क्या आप जानते है, हिन्दी व्याकरण में काल किसे कहते है (Kaal Kise Kahate Hain), काल की परिभाषा क्या है, काल के भेद कितने है या काल के उदाहरण क्या है? यदि आपको काल के बारे में संपूर्ण जानकारी नहीं है तो इस लेख को शुरू से अंत तक बहुत ही ध्यानपूर्वक पढ़े।
दरअसल काल हिन्दी व्याकरण का एक ऐसा विषय है, जिनसे वर्तमान समय आने वाला समय और जो बीत गया है, उन समय के बारे में जानकारी देती है। यह एक ऐसा प्रश्न है, जिसके बारे में हर एक परीक्षा में पूछा जाता है।
इसलिए इस विषय को सही ढंग से समझना बहुत जरूरी होता है। तो चलिए बिना देर किए इस लेख को शुरू करते हैं और जानते हैं, काल किसे कहते हैं (What is Tense)
Table of Contents
काल किसे कहते हैं (What is Tense) | Kaal Kise Kahate Hain
हिंदी भाषा में काल का मतलब होता है, समय जो की हमारे जीवन में घटित हो रहे विभिन्न कामों और घटनाओं को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण तत्व है, जिससे हम किसी भी समय किसी भी क्रिया को जान सकते हैं।
काल एक ऐसी प्रक्रिया है, जिससे हम किसी भी क्रिया को वर्तमान, भूत या भविष्य काल के रूप में दर्शा सकते हैं।
काल की परिभाषा क्या है
क्रिया का ऐसा रूप जिसके करण किसी भी कार्य को करने या होने के समय का पता चले या ज्ञान हो उसे काल कहा जाता है। अन्य शब्दों में कहा जाए, तो जिनके कारण क्रिया के करने के समय का बोध हो वह काल कहलाते हैं।
जैसा कि हमने बताया काल शब्द का शाब्दिक अर्थ, ‘समय’ होता है जो की क्रिया के ऐसे रूपांतरण को कहते हैं, जिससे किसी भी कार्य को करने के समय उसके पूर्ण तथा अपूर्ण अवस्था का ज्ञान हो।
जैसे की –
- तुम्हें तीन बजे आना चाहिए था।
- वह आज नहीं आएगा।
- तुम इस समय क्या कर रहे हो?
काल के उदाहरण क्या है
यहां नीचे हम काल के कुछ उदाहरण बता रहे हैं, जिनके माध्यम से आप बहुत अच्छी तरह से समझ जाएंगे कि काल क्या होता है –
- सुनील जाता होगा।
- मोहन खाता होगा।
- मीनाक्षी स्कूल जा रही है।
- प्रिया गाना गाती है।
- दिवाकर मेहनत करेगा, तो ही सफलता प्राप्त होगी।
- वह कल खेलने गया था।
- वह बाजार पिछले साल गया था।
- रीता खाती है।
- मैं खेलूंगा।
- शायद सोहन चला जाए।
काल के कितने भेद होते हैं
हिंदी व्याकरण में काल के मुख्यतः तीन भेद होते हैं, जिनके बारे में प्रत्येक लोग जानते हैं। परंतु इन तीनों भेदों के भीतर भी विभिन्न भेद होते हैं, जिनके बारे में हम यहां नीचे और भी विस्तार से बात करेंगे।
लेकिन पहले हम काल के तीनों प्रकार के बारे में जानते हैं।
जैसे की –
- वर्तमान काल (Present Tense)
- भूतकाल (Past Tense)
- भविष्य काल (Future Tense)
वर्तमान काल (Present Tense)
ऐसा समय या ऐसे कार्य जो अभी हमारे साथ चल रहा है उसे वर्तमान काल कहा जाता है। दूसरे शब्दों में कहे तो क्रिया का ऐसा रूप जिसे वर्तमान में हो रहे कार्यों का बोध हो या कार्य का पता चले, उन्हें वर्तमान काल कहते हैं।
जैसे की –
- मोहन खाना खा रहा है।
- तुम क्या कर रही हो?
