संज्ञा उपवाक्य की परिभाषा एवं उदाहरण | Sangya Upvakya

Sangya Upvakya
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संज्ञा उपवाक्य |Sangya Upvakya

संज्ञा उपवाक्य (Sangya Upvakya) की परिभाषा एवं उदाहरण: हिंदी व्याकरण से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न अक्सर प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते हैं। उन्हीं में से एक विषय है संज्ञा उपवाक्य, इससे संबंधित कुछ प्रश्न अक्सर प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते हैं।

इसलिए अभ्यार्थियों को संज्ञा उपवाक्य क्या होता है, संज्ञा उपवाक्य को कैसे पहचानते हैं तथा उनके उदाहरण के बारे में जानकारी होना आवश्यक है। इसलिए आज हम यहां संज्ञा उपवाक्य की परिभाषा एवं उदाहरण बताने वाले है। तो चलिए फिर इस लेख को बिना देर किए शुरू करते हैं –

संज्ञा उपवाक्य किसे कहते हैं | Sangya Upvakya Kise Kehete Hai

जब किसी वाक्य को छोटे भागों में विभाजित करते हैं, तो प्रधान या मुख्य भाग को पहचानने के लिए हम संज्ञा उपवाक्य का इस्तेमाल करते हैं। इस उपवाक्य में संज्ञा या कारक होते हैं, जो मुख्य वाक्य की संज्ञा को विशेषताओं,  गुणों, स्थिति, समय आदि के साथ विस्तार से बताते हैं। यह संज्ञा उपवाक्य मुख्य वाक्य का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है और पूर्ण वाक्य को समझने में मदद करता है।

इसका इस्तेमाल वाक्य कि संरचना में किया जाता है ताकि हम बता सके कि संज्ञा किस तरह की है और उसकी विशेषताओं के बारे में जानकारी प्राप्त कर सके।

दूसरे शब्दों में कहें तो संज्ञा उपवाक्य वाक्य का वह भाग होता है जो संज्ञा या कारक के रूप में प्रधान वाक्य को संपूर्ण करने में मदद करते हैं। यह उपवाक्य मुख्य वाक्य के महत्वपूर्ण अंग होते हैं और संज्ञा की विशेषताओं परिमाण गुण स्थिति समय अवस्था आदि को स्पष्ट करते हैं। इसे उदाहरण के माध्यम से और अच्छी तरह से समझाते हैं जैसे कि

उदाहरण के लिए –

‘ राम एक छात्र है‘ इस वाक्य में राम एक संज्ञा है और छात्र एक कारक है। इस प्रकार इस वाक्य में संज्ञा उपवाक्य है, एक छात्र जो प्रधान वाक्य, राम को पूरा करता है।

यहाँ एक छात्र संज्ञा उपवाक्य है, जो राम संज्ञा की विशेषताओं को स्पष्ट करता है जैसे कि राम एक छात्र है।

संज्ञा उपवाक्य, वाक्य को अधिक समझने में मदद करता है,  संज्ञा और कारक के बीच के संबंध को स्पष्ट करता हैं और संज्ञा के विशेषताओं को बयान करता हैं।

संज्ञा उपवाक्य की परिभाषा | Sangya Upvakya Ki Paribhasha

वैसे उपवाक्य जो प्रायः प्रधान उपवाक्य यानी मुख्य वाक्य की संज्ञा या कारक के रूप में मदद करें,  उन्हें संज्ञा उपवाक्य कहा जाता है। अन्य शब्दों में कहे तो, प्रधान वाक्य की किसी भी संज्ञा या संज्ञा वाक्यांश के स्थान पर इस्तेमाल होने वाले उपवाक्य को संज्ञा उपवाक्य कहा जाता है।

जैसे कि –

दिवाकर ने कहा कि वह स्कूल जाएगा। (यहां ‘वह स्कूल जाएगा’ संज्ञा उपवाक्य है)

मेरे पिताजी एक अध्यापक है (इस वाक्य में ‘एक अध्यापक’ संज्ञा उपवाक्य है)

संज्ञा उपवाक्य के उदाहरण | Sangya Upvakya Ke Udaharan

यहां हम संज्ञा उपवाक्य के कुछ उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं, जिनके माध्यम से आप संज्ञा उपवाक्य को और अच्छी तरह से समझ पाएंगे।

