीच यदि विराम चिन्ह, विराम स्थान, अव्यय कोई अन्य शब्द नहीं होता है, तो यह एक सामान्य द्वंद्व समास हो सकता है।
  • द्वंद्व समास के दोनों भागों का सामर्थ्य या महत्व समान होता है। इसका अर्थ है, कि वाक्यांश का अर्थ या प्रभाव दोनों पदों के बीच बराबर विपरीत होता है|

निष्कर्ष

आज का यह लेख ‘द्वन्द्व समास किसे कहते हैं: परिभाषा, भेद और उदाहरण – Dvandva Samas Kise Kahate Hain’ यहीं पर समाप्त होता है। आज किस लेख में हमने आपको समास के  एक भाग द्वंद्व समास के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की है। जैसे द्वंद्व द्वंद की पहचान कैसे करते हैं?

द्वंद समास के उदाहरण और द्वंद्व समास की परिभाषा। आशा करते हैं, हमारे द्वारा यहां प्रस्तुत किए जानकारी आपको अच्छी तरह से समझ आ गई होगी। लेकिन इसके बावजूद यदि आपको इससे  संबंधित और अधिक जानकारी चाहिए तो कमेन्ट के माध्यम से हमे जरूर बताएं।

FAQ

द्वंद्व समास क्या है?

वैसे शब्द जिनके दोनों ही पद प्रधान हो,  उन्हें द्वंद्व समास कहते हैं।

द्वंद्व समास की क्या विशेषता है?

प्रायः द्वंद्व समास में दोनों ही पद प्रधान होते हैं।  जी हाँ और द्वंद्व समास में कोई भी पद कभी गौण नहीं होता है।

दूध रोटी में कौन सा समास है?

दूध रोटी में द्वंद्व समास होगा, क्योंकि यदि इस के पद को विग्रह किया जाए तो यह दूध और रोटी कहलाएगा।

द्वंद्व समास के भेद कितने हैं?

द्वंद्व समास के तीन प्रकार होते हैं जैसे कि समाहार द्वंद्व समास, इतरेतर द्वंद्व समास,वैकल्पिक द्वंद्व समास।

द्वंद्व समास को विग्रह करने पर किन योजक शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है?

द्वंद्व समास को विग्रह करने पर विभिन्न योजक शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है जैसे कि ‘अथवा, और या आदि।