- मैं गाना गा रहा हूँ।
- सोहन दौड़ रहा है।
ऊपर दिए गए वाक्यों से हमें वर्तमान समय में होने वाली क्रियो का पता चल रहा है अतः यह वर्तमान कल कहलाएंगे। ध्यान रहे, वर्तमान काल के वाक्यों के अंत में प्रायः है, हूँ, हो आदि जैसे शब्द प्रयोग किए जाते हैं।
हिंदी व्याकरण के अनुसार वर्तमान काल के मुख्तः 6 भेद होते हैं। जो कुछ इस तरह है, जैसे की –
- सामान्य वर्तमान काल
- अपूर्ण वर्तमान काल
- पूर्ण वर्तमान काल
- संदिग्ध वर्तमान काल
- तत्कालीन वर्तमान काल
- संभाव्य वर्तमान काल
सामान्य वर्तमान काल
क्रिया का वह रूप जिससे वर्तमान में हो रहे कार्यों का पता चलता है, उसे सामान्य वर्तमान काल कहा जाता है। अन्य शब्दों में कहे तो सामान्य रूप से जो भी क्रियाएं वर्तमान में हो रही होती है वह क्रिया सामान्य वर्तमान काल कहलाती हैं।
उदाहरण के लिए –
- शिक्षक पढ़ाते हैं।
- राम स्कूल जाता है।
- मीरा पुस्तक पढ़ती है।
- राम बच्चे पार्क में खेलते हैं।
- ऋतिक खिलौने से खेलता है।
अपूर्ण वर्तमान काल
क्रिया का वह रूप जिससे इस बात का पता चले की वर्तमान समय में हो रहे कार्य अभी संपन्न नहीं हुआ है और वह अभी भी चल रहा है तो उन्हें अपूर्ण वर्तमान काल कहा जाता है।
उदाहरण के लिए –
- अनुराग लिख रहा है।
- मोहन स्कूल जा रहा है।
- बच्चे खेल रहे हैं।
- आर्या पढ़ रही है।
- अंश खाना खा रहा है।
- शीतल नाच रही है।
ऊपर दिए गए वाक्यों से यह साफ तौर पर पता चल रहा है, कि कार्य अभी संपन्न नहीं हुआ है बल्कि चल रहा है।
पूर्ण वर्तमान काल
क्रिया का वह रूप जिससे इस बात का पता चले कि वर्तमान समय में हो रहे कार्य पूर्ण रूप से समाप्त हो चुके हैं तो उन्हें पूर्ण वर्तमान काल कहा जाता है।
उदाहरण के लिए –
- राम घर आया है।
- हीरा ने पुस्तक पढ़ी है।
- छात्र स्कूल गए हैं।
- राधा ने खाना बनाया है।
- बच्चे खेलने गए हैं।
- राम ने गीत गया है।
ऊपर दिए गए वाक्य से यह साफ तौर पर पता चल रहा है कि जो भी कार्य हो रही है, वह पूर्ण हो चुकी है अथवा समाप्त हो चुकी है।
संदिग्ध वर्तमान काल
क्रिया का वह रूप जहां कार्य में संदेह उत्पन्न हो उसे संदिग्ध वर्तमान काल कहा जाता है। सरल शब्दों में कहें, तो वर्तमान में हो रहे कार्य में जब संदेह प्रकट होता है कि हो सकता है यह काम हो गया होगा या नहीं हुआ होगा तो उन्हें संदिग्ध वर्तमान काल कहा जाता है।
उदाहरण के लिए –
- दीपक ने पुस्तक खरीदी होगी।
- हलवाई मिठाइयां बनता होगा।
- अंश सिनेमा में मनोरंजन करता होगा।
- आज शिक्षक आई होगी।
- घर पर माँ खाना बना रही होगी।
- बच्चे पढ़ते होंगे।
- पिताजी खाना खाते होंगे।
दिए गए वाक्यों में यह पता चलता है, कि कार्य अभी निश्चित रूप से नहीं किया गया है, क्योंकि उसमें संदेह की स्थिति साफ तौर पर नजर आ रही है। इसलिए इन्हें संदिग्ध वर्तमान काल कहते हैं। ऐसे वाक्यों के अंत में अक्सर ‘होगी, होगा, होंगे’ जैसे शब्द प्रयोग किए जाते हैं।
