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संज्ञा
संज्ञा की परिभाषा तो हम सभी जानते हैं। हम संक्षिप्त में संज्ञा का परिचय जान लेते हैं। सामान्य शब्दों में कहा जाए तो, किसी भी, व्यक्ति/ प्राणी, वस्तु अथवा स्थान के नाम को संज्ञा कहते हैं।
संज्ञा के पांच प्रकार होते हैं,
1 व्यक्ति वाचक संज्ञा
2 जातिवाचक संज्ञा
3 भाववाचक संज्ञा
4 द्रव्य वाचक संज्ञा
5 समूह या समुदाय वाचक संज्ञा
आज हम संज्ञा के प्रकार, भाववाचक संज्ञा के विषय में संपूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे।
भाववाचक संज्ञा किसे कहते हैं ?
भाव का शाब्दिक अर्थ होता है, मन में उठने वाले विचार या भावना। इस प्रकार हिन्दी व्याकरण के अनुसार, भाववाचक संज्ञा की परिभाषा इस प्रकार होती है, ” जिन संज्ञा शब्दों से, किसी भी व्यक्ति / प्राणी या वस्तु के भाव, विचार, स्वभाव, स्थिति या गुणधर्मों का पता चलता है, उन्हें भाववाचक संज्ञा कहते हैं। “
जैसे, अच्छा, बुरा, उत्कृष्ट, खट्टा, दर्द, ईर्ष्या, ईर्ष्यालु, कंजूस, ढीठ, सर्वोच्च, ठोस, लंबाई, चौड़ाई, तरल, तेजस्वी, कुरुप, सुंदर, सुंदरता, अमीरी, गरीबी, मोटापा, बचपना, बचपन, जवानी, बुढ़ापा इत्यादि।
भाववाचक संज्ञा के उदाहरण
उदाहरण के लिए निम्नलिखित वाक्यों को पढ़िए,
1 सुरेश, राजेश से बड़ा है।
2 चाय बहुत ज्यादा मीठी बनी है।
3 राहुल और मेरी दोस्ती बहुत गहरी है।
4 गरीबी के कारण कई बच्चे भीख मांगने के लिए मजबूर है।
5 कई वर्षों के संघर्ष के बाद, हमें आजादी मिली थी।
6 रत्ना ने उस अजनबी बुढ़िया को रास्ता पार कराया।
7 मां बहुत गुस्सा हो रही है।
8 अपने भाई को देखकर, मीना के चेहरे पर मुस्कराहट आ गई।
9 बचपन, किशोरावस्था, जवानी और बुढ़ापा जीवन की अवस्थाएं हैं।
10 मुझे बहुत प्यास लगी है।
11 गीता एक महान ग्रंथ है।
12 बेजुबान पशुओं के लिए मन में दया होनी चाहिए।
15 मेहनती इंसान सफलता मिलती है।
16 अर्जुन एक शौर्यवान योद्धा था।
17 कुएं की गहराई बहुत ज्यादा है।
18 महंगाई ने सबकी कमर तोड कर रख दी है।
19 पापी इंसान को नर्क में जाना पड़ता है।
20 सच्चाई की चमक खुद ही दिखाई देती है।
इन सभी वाक्यों में, अंडरलाइन किए गए सभी शब्द, किसी भावना, गुण, स्वभाव या स्थिति को दर्शाने वाले शब्द हैं, इसलिए ये सभी भाववाचक संज्ञा हैं।
भाववाचक संज्ञा के प्रकार
भाव वाचक संज्ञा, पांच प्रकार से बनती हैं,
1 जाति वाचक संज्ञा से
2 विशेषण से
3 सर्वनाम से और
4 क्रिया पद से
5 अव्यय से
आईए इन्हें उदाहरण सहित, और अधिक अच्छे से समझते हैं।
– जाति वाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा बनाना
महिला | महिलाएं |
---|---|
बच्चा | बच्चें |
जमी़दार | जमींदारी |
पुरुष | पुरुषत्व |
सेवक | सेवा |
शत्रु | शत्रुता |
चतुर | चतुराई |
– विशेषण से भाववाचक संज्ञा बनाना
वीर | वीरता |
---|---|
उदास | उदासीन |
मूर्ख | मूर्खता |
लंबा | लंबाई |
मीठा | मीठास/मीठापन |
इमानदार | इमानदारी |
महान | महानता |
– सर्वनाम से भाववाचक संज्ञा बनाना
अहं | अहंकार |
---|---|
सर्व | सर्वस्व |
वैयक्तिक | वैयक्तिकता |
निज | निजता, निजत्व |
आप | आपा |
– क्रिया पद से भाववाचक संज्ञा बनाना
नाचना | नाच |
---|---|
पागलपन | पागल |
पढ़ना | पढ़ाकू |
लिखना | लेख |
रोना | रोंदू |
पूजना | पूजक |
चिकित्सा | चिकित्सक |
– अव्यव से भाववाचक संज्ञा बनाना
शीघ्र | शीघ्रता |
---|---|
दूर | दूरी |
निकट | निकटता |
व्यवहार | व्यवहारिकता |
नीच | निचता |
दूर | दूरी |
अंदर | अंदरुनी |
FAQ
भाववाचक संज्ञा की क्या पहचान है?
जो संज्ञा शब्द से किसी भी व्यक्ति / प्राणी या वस्तु के भाव, विचार, स्वभाव, स्थिति या गुणधर्मों का पता चलता है उसे भाववाचक संज्ञा कहते है। उदाहरण के स्वरुप ईर्ष्या, ईर्ष्यालु, कंजूस, ढीठ, सर्वोच्च, ठोस, लंबाई, चौड़ाई।
badalna Shabd ka bhavavachak sangya kya hai
बदलना शब्द का भाववाचक संज्ञा बदलाव है।
Gana Shabd ka bhav vachak sangya kya hoga
गाना शब्द का भाववाचक संज्ञा गान है।
हिन्दू का भाववाचक संज्ञा क्या है ?
हिन्दू शब्द का भाववाचक संज्ञा हिन्दुत्वा है।