जैसे कि –

  • वह एक डॉक्टर है।
  • यह किताब मेरी है।
  • गुरु हमें पढ़ाई सिखाते हैं।
  • वह एक लेखक है।
  • यह पुस्तक मेरी है।
  • उसने एक गीत गाया। 
  • मुझे नहीं पता कि वह कहां है। 
  • मैं तुम्हें भूल जाऊं यह कैसे हो सकता है। 
  • मैंने सुना है कि यहां खाना अच्छा मिलता है।
  • राजा ने कहा कि तुम्हें पैसों की आवश्यकता है।
  • मैंने कहा कि उसके पिताजी घर नहीं आएंगे। 
  • इस बात से पता चलता है कि बुरे संगत का परिणाम बुरा ही होता है।
  • शायद उसे नहीं पता कि प्रेम किसे कहते हैं।
  • भगवान केवल एक है और यह धर्म की बात है।
  • शिक्षक ने कहा कि पृथ्वी गोलाकार है।
  • बच्चों ने अपने पिता से कहा कि उन्हें घूमने जाना है।

संज्ञा उपवाक्य को कैसे पहचाने

कुछ ऐसे निर्देश है, जिनका पालन प्रायः करना चाहिए इन निर्देशों के माध्यम से आप संज्ञा उपवाक्य को आसानी से पहचान पाएंगे। आइए देखते हैं, वह निर्देश क्या है –

संज्ञा कारक की पहचान करें

संज्ञा उपवाक्य में संज्ञा या कारक होता है, जो प्रधान वाक्य को पूरा करता है। वाक्य के भाग को ध्यान से पढ़ें और उसे संज्ञा या कारक की श्रेणी में गिने।

प्रधान वाक्य को ढूंढें

संज्ञा उपवाक्य के प्रधान वाक्य को ढूंढे जिसकी संज्ञा या कारक सहायता के लिए संज्ञा उपवाक्य का उपयोग किया जाता है। प्रधान वाक्य वाक्यांश हो सकता है जो उसे पूरा करने में मदद करता है।

संज्ञा या कारक के साथ संगठित होने की पहचान करें

संज्ञा उपवाक्य में संज्ञा या कारक संपूर्ण वाक्य के साथ संगठित होते हैं। यह संज्ञा या कारक प्रधान वाक्य की विशेषताओं, परिमाण, स्थिति, समय आदि को स्पष्ट करता है।

पूर्ण वाक्य की संरचना पर ध्यान दें

संज्ञा उपवाक्य एक पूर्ण वाक्य का हिस्सा होता है इसलिए वाक्य के अन्य भागों के साथ मिलाकर संज्ञा उपवाक्य को पहचाने।

निष्कर्ष

आज का यह लेख ‘संज्ञा उपवाक्य (Sangya Upvakya) की परिभाषा एवं उदाहरण’ यहीं पर समाप्त होता है। आज के इस लेख में हमने संज्ञा उपवाक्य किसे कहते हैं तथा संज्ञा उपवाक्य को कैसे पहचानते हैं के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की है।

उम्मीद करते हैं, इस लेख को पढ़ने के बाद संज्ञा उपवाक्य क्या है अच्छी तरह से समझ गए होंगे। हालांकि इसके बावजूद यदि आपको इस लेख से संबंधित और अधिक जानकारी चाहिए तो नीचे कमेंट के माध्यम से आप अपनी बात हम तक जरूर पहुंचा सकते हैं |

इसी के साथ यदि आपको यह लेख पसंद आया हो कृपया इसे जितना हो सके उतना अधिक शेयर करें ताकि लोगों के बारे में जानकारी प्राप्त हो सके।

FAQ

संज्ञा उपवाक्य क्या है?

वैसे उपवाक्य जो प्रायः प्रधान उपवाक्य यानी मुख्य वाक्य की संज्ञा या कारक के रूप में मदद करें,  उन्हें संज्ञा उपवाक्य कहा जाता है।

संज्ञा उपवाक्य किसका भेद है?

संज्ञा उपवाक्य आश्रित उपवाक्य का भेद है।

संज्ञा उपवाक्य की पहचान क्या है।

संज्ञा उपवाक्य अपने आप में पूर्ण वाक्य होता है, जो प्रधान वाक्य की संज्ञा या कारक को पूरा करता है। इसलिए संज्ञा उपवाक्य का आरंभ आमतौर पर संज्ञा या कारक के साथ होता है और यही संज्ञा उपवाक्य की पहचान है।

संज्ञा उपवाक्य का उदाहरण क्या है?

संज्ञा वाक्य का उदाहरण है – बच्चे खेल रहे हैं, यह एक ऊंचा शिखर है, यह एक बड़ा घर है।

उपवाक्य कितने प्रकार के होते हैं?

उपवास के तीन प्रकार के हैं – संज्ञा उपवाक्य, विशेषण उपवाक्य, क्रिया विशेषण वाक्य।