तत्कालीन वर्तमान काल
क्रिया का वह रूप जिससे इस बात का ज्ञान होता है, कि कार्य अभी वर्तमान काल में हो रहा है, उन्हें तत्कालीन वर्तमान काल कहा जाता है।
उदाहरण के लिए –
- रीता खाना खा रही है।
- मैं विद्यालय जा रहा हूँ।
- सुमन पढ़ रही है।
- अंश खेल रहा है।
- प्रिया सो रही है।
- नव्या नाच रही है।
संभाव्य वर्तमान काल
क्रिया का वह रूप जिससे यह पता चलता है, कि अभी वर्तमान में कार्य के पूरा होने की संभावना हो तो ऐसी स्थिति में संभाव्य वर्तमान काल कहा जाता है। जैसा की संभाव्य शब्द से पता चल रहा है कि इस शब्द का मतलब संभावित होना या संभावना होना होता है।
उदाहरण के लिए –
- मीरा ने खाना खाया हो।
- वह नाच रहा हो।
- वह चलता हो।
- राम सोता हो।
- ऐसा ना हो।
- दिव्या खाती हो।
- पूजा नाचती हो।
- गीत गाती हो।
भूतकाल (Past Tense)
ऐसा समय जो पहले ही बीत चुका हो या कोई ऐसा कार्य जो पहले ही समाप्त हो चुका हो भूतकाल कहलाता है। अन्य शब्दों में कहें तो क्रिया का वह रूप जो बीत चुके यानी समाप्त हो चुके कार्यो का बोध हो तो उसे भूतकाल कहा जाता है।
जैसे कि –
- शाम खाना बना रहा था।
- सीता गाना गा रही थी।
- क्या तुम कल विद्यालय गए थे?
- बच्चे खेल रहे थे।
ऊपर दिए गए वाक्यों में बीते समय में होने वाली क्रियाओं का पता चल रहा है यानी कि जो काम कुछ समय पहले या कुछ दिनों पहले हो चुका हो भूतकाल कहलाता है। ध्यान रहे भूतकाल वाक्यों के अंत में प्रायः था, थी, थे जैसे शब्दों का प्रयोग किया जाता है।
हिन्दी व्याकरण में भूतकाल के भी मुख्यतः पाँच भेद होते है। जैसे कि –
- सामान्य भूतकाल
- आसन भूतकाल
- पूर्ण भूतकाल
- अपूर्ण भूतकाल
- संदिग्ध भूतकाल
- हेतुहेतुमद् भूत
सामान्य भूतकाल
ऐसी क्रियाएं जिनके माध्यम से क्रिया होने का कोई खास समय का पता ना चले, उन क्रियो को सामान्य भूतकाल कहा जाता है। सरल शब्दों में कहे तो बीते समय में पूर्ण किए गए कार्यों का जब सही समय नहीं पता चलता है यानी की समाप्त की गई क्रिया कब खत्म हुई इसकी जानकारी नहीं होती है, तो उन्हें सामान्य भूतकाल कहा जाता है।
उदाहरण के लिए –
- रीता ने खाना खा लिया।
- सोहन आया।
- वर्षा हुई।
- माँ बाजार गई।
- शिक्षक ने कक्षा में भाषण दिया।
- बच्चों ने पुस्तक पढा।
- लड़कों ने मैदान में खेला।
आसन भूतकाल
क्रिया का वह रूप जिसस क्रिया के खत्म होने का या समाप्त होने का समय स्पष्ट हो वह आसन भूतकाल कहलाता है। क्रिया का वह रूप जिससे यह पता चले की क्रिया अभी हाल ही में समाप्त हुई है, तो उसे आसन भूतकाल कहा जाता है।
उदाहरण के लिए –
- राम ने आम खाया है।
- धीरज अभी सो कर उठा है।
- शिक्षक अभी पढ़ाकर आ रहे हैं।
- राजवीर घूमने गया है।
- सीता थोड़ी देर पहले ही मार्केट गई है।
पूर्ण भूतकाल
क्रिया का वह रूप जिससे क्रिया के खत्म होने का या समाप्त होने का समय स्पष्ट ना हो वह पूर्ण भूतकाल कहलाता है। दूसरे शब्दों में कहें तो जिससे इस बात का ज्ञान हो की क्रिया पहले ही पूरी हो चुकी है, उसे पूर्ण भूतकाल कहते हैं।
उदाहरण के लिए –
- वह विद्यालय गया था।
- सीता मार्केट गई थी।
- भारत पर अंग्रेजों का शासन हुआ करता था।
- प्रेमचंद ने कई कहानियां लिखी थी।
- महात्मा गांधी ने अहिंसा के रास्ते पर चलना सिखाया था।
- सुबह चिड़िया चहचहा रही थी।
ऊपर दिए गए वाक्यों से साफ तौर पर यह ज्ञान हो रहा है, कि सभी क्रियाएं पहले ही पूरी हो चुकी है। और इतना ही नहीं वाक्य के अंत में चुका था, चुकी थी, चुके थे जैसे शब्दों का इस्तेमाल भी किया गया है, जिसे यह पता चल रहा है कि यह पूर्ण भूतकाल है।
अपूर्ण भूतकाल
क्रिया का वह रूप जिससे यह पता चले की बीते समय में क्रिया समाप्त नहीं हुई थी, उन्हें अपूर्ण भूतकाल कहा जाता है। अन्य शब्दों में कहे, तो ऐसी क्रियाएं जिससे यह पता चले की क्रिया संपन्न नहीं हुई है बल्कि अभी भी चल रही है वह अपूर्ण भूतकाल कहलाती है।
उदाहरण के लिए –
- दिव्या मेला जा रही थी।
- शशांक भाषण दे रहा था।
- गीता गीत गुनगुना रही थी।
- राम सो रहा था।
- नैना पढ़ाई कर रही थी।
संदिग्ध भूतकाल
क्रिया का वह रूप जिसस किसी भी कार्य के होने में संदेह उत्पन्न होता हो, उसे संदिग्ध भूतकाल कहा जाता है। अन्य शब्दों में कहे तो, ऐसे कार्य जिन्हें होने में संदेह प्रकट हो यानी यह कार्य पूरा हुआ होगा या नहीं तो ऐसी स्थिति को संदिग्ध भूतकाल कहा जाता है।
उदाहरण के लिए –
- राम की बस छूट गई होगी।
- यह जरूर टूट गया होगा।
- अभी तो दुकान बंद हो चुकी होगी।
- कल विद्यालय बंद होगा।
- इस समय पानी नहीं मिलेगा।
- शशांक खाना खा चुका होगा।
हेतुहेतुमद् भूत
ऐसी क्रियाएं जिनमे एक क्रिया के होने पर दूसरी क्रिया भी निर्भर करती हो, वह हेतुहेतुमद भूतकाल कहलाता है। अन्य शब्दों में कहे तो, जब किसी एक क्रिया के होने या ना होने पर कोई अन्य क्रिया का होना या ना होना निर्भर करता है।
अर्थात किसी भी कार्य के होने या ना होने का वर्णन दूसरे वाक्य में कारण के साथ प्रस्तुत किया जाए तो उन्हें हेतुहेतुमद भूतकाल कहा जाता है। जिससे यह स्पष्ट होता है, कि भूतकाल में कोई क्रिया होने वाली थी परंतु किसी कारण से वह कार्य संपन्न ना हो सका हो।
उदाहरण के लिए –
यदि आज धूप अच्छी निकलती, तो कपड़े सूख जाते।
यदि तुमने परीक्षा के लिए कड़ी मेहनत की होती, तो आज तुम पास हो जाते।
यदि वर्षा अच्छे से हुई होती, तो फसल लहलाकर होती।
भविष्य काल (Future Tense)
क्रिया का वह रुप जो आने वाले समय में क्या होगा या क्या होने वाला है आदि के बारे में बताएं तो उसे भविष्य काल कहते है। अन्य शब्दों में कहें तो, जो किसी भी कार्य के भविष्य का बोध कराएं यानी एक समय के बाद किसी के साथ क्या होगा, नहीं होगा आदि की जानकारी दें, तो उसे भविष्य काल कहते है।
हिन्दी व्याकरण के अनुसार भविष्य काल के मुख्यतः तीन प्रकार होते है। जैसे कि –
- सामान्य भविष्यत काल
- सम्भाव्य भविष्यत काल
- हेतुहेतुमद्भविष्य भविष्यत काल
सामान्य भविष्यत काल
क्रिया का वह रूप जिसमें सामान्य तरीके से किसी क्रिया के भविष्य का पता चलता हो, वह सामान्य भविष्य काल कहलाती है।
उदाहरण के लिए –
- राम घर जाएगा।
- बच्चे मैदान में क्रिकेट खेलेंगे।
- सौरभ विद्यालय जाएगा।
- दीपक बाजार जाएगा।
- मीनाक्षी अखबार बेचेगा।
सम्भाव्य भविष्यत काल
भविष्य में होने वाले ऐसे कार्य जिसमें संभावना उत्पन्न होती हो यानी कि जिसे पूरा होने या ना होने का पूर्ण ज्ञान ना हो तो उसे संभाव्य भविष्य काल कहा जाता है।
उदाहरण के लिए –
शायद परीक्षा में मैं उत्तीर्ण हूँ।
क्या पता कर पकड़ा जाए।
हो सकता है मैं कल ऑफिस जाऊं।
हो सकता है कल हम अच्छे पकवान बनाउं।
हेतुहेतुमद्भविष्य भविष्यत काल
भविष्य में होने वाले यानी कि आने वाले समय में होने वाले कार्य को पूरा करने के लिए जब दूसरे आने वाले कार्य या समय पर निर्भर करें, तो उन क्रियाओ को हेतुहेतुमद विषय भविष्यत काल कहा जाता है।
उदाहरण के लिए –
- भाई कमाए तो, मैं मौज करूं।
- मनोज घर आए, तो मैं भी जाऊं।
- मीनाक्षी गाना गए, तो मैं नाचू।
- सरोज विद्यालय जाए, तो मैं भी जाऊं।
निष्कर्ष
इस लेख में आज हमने जाना कि काल किसे कहते है (Kaal Kise Kahate Hain), काल की परिभाषा क्या है, काल के भेद कितने है तथा काल के उदाहरण क्या है?
उम्मीद करते है आज का यह लेख आपको अच्छी तरह समझ आ गया होगा लेकिन इसके बाद भी यदि इस विषय से संबंधित आपको और अधिक जानकारी चाहिए तो निचे Comment के माध्यम से हमें जरूर बताएं।
क्योंकि हम आपके प्रश्नो का उत्तर बहुत जल्द देंगे। लेकिन यदि यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे जितना हो सके उतना ज्यादा share करे।
FAQ
काल का शाब्दिक अर्थ क्या होता है?
काल का शाब्दिक अर्थ समय होता है।
वर्तमान काल के कितने भेद होते हैं?
वर्तमान काल के मुख्तः 6 भेद होते हैं जैसे कि – सामान्य वर्तमान काल, अपूर्ण वर्तमान काल, पूर्ण वर्तमान काल, संदिग्ध वर्तमान काल, तत्कालीन वर्तमान काल, संभाव्य वर्तमान काल।
भूतकाल किसे कहते हैं?
ऐसी क्रियाएं जो बीते समय में ही संपन्न हो चुकी हो वह भूतकाल कहलाती हैं।
भविष्य काल के कितने भेद होते हैं?
भविष्य काल के मुख्तः तीन भेद होते हैं – सामान्य भविष्यत काल, सम्भाव्य भविष्यत काल, हेतुहेतुमद्भविष्य भविष्यत